पटना: राजधानी के हृदय स्थल पर न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल मौजूद है. इसके बाद भी कई विभागों के डॉक्टर नदारद रहते हैं. शनिवार को भी कुछ ऐसा ही नजारा था. सात में से पांच डॉक्टर छुट्टी के नाम पर नदारद थे. एक महिला डॉक्टर ने जहां दिन में ओपीडी संभाला, वहीं एक ने रात में.
इसकी वजह से कई विभागों में मरीज बिना इलाज कराये ही लौट गये. वैसे मरीजों को कर्मचारी सोमवार को आने के लिए कह रहे थे. सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह थी कि डॉक्टरों की छुट्टी पर जाने की जानकारी सिविल सजर्न को भी नहीं थी. इस बाबत सिविल सजर्न ने दो टूक कहा कि वे सब खुद को ऑटोनोमश मानते हैं.
मरीजों की बढ़ गयी परेशानी : दूरदराज से आये मरीजों को काफी परेशानी हुई. सुबह नौ बजे तक मरीजों की लंबी लाइन लग गयी थी. उसी समय दिन की ड्यूटी में एक मात्र महिला डॉक्टर ने ओपीडी की जिम्मेवारी संभाली. लेकिन इससे वैसे मरीजों को फायदा नहीं मिला, जिनके विभाग के डॉक्टर छुट्टी पर थे. वहीं संबंधित लैब असिस्टेंट व रेडियोलॉजिस्ट की भी आजादी थी. मरीजों की भीड़ बढ़ने पर उन्हें दस बजे फोन कर बुलाया गया, तब जाकर वे ड्यूटी पर पहुंचे.
सिर्फ खाने-पीने की सलाह : विदित हो कि इस हॉस्पिटल में मधुमेह रोग के लिए सेंटर बनाया गया है. यहां उसके मरीजों की विशेष जांच होती है, लेकिन इस सेंटर की स्थिति और खराब थी. इस डिपार्टमेंट में केवल एक डाइटीशियन मौजद थी, जो सिर्फ खाने-पीने की सलाह दे रही थी.