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नये नियम से ठप पड़ी कृषि यंत्रों की बिक्री

पटना : सब्सिडी के भुगतान के नये नियम के कारण राज्य में कृषि यंत्रों की खरीद ठप पड़ गया. 2016-17 में राज्य सरकार ने किसानाें को कृषि यंत्रों की खरीद पर लगभग 50 प्रतिशत सब्सिडी के लिए 175 करोड़ रुपये का आवंटन किया था. मुश्किल से इस मद में 20 कराेड़ रुपये भी खर्च नहीं […]

पटना : सब्सिडी के भुगतान के नये नियम के कारण राज्य में कृषि यंत्रों की खरीद ठप पड़ गया. 2016-17 में राज्य सरकार ने किसानाें को कृषि यंत्रों की खरीद पर लगभग 50 प्रतिशत सब्सिडी के लिए 175 करोड़ रुपये का आवंटन किया था. मुश्किल से इस मद में 20 कराेड़ रुपये भी खर्च नहीं हो सके.
कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि जनवरी के अंत तक जिलों को इस मद में 15 करोड़ रुपये दिया गया है.नये नियम के अनुसार सब्सिडी की लाभ के लिए पहले तो किसानों को अपनी पूंजी लगानी पड़ती है. खरीद की पूरी सबूत और विभाग की अनुमति के बाद सब्सिडी की रकम उनके बैंक खाते में जमा कर दिया जाता है. इसमें सब्सिडी मिलने के पहले किसानों को पूंजी निवेश मजबूरी है.
इस वजह से कृषि यंत्रों की खरीद के लिए किसान आगे नहीं आ सके. अधिकारी ने बताया कि सुपौल, जमुई, खगड़िया, मुंगेर, रोहतास, लखीसराय और मधेपुरा से इसके लिए आवेदन ही बहुत कम आये.
विभागीय अधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में सब्सिडी भुगतान के बदले नियम के कारण हुई परेशानी के बाद सब्सिडी भुगतान के नियम को बदलने की निर्णय लिया गया है.
अब किसानों को सब्सिडी का भुगतान बैंक द्वारा कृषि यंत्र बेचने वाली कंपनी को भुगतान किया जायेगा. इसके लिए बैंक, कृषि यंत्र की कंपनी और बैंक के बीच समझौता किया जायेगा. इससे किसानों को कृषि यंत्रों के लिए सब्सिडी को छोड़ शेष रकम की अदायगी पर ही कृषि यंत्र मिल जायेगा. अधिकारी ने बताया कि नये वित्तीय वर्ष में इसे लागू कर दिया जायेगा. कृषि यंत्रों की कम खरीद पर कृषि विभाग के एडिशनल डायरेक्टर रवींद्र कुमार वर्मा ने कहा वर्तमान प्रावधान में भी कृषि यंत्रों की खरीद हो रही है. उन्होंने स्वीकार किया कि कृषि यंत्रों की कम खरीद हुई है, पर मार्च तक लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश की जायेगी.

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