पटना :आरटीआइ के तहत सूचना मांगने पर बिहार राज्य भंडार निगम ने आवेदक को 19 हजार शुल्क जमा कराने का बिल थमा दिया. वह भी सूचना मांगे जाने के करीब चार माह बाद. निगम की दलील है कि सूचना 9740 पेज की है और इसकी प्रति उपलब्ध कराने में इतनी राशि खर्च होगी. जबकि 30 दिनों के अंदर सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर आरटीआइ की धारा 7(6) के तहत आवेदक को सूचना नि:शुल्क उपलब्ध कराना है.
क्या है मामला : प्रेम रंजन ने 8 अगस्त, 2013 को बिहार राज्य भंडार निगम से गोदाम बनाने के लिए निकाले गये टेंडर में भाग लेने वाले संवेदकों की सूची व उनके द्वारा जमा कागजात की छाया प्रति उपलब्ध कराने की मांग थी. टेंडर का ब्योरा एनआइटी नं. ईडी- 7/12-13 निर्गत तिथि एनआइटी 18 मार्च, 2013 को निकला था. निगम ने 30 दिनों के अंदर आवेदक को कोई सूचना उपलब्ध नहीं करायी. इसके बाद आवेदक प्रथम अपील के लिए 30 सितंबर, 13 को आवेदन दिया. आवेदक से परेशान निगम ने चार माह बाद 28 जनवरी, 2014 को 19 हजार 480 रुपये जमा करने के लिए पत्र लिखा.
आयोग के आदेश पर है निर्भर : बिहार राज्य भंडार निगम के लोक सूचना पदाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी ने बताया कि आवेदक से शुल्क लेकर सूचना की छाया प्रति उपलब्ध करायी जायेगी. सूचना 9740 पत्रों में देनी है. अगर राज्य सूचना आयोग की ओर से नि:शुल्क सूचना उपलब्ध कराने का आदेश प्राप्त होता है, तो ऐसा कराया जायेगा. अन्यथा शुल्क लेना है.