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बीपीएससी प्री आज 13 हजार छात्र नहीं दे पायेंगे परीक्षा

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा के एक दिन पहले दर्जनों अभ्यर्थियों ने शनिवार को कार्यालय गेट पर प्रदर्शन किया. आयोग पर पैसे ले लेने और एडमिट कार्ड जारी नहीं करने का आरोप लगाया. रविवार को आयोजित होने वाली परीक्षा में करीब 2.5 लाख परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें से करीब […]

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा के एक दिन पहले दर्जनों अभ्यर्थियों ने शनिवार को कार्यालय गेट पर प्रदर्शन किया. आयोग पर पैसे ले लेने और एडमिट कार्ड जारी नहीं करने का आरोप लगाया. रविवार को आयोजित होने वाली परीक्षा में करीब 2.5 लाख परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें से करीब 13 हजार का एडमिट कार्ड जारी नहीं किया गया है.

इस पर आयोग का कहना है कि जिन परीक्षार्थियों ने दूसरे चरण का फॉर्म पूरा नहीं भरा था, उनका एडमिट कार्ड रोका गया है. विज्ञापन छापकर उन्हें आवेदन की हार्ड कॉपी जमा करने के निर्देश दिये गये थे, बावजूद इसके उन्होंने जमा नहीं किया. जबकि परीक्षार्थियों का कहना है कि आयोग की वेबसाइट का सर्वर डाउन था, जिसकी वजह से हार्ड कॉपी प्रिंट नहीं की जा सकी. प्रदर्शन के दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच हल्की झड़प भी हुई. इसके बाद रैफ पुलिस बुलाया गया. मामला बिगड़ने की आशंका को देखते हुए दर्जनों प्रदर्शनकारियों को पुलिस बस में बिठाकर सचिवालय थाना ले जाया गया, जिसे बॉन्ड भराने के बाद छोड़ दिया गया.

पहले पेमेट लिया, फिर फॉर्म भरा
केंद्र न राज्य की अन्य परीक्षाओं में ऑनलाइन आवेदन के वक्त पहले फॉर्म भरा जाता है, फिर अंतिम प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन शुल्क भुगतान किया जाता है. लेकिन बीपीएससी की प्रक्रिया थोड़ी उलटी थी. इसमें आवेदकों से पहले ऑनलाइन शुल्क वसूला लिया गया, फिर फॉर्म भरने की प्रक्रिया पूरी हुई. अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन के दौरान ऑनलाइन पेमेंट की स्लिप भी दिखायी और आयोग पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया.
महाराष्ट्र, भोपाल और दिल्ली से पहुंचे परीक्षार्थी
प्रदर्शन करने वालों कुछ ऐसे भी थे जो महाराष्ट्र, इंदौर और दिल्ली से पहुंचे थे. इंदौर से आये बलजीत कुमार ने कहा कि वह पिछले कई सालों से बीपीएससी की तैयारी कर रहे हैं. वहीं, महाराष्ट्र के नांदेड़ से आये कमल नयन और दिल्ली से आये प्रिंस कुमार ने आयोग के फैसले को छात्र विरोधी बताया.
पढ़ें या केस लड़े
मुजफ्फरपुर से आयी प्रियंका राय ने कहा कि जब उन्होंने एडमिट कार्ड के लिए आयोग के अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्होंने कोर्ट जाने की सलाह दी. राज्य के विद्यार्थी पढ़ाई करे या केस लड़े. हमलोगों के पास केस लड़ने के पैसे तक नहीं हैं.
न्यायालय से लगायी गुहार
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने मामले में सरकार और न्यायालय को संज्ञान लेने की अपील की. दिल्ली से आये चंदन कुमार ने कहा कि आयोग की नाकामी का खामियाजा छात्र क्यों भुगते. करीब 13 हजार अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है.
सही तरीके से नहीं भरा फाॅर्म : आयोग
आयोग के सचिव प्रभात कुमार सिन्हा ने बताया कि लगभग 13 हजार छात्रों को एडमिट कार्ड नहीं मिला है. ये वैसे लोग हैं जिन्होंने सही तरीके से फाॅर्म नहीं भरा. फार्म भरने की पूरी प्रक्रिया की जानकारी आयोग ने अपने विज्ञापन में दी थी. ऑनलाइन फाॅर्म भरना था और शुल्क जमा करना था. पहले स्टेज में शुल्क जमा कर फाॅर्म भरना था. 24 घंटे बाद आयोग के पोर्टल पर जाकर एडमिट भरना था. जिन लोगों ने नहीं भरा, उन्हें एडमिट कार्ड नहीं मिला. कितने लोगों ने सही तरीके से फाॅर्म नहीं भरा, इसकी समीक्षा होगी. यह भी देखा जायेगा कि इसमें कितने लोगों ने फीस जमा की है.

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