पटना : बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोगके पेपर लीक मामले में नया खुलासा होने के बाद बिहार में विपक्ष को एक नया मुद्दा मिल गया है. विपक्ष इसे लेकर सदन से लेकर सड़क तक आंदोलन करने की तैयारी में है. बजट सत्र के दौरानआज विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेताओं ने बीएसएसी मामले में मंत्री आलोक मेहता और कृषणनंदन वर्मा की बरखास्तगी की मांग को लेकर अंदर से बाहर तक जमकर हंगामा किया.
मंत्रियों को बरखास्त करने की मांग
बीजेपी नेताओं ने तत्काल इन दोनों मंत्रियों को बरखास्त करने की मांग की . इतना ही नहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि दोनों मंत्रियों को तत्काल सरकार पहले हटाये. साथ ही मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के ओएसडी शंकर प्रसाद को भी घेरे में लेते हुए जांच करने की बात कही. गौरतलब हो कि पैरवी करने वालों में तेज प्रताप यादव के ओएसडी शंकर प्रसाद का नाम भी सामने आया है.
सदन की कार्यवाही हुई बाधित
आज हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही एक घंटे पहले स्थगित करनी पड़ी. वहीं दूसरी ओर विपक्ष के हंगामे के बीच सहकारिता मंत्री और बीएसएससी के गिरफ्तार सचिव परमेश्वर राम को मैसेज करने के आरोपों में घिरे आलोक मेहता ने मीडिया से कुछ नहीं कहा. आलोक मेहता ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि वे लोग सार्वजनिक जीवन में हैं और लोग पैरवी के लिये आते रहते हैं. वहीं दूसरी ओर कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि मैं एक सामाजिक आदमी हूं और कई लोग मिलने के लिये आते रहते हैं. इस घोटाले की परत खुलने के बाद बिहार सरकार के कई मंत्री घिरते नजर आ रहे हैं वहीं राजनीति पूरी तरह गरमायी हुई है.