मानव शृंखला से दिखी बिहार की नयी झलक : संजय सिंह

पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि राज्य में तीन करोड़ से अधिक लोग किसी एक मुद्दे पर कभी अपने घर से नहीं निकले और एक-दूसरे का हाथ नहीं थामा था. बिना जाति के बंधन के एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर खड़ा रहना ये एक नये बिहार की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 23, 2017 6:59 AM
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि राज्य में तीन करोड़ से अधिक लोग किसी एक मुद्दे पर कभी अपने घर से नहीं निकले और एक-दूसरे का हाथ नहीं थामा था. बिना जाति के बंधन के एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर खड़ा रहना ये एक नये बिहार की झलक है. इसमें महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक है.
बिहार जैसे राज्य में अगर महिलाएं घरों से निकल कर किसी मुद्दे पर घंटों खड़ी हैं, तब समझिए कि उस मुद्दे से उनका कहीं न कहीं एक भावनात्मक लगाव है. गांव में इस मुहिम को ‍व्यापक जन समर्थन प्राप्त है और ये वर्ग ऐसा है जो इस शराबबंदी की सफलता के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है. संजय सिंह ने कहा कि बिहार के लोग जाति तोड़ कर भी किसी मुद्दे पर एक साथ आ सकते हैं और इसका सबसे बड़ा प्रमाण है पटना का गांधी मैदान, जो पिछले कई दशकों में सैकड़ों जातियों की सभा का प्रमाण रहा है.
विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि राजनीतिक दलों की एक से एक बड़ी रैली देखी, लेकिन कभी किसी मुद्दे पर मानव शृंखला जैसी एकजुटता नहीं दिखी. भले गांधी मैदान में लोग रैलियों की तुलना में कम हों, लेकिन एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर खड़ा होना ये बिहार की नयी तसवीर और पहचान है. भले ही ये आयोजन राज्य सरकार का रहा हो, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अपनी छवि और उनकी सरकार के लिए गुरुपर्व के बाद मानव शृंखला एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ है.

Next Article

Exit mobile version