शराबबंदी का कट्टर समर्थक होते हुए भी हम शराबबंदी के लिए वातावरण तैयार करने के (मानव शृंखला) का विरोध करते रहे हैं. उन्होंने कहा न्यायालय के निर्देश के बाद भी 5-10 साल के छात्र-छात्राओं को घंटो सड़क पर रहने को बाध्य किया गया.
दूसरी ओर जन वितरण प्रणाली के दुकानदार, विद्यालयों के छात्र–छात्राओं, आशा, ममता, विकास मित्र, टोला सेवक सहित अन्य लोगों को प्रलोभित कर और भयभीत कर शृंखला में शामिल होने को बाध्य किया गया.