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राजद के मंत्री नहीं आते पार्टी कार्यालय
अवहेलना : लालू प्रसाद के निर्देश के बावजूद नवंबर, 2016 में उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री व वित्त मंत्री के बाद नहीं आया कोई मंत्री पटना :महागंठबंधन में शामिल राजद कोटे के मंत्री अब पार्टी कार्यालय में नहीं आ रहे हैं. पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की मांग के बाद राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने […]
अवहेलना : लालू प्रसाद के निर्देश के बावजूद नवंबर, 2016 में उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री व वित्त मंत्री के बाद नहीं आया कोई मंत्री
पटना :महागंठबंधन में शामिल राजद कोटे के मंत्री अब पार्टी कार्यालय में नहीं आ रहे हैं. पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की मांग के बाद राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने मंत्रियों को पार्टी कार्यालय में बैठने का निर्देश दिया था. वहां पर आम लोगों की समस्याओं की सुनवायी करने को कहा गया था. लालू प्रसाद के निर्देश के बाद पार्टी कार्यकर्ता खुश थे. राजद प्रमुख के निर्देश के बाद तीन मंत्री पार्टी कार्यालय में आकर कार्यकर्ताओं का दरबार भी लगाया. उसके बाद कोई मंत्री पार्टी कार्यालय झांकने भी नहीं आया है.
राजद कोटे से मंत्रियों में सहकारिता मंत्री आलोक मेहता, कृषि मंत्री राम विचार राय, परिवहन मंत्री चंद्रिका राय, कला संस्कृति एवं युवा मंत्री शिवचंद्र राम, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर, आपदा प्रबंधन मंत्री चंद्रशेखर, खाद्य एवं भूतत्व मंत्री मुनेश्वर चौधरी, पर्यटन मंत्री अनिता देवी और श्रम संसाधन मंत्री विजय प्रकाश शामिल हैं.
महागंठबंधन की सरकार बनने के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने नवंबर 2016 में निर्देश दिया था कि हर दिन पार्टी कोटे का कोई न कोई मंत्री पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उनकी समस्याओं का निदान करेगा. यह परंपरा पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के कार्यकाल में शुरू हुई थी. उस समय प्रति दिन एक मंत्री पार्टी कार्यालय में आकर कार्यकर्ताओं की समस्याओं के निबटाने का काम करते थे. इसके बाद फिर से नवंबर 2016 में यह परंपरा शुरू की गयी. तय हुआ कि प्रतिदिन नहीं तो सप्ताह में एक मंत्री पार्टी कार्यालय आकर कार्यकर्ताओं की समस्याओं का निबटारा करें.
लालू प्रसाद के निर्देश के बाद पार्टी कार्यालय में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने आकर इसकी शुरुआत की. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव पार्टी कार्यालय पहुंच कर दरबार लगाया. वित्त मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी तीसरे मंत्री रहे जिनको पार्टी कार्यालय बुलाकर जनता की समस्याओं की सुनवाई कराया गया. मंत्रियों का पार्टी कार्यालय आने का काम छठ के पहले तक तो हुआ. छठ के पहले सहकारिता मंत्री आलोक मेहता की बारी थी. उस समय यह बात सामने आयीकि पर्व के कारण इसे स्थगित कर दिया जाये. छठ के बाद पार्टी कार्यालय में मंत्री बैठेंगे.
राज्य कार्यसमिति की बैठक बुलाने की तैयारी की जा रही है. कार्यसमिति के 15 सदस्यों द्वारा हस्ताक्षर किया जा चुका है. कार्यसमिति में इस बात को रखा जायेगा. इसकी लिखित सूचना प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय अध्यक्ष को दी जायेगी. साथ ही फिर से मांग रखी जायेगी कि पार्टी कार्यालय में एक मंत्री हर सप्ताह आकर आम जनता की समस्याओं का निबटारा करें.
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