राज्य में पहले जो नीति थी वह व्यापक नहीं थी. जून में उसकी अवधि समाप्त हो गयी. इसी परिपेक्ष्य में नयी नीति बनायी जा रही है. ऊर्जा विभाग के सूत्रों के अनुसार नयी नीति में मुख्य रूप से टैरिफ की चर्चा होगी. इसके अलावा सोलर इनर्जी के क्षेत्र में जो कंपनियां आयेंगी या इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कौन- कौन सी सुविधा देगी इन सबों की चर्चा रहेगी. देश के कई राज्यों में सौर ऊर्जा नीति है उनकी नीतियों का भी अध्ययन हो रहा है. उसमें अगर कुछ जरूरी हुआ तो राज्य की नीति में उसे समावेश किया जा सकता है. उम्मीद जतायी जा रही है कि चालू वित्तीय वर्ष में ही सौर ऊर्जा नीति को कैबिनेट से स्वीकृति मिल जाये और उसे लागू कर दिया जाये.
कजरा में 250 मेगावाट क्षमता वाला सोलर पार्क बनेगा. एनटीपीसी की टीम स्थल निरीक्षण भी कर चुकी है. बड़ौदा में ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से अनुरोध किया था कि एनटीपीसी को जल्द सोलर पार्क की डीपीआर जमा करने को कहा जाये. इसके लिए राज्य सरकार 45 प्रतिशत व केंद्र सरकार 30 फीसदी का अनुदान देगी. प्लांट लगानेवालों को लागत का महज 25 फीसदी ही खर्च करना होगा. सरकार की गंभीरता इससे समझा जा सकता है कि सदर अस्पताल, समाहरणालय और जिला अतिथि गृहों में सोलर रूफटाॅप पावर प्लांट लगाये जा रहे हैं. सोलर पंप के जरिये पटवन भी होगा.