पटना: मधेपुरा जिले के रामपुर लाही की रहनेवाली मोनी कुमारी ने जनसंवाद कार्यक्रम में अपनी आपबीती सुनायी, जो रोंगेट खड़ी कर देनेवाली थी. दसवीं की छात्रा थी, शादी हो गयी थी, नानी के घर रहती थी, घर में आये मेहमानों के लिए खाना बना रही थी. इस दौरान पति अपने पांच छह सहयोगियों के साथ आया और पूरे परिवार को पीटा व लूटपाट किया. हद तो तब हो गयी जब एक स्कूल के कमरे में उसके साथ दुष्कर्म किया गया और जबरदस्ती जीजा के भाई से संबंध बता कर शादी करा दी गयी. छह महीने में मोनी की यह दूसरी शादी थी. लेकिन, आज उसको अपनाने के लिए कोई तैयार नहीं है. कुछ इसी तरह की कहानी बिहार के अन्य कोने से आयी कटिहार जिले के मेदिनीपुर की जोया खातून, मुंगेर के सीताकुंड डीह की सुधा देवी और मुंगेर के रामगढ़ की प्रीति कुमारी की भी है.
दरअसल ये पीड़ित महिलाएं शनिवार को इक्यूटी फाउंडेशन व एक्शन एड की ओर से एएन सिन्हा इंस्टीटूयट में बिहार में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा विषय पर आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में बोल रही थी. खास बात यह रही कि इस मंच पर मंत्री थे, पुलिस अधिकारी थे, वरिष्ठ पत्रकार थे और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाली महिला संगठन के लोग भी. मौके पर दास्तान हिंसा और महिलाएं व्यथा कथा पत्रिका का विमोचन किया गया. जनसंवाद कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं के साथ अत्यधिक हिंसा हो रही हैं. ऐसे में सरकार और समाज दोनों को मिल कर काम करना होगा. इक्यूटी फाउंडेशन की नीना श्रीवास्तव ने बताया कि समाज में महिलाओं के प्रति कई भ्रांतियां है.
लड़कियां विवाह जैसे अहम निर्णय भी नहीं ले पाती हैं. अशिक्षा और कानून की जानकारी के अभाव में महिलाएं हिंसा की शिकार हो रही हैं. महिला विकास निगम के एमडी डॉ एन विजया लक्ष्मी ने कि महिला हिंसा को सामाजिक मुद्दा है. इसे आपदा और डिजीज के रूप में दूर करने की जरूरत है. इसके परिवार और पंचायत स्तर पर दूर करना होगा. अनुसूचित आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल ने कहा कि महिला मुद्दों पर गंभीरता पूर्वक काम किया जा रहा है. एक्शन एड की प्रोग्राम हेड सहजो सिंह ने कहा कि विश्वयुद्ध में जितने लोग मारे गये थे.
उससे ज्यादा लोग भारत में बेटियों को मार चुके हैं. ऐसे में लोगों को अब जागरूक होना होगा.
रिटायर्ड आइपीएस राज्यवर्द्धन शर्मा ने कहा कि बिहार का ग्राफ दुष्कर्म और उत्पीड़न के मामले में अब भी नीचे हैं. हालांकि बिहार में रजिस्ट्रड और वास्तविक क्राइम में बहुत बड़ा गैप है. इसे दूर करने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने बताया कि देश में दो तिहाइ काम महिलाओं द्वारा की जाती है. बावजूद इसके वे हिंसा की शिकार हैं. उन्हें अपने शरीर तक पर पूरा अधिकारी नहीं हैं.कार्यक्रम के दौरान विभिन्न जिले से आयी पीड़िताओं ने अपने संषर्घ भरी कहानी सुनाया. साथ ही इक्यूटी फाउंडेशन की दास्तान हिंसा और महिलाएं व्यथा कथा पत्रिका का विमोचन किया गया. मौके पर वीकर सेक्शन के आइजी अनिल यादव एक्शन एड के प्रोग्राम पदाधिकारर शरद कुमारी समेत अन्य उपस्थित रहें.
नैतिक गिरावट को दूर कर पुरुषों को करना होगा जागरूक
प्रभात खबर के कारपोरेट एडिटर राजेंद्र तिवारी ने सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारियों पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि क्या हम बच्चों को वह नैतिक शिक्षा दे पा रहें हैं, उन्होंने कहा कि आज भी पढ़ा-लिखा तबका गालियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. गालियां देना भी महिलाओं के साथ हिंसा है. पुलिस पदाधिकारी भी इसके प्रति संवेदनशील नहीं हैं. गालियों के खिलाफ आंदोलन चलाना होगा.
नैतिक गिरावट को दूर कर पुरुषों को करना होगा जागरूक : प्रभात खबर के काॅरपोरेट एडिटर राजेंद्र तिवारी ने सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारियों पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि क्या हम बच्चों को वह नैतिक शिक्षा दे पा रहे हैं, उन्होंने कहा कि आज भी पढ़ा-लिखा तबका गालियों का इस्तेमाल कर रहा है. मौके पर वीकर सेक्शन के आइजी अनिल यादव, रिटायर्ड आइपीएस राज्यवर्द्धन शर्मा एक्शन एड के प्रोग्राम पदाधिकारी शरद कुमारी समेत अन्य मौजूद थे.