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कहीं नहीं हो रही थेरेपी, कहीं दूसरी सुविधाएं नदारद

आनंद तिवारी पटना : चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम होते हैं. स्वास्थ्य विभाग, कैंसर अस्पताल और कैंसर विभाग की ओर से जागरूकता अभियान के तहत नि:शुल्क इलाज किया जाता है. हालांकि, इसके बाद भी बिहार में कैंसर मरीजों का आंकड़ा कम नहीं हो रहा है. महावीर कैंसर संस्थान के नेशनल कैंसर […]

आनंद तिवारी
पटना : चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम होते हैं. स्वास्थ्य विभाग, कैंसर अस्पताल और कैंसर विभाग की ओर से जागरूकता अभियान के तहत नि:शुल्क इलाज किया जाता है. हालांकि, इसके बाद भी बिहार में कैंसर मरीजों का आंकड़ा कम नहीं हो रहा है. महावीर कैंसर संस्थान के नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (एनसीआरपी) से मिले आंकड़े के अनुसार सूबे में हर साल 1.25 लाख कैंसर के नये मरीजों का पता चलता है. चिंता का विषय यह भी है कि इनमें से करीब 30 प्रतिशत मरीजों की मौत हो जाती है. अकेले महावीर कैंसर संस्थान में ही प्रतिवर्ष करीब 24 हजार नये मरीज इलाज कराने आते हैं. इसके पीछे प्रदेश में इलाज की बदहाल व्यवस्था और जागरूकता की कमी है.
पीएमसीएच : पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कैंसर के इलाज की व्यवस्था है. यहां ओपीडी और इनडोर में भी कैंसर मरीजों का इलाज हो रहा है. संस्थान में कीमोथेरेपी की सुविधा है. लेकिन, तीन सालों से कोबॉल्ट मशीन के सोर्स की अवधि (रेडिएशन की अवधि) खत्म हो जाने के कारण मरीजों की थेरेपी बंद है.
पैसेवाले तो प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा लेते हैं, पर गरीब मरीज थेरेपी के इंतजार में मौत का शिकार हो जाते हैं. नयी मशीन लगाने के लिए कई बार बैठक हुई, पर योजना धरातल पर नहीं आ सकी है. पटना मेडिकल अस्पताल के ओपीडी में रोजाना 30 कैंसर के मरीज आते हैं. जबकि, पहले कोबॉल्ट मशीन ठीक था, तो उस दरमियान 250 से 300 कैंसर के मरीज आ रहे थे. मशीन खराब होने की वजह से मरीजों की संख्या भी कम हो गयी है.
आइजीआइएमएस :
आइजीआइएमएस के कैंसर रेडिएशन ऑनकोलॉजी विभाग में 20 साल पुरानी लगी कोबॉल्ट 780 मशीन टेक्नीशियन के लिए जी का जंजाल बनी हुई है. आये दिन खराब हो रही मशीन के चलते कैंसर मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई बार बीच में ही थेरेपी रोकनी पड़ जाती है. आइजीआइएमएस में रोजाना 80 से 90 मरीज कैंसर थेरेपी के लिए आते हैं.
वहीं यहां लगे ब्रैकीथेरेपी का सोर्स अवधि खत्म हो जाने के कारण पिछले एक वर्ष से लोगों को इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है.
आइजीआइएमएस के ओपीडी में रोजाना करीब 300 कैंसर के मरीज आते हैं. इनमें 50 से 60 ऐसे मरीज हैं, जिनको रेडिएशन की जरूरत रोजाना पड़ती है.
एम्स, पटना : एम्स पटना में कैंसर मरीजों के लिए सर्जरी और कीमोथरेपी की सुविधा उपलब्ध है. हालांकि, संस्थान में अभी कई आवश्यक उपकरण नहीं लग पाये हैं. संस्थान में रेडिएशन यूनिट की स्थापना को लेकर कार्रवाई चल रही है. एम्स की रेडियोथेरेपी विभागाध्यक्ष डॉ प्रीतांजलि सिंह ने बताया कि संस्थान में अभी सर्जरी और कीमोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध है. जल्द ही यहां लिनियर एक्सीलेटर सहित कई उपकरण लग जायेंगे. इससे कम खर्च में कैंसर का इलाज संभव हो पायेगा. एम्स अस्पताल में रेडिएशन की सुविधा उपलब्ध है. यहां के ओपीडी में रोजाना 50 से 60 मरीज कैंसर पीड़ित आते हैं. इनमें से करीब 20 से अधिक ऐसे मरीज होते हैं, जिनको थेरेपी की जरूरत होती है.
महावीर कैंसर संस्थान : महावीर मंदिर न्यास समिति के अंतर्गत चल रहे महावीर कैंसर संस्थान में मरीजों को इलाज और ऑपरेशन की सुविधा दी जा रही है. संस्थान डायरेक्टर डॉ मनीषा सिंह ने बताया कि यहां कोबाल्ट मशीन, लिनियर एक्सीलेटर, कीमोथेरेपी, ब्रैकीथेरेपी, लेजर थेरेपी आदि की सुविधा है. माइक्रो वॉसक्यूलर सर्जरी मुंह एवं गले के कैंसर मरीजों के लिए मौजूद है. अन्य सभी प्रकार के कैंसर रोगियों का ऑपरेशन और इलाज हो रहा है.
महावीर कैंसर अस्पताल में मरीजों का आंकड़ा सबसे अधिक है. यहां के ओपीडी में रोजाना करीब दो हजार मरीज आते हैं. यहां गंभीर मरीजों की संख्या अधिक होती है.
एम्स में 11 तक नि:शुल्क इलाज
पटना. कैंसर दिवस को लेकर एम्स में नि:शुल्क इलाज की सुविधा प्रदान की गयी है. नि:शुल्क इलाज चार से लेकर 11 फरवरी तक होगी. इसमें मरीजों की स्क्रीनिंग, रेडियेशन थेरेपी, फल वितरण आदि सुविधाएं दी गयी हैं. वहीं, जानकारी देते हुए एम्स के कैंसर विभाग के एचओडी डॉ प्रितांजली सिंह ने बताया कि पूरे विश्व में 14 मिलियन ऐसे मरीज हैं, जो हर साल कैंसर से ग्रसित होते हैं. एचओडी डॉ सिंह ने कहा कि प्रदेश में लोगों के बीच कैंसर की जागरूकता काफी कम है.

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