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बेटी नहीं बचेगी, तो बहू कहां से लाओगे

ग्रामीण बालिकाओं के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन फुलवारीशरीफ : बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने, कम उम्र में लड़कियों की शादी के दुष्परिणाम, ग्रामीण इलाके की लड़कियों को एटीएम निर्भर बनाने, खेलकूद समेत अन्य आयामों के जरिये समाज को नयी दिशा देने का काम किया जा रहा है. इस कार्यक्रम से बालिकाओं के […]

ग्रामीण बालिकाओं के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
फुलवारीशरीफ : बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने, कम उम्र में लड़कियों की शादी के दुष्परिणाम, ग्रामीण इलाके की लड़कियों को एटीएम निर्भर बनाने, खेलकूद समेत अन्य आयामों के जरिये समाज को नयी दिशा देने का काम किया जा रहा है.
इस कार्यक्रम से बालिकाओं के प्रति समाज में सम्मान का भाव पैदा हो और बालिका के जन्म से लेकर उसके विवाह तक के दायित्व को गीत-संगीत के जरिये पेश किया गया. गौरव ग्रामीण महिला विकास मंच की सचिव प्रतिमा कुमारी ने बताया कि महिलाओं को आत्मनिर्भर और सबल बनाने को लेकर ग्रामीण किशोरियों को खेलकूद और कला के विभिन्न आयामों की ट्रेनिंग दी जा रही है. जानीपुर के सोरमपुर हाइस्कूल में गौरव ग्रामीण महिला विकास मंच व क्रिया नयी दिल्ली की ओर से आयोजित इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में 55 किशोरियों को ट्रेनिंग दी जा रही है.
ट्रेनिंग में दिल्ली की प्रशिक्षक स्वाती और शक्ति लगे हैं. प्रतिमा कुमारी ने कहा कि बालिका का जन्म अभिशाप नहीं, सम्मान की बात है. उन्होंने ग्रामीणों से बेटियों को बोझ समझने की मानसिकता में बदलाव लाने का आह्वान किया. सरकार बालिका के सम्मान के लिए कई जन कल्याणकारी योजनाएं चला रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय-स्तर पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत करते हुए बेटी नहीं बचाओगे, तो बहू कहां से लाओगे का नारा दिया है. उन्होंने कहा कि बालिकाएं पढ़-लिख कर अवसरों का लाभ उठाये. कार्यक्रम में रंजू, पुनित, रवीना, कोमल, अफसाना, चांदनी, पूजा, नीतू, गुड्डी, तनु समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण बच्चियों ने अपने कला का जौहर दिखाया.

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