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कृषि उत्पादों को मिलेगा बाजार

पहल. बाजार समितियों के स्ट्रक्चर में किया जायेगा सुधार नये वर्ष में किसानाें को नया बाजार मिलेगा. इसको लेकर कृषि विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए राज्य की सभी बाजार समितियों के स्ट्रक्चर का उपयोग किया जायेगा. फिलहाल बाजार समिति भंग है. पटना : नये वर्ष में राज्य के किसानों को उनके […]

पहल. बाजार समितियों के स्ट्रक्चर में किया जायेगा सुधार
नये वर्ष में किसानाें को नया बाजार मिलेगा. इसको लेकर कृषि विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए राज्य की सभी बाजार समितियों के स्ट्रक्चर का उपयोग किया जायेगा. फिलहाल बाजार समिति भंग है.
पटना : नये वर्ष में राज्य के किसानों को उनके उत्पादों को बेचने के लिए नया बाजार मिलेगा. इसके लिए कृषि विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए राज्य के सभी बाजार समिति के बचे स्ट्रक्चर का उपयोग किया जायेगा. यहां किसानों को उनके उत्पाद के भंडारण और बिक्री के लिए सुविधा मिलेगी. फिलहाल बाजार समिति के भंग होने से किसानों को कोई वैकल्पिक सुविधा नहीं मिली है.
विभागीय अधिकारी ने बताया कि किसानों को बेहतर बाजार मूल्य मिले, इसके लिए राज्य सरकार ने बिहार एग्रीकल्चर मार्केटिंग डेवलपमैंट बोर्ड ऑथोरिटी (बामदा) का गठन किया है. कृषि उत्पादों की बिक्री की सुविधा के लिए बामदा के मुद्दे पर विभाग में कई राउंड की बैठकें हो चुकी हैं. अधिकारी ने बताया कि बामदा के गठन का मकसद राज्य के किसानों के फसलों काे बेहतर बाजार उपलब्ध करना है. इसमें सरकार और निजी भागीदारी से जिला स्तर तक किसानों को सुविधा मिलेगी. उन्हें बिक्री के लिए लाये उत्पाद को कम से कम लागत पर स्टोर करने की सुविधा मिलेगी. किसानों को रहने, संबंधित उत्पाद की बाजार की जानकारी समेत अन्य जानकारी मिलेगी. इसे किसानों के काेई भी उत्पाद तत्काल नहीं बिक्री होने पर भी वे बाजार समिति में स्टोर कर सकेंगे.
विभागीय अधिकारी ने बताया कि बाजार समिति के भंग होने के बाद फिलहाल किसानों को अपने उत्पादों को अपने बूते ही बाजार तलाशना पड़ता है. लेकिन, इसका लाभ बिचौलिये को ज्यादा मिलता है. किसानों को उम्मीद से कम दर पर अपने उत्पाद बेचने पड़ते हैं. नयी व्यवस्था में किसानाें को इससे मुक्ति मिलेगी. अधिकारी ने बताया कि राज्य में जरूरत से अधिक उत्पादन वाले फसलों में लगभग सभी प्रकार की सब्जी, केला, लीची, मक्का, गेहूं, चावल आदि शामिल हैं. राज्य में लगभग 82 लाख टन चावल, 86 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन मक्का की उपज होती है.
राज्य सरकार द्वारा राज्य के किसानों को बाजार की सुविधा देने से किसानों को विभिन्न प्रकार की सब्जी और अनाज की बिक्री में तेजी आयेगी. कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार ने बताया कि सरकार बाजार समिति के बचे हुए स्ट्रक्चर में सुधार कर किसानों को बाजार उपलब्ध करायेगी. इसके लिए प्रयास शुरू हो चुका है. सरकार किसानों के हित को ध्यान में रखकर नीति बना रही है. इसका स्वरूप जल्द ही सामने आयेगा.

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