पटना : नोटबंदी के बाद बिहार में जहां व्यापार मंदा हो गया और कारोबारी परेशानहाल हैं, वहीं सरकार के खजाने में भी राजस्व की भारी गिरावट दर्ज की जा रही है. विशेष कर जिला निबंधन कार्यालय के जरिये सरकार के कोष में आने वाले राजस्व में विगत वर्ष की तुलना में भारी गिरावट आयी है. सरकार के राजस्व में आयी यह कमी पचास फीसदी से भी ज्यादा है. नोटबंदी के बाद बिहार में कहीं जमीन की खरीद-बिक्री में आम अवाम समेत सरकार को दाम नहीं मिल रहे हैं, तो कहीं इस नोटबंदी के विरोध में विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग, राजमार्ग और संपर्क सड़कों को जाम किया जा रहा है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शराबबंदी के बाद बिहार सरकार को पहले ही राजस्व की काफी क्षति हुई है. अब नोटबंदी के बाद होने वाली इस क्षति की भरपायी कैसी होगी. इस गिरावट का असर राज्य में चल रही विकास योजनाओं पर पूर्णतया पड़ने की आशंका प्रबल हो गयी है. इस घाटे को पूरा करने के लिए सरकार को कोई न कोई कदम तो उठाना होगा और इसका पूरा बोझ जनता पर पड़ने की संभावना प्रबल हो गयी है.
कम हो गया राजस्व : मधेपुरा जिले में जिला निबंधन कार्यालय के माध्यम से सरकार के खजाने में काफी राजस्व आता है. इस आकड़े को इससे ही समझा जा सकता है कि नोटबंदी लागू होने की तिथि से 20 दिसंबर तक सरकारी खजाने में केवल केवल दो करोड़ छह लाख रूपये आये. जबकि विगत वर्ष की तुलना करें तो इतने ही दिन में सरकार को चार करोड़ सत्तावन लाख रूपये राजस्व के रूप में प्राप्त हुआ था. राजस्व के कम होने से जिला प्रशासन सहित सरकारी हलकों में चिंता व्याप्त है.
कम हुए जमीन के अंतरण कार्य : राजस्व के इस घाटे का सीधा कारण नोटबंदी है. नोटबंदी लागू होने के बाद से ही जिले में जमीन की खरीद- बिक्री काफी कम हो गयी है. जिला अवर निबंधक जावेद अंसारी बताते हैं कि वर्ष 2016 में आठ नवंबर से लेकर तीस नवंबर तक जिले में 461 रजिस्ट्री हुई. इनमें जमीन खरीद के अलावा अन्यान्य लीज आदि शामिल हैं. इससे सरकार को एक करोड़ ग्यारह लाख रूपये की आय हुई. वहीं एक दिसंबर से बीस दिसंबर तक जिले में 385 रजिस्ट्री कार्य हुए. इनसे सरकार के खाते में केवल 95 लाख ही आये. अगर इतने ही दिनों में विगत वर्ष के आंकड़े को देखें तो वर्ष 2015 में आठ आठ नवंबर से लेकर तीस नवंबर तक जिले में 832 रजिस्ट्री कार्य हुए थे और इससे सरकार को दो करोड़ चार लाख रुपये की आय हुई थी.
नोटबंदी के खिलाफ इन सड़कों पर राजनीतिक दलों ने किया चक्का जाम
गोपालगंज : नोटबंदी के विरोध में जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शहर के अरार चौक पर एनएच 28 को जाम कर दिया. नेतृत्व जअपा के प्रदेश महासचिव सत्यजीत कुमार पांडेय ने किया. मौके पर जिला अध्यक्ष चंदन सिंह भी मौजूद थे. लगभग एक घंटे तक आवागमन बाधित रहा. जिलाध्यक्ष ने कहा कि नोटबंदी से सबसे ज्यादा परेशानी गरीब जनता, छोटे व्यवसायी एवं मजदूरों को हो रही है. जिले में नोटबंदी से किसानों की भी परेशानी बढ़ गयी हैं. अब तक लगभग सौ लोगों की मृत्यु हो गयी है. जबकि कालाधन रखने वाले सरकार की पकड़ से बाहर हैं. प्रधानमंत्री को देश की लगभग 19 सौ राजनीतिक पार्टियों को आरटीआइ के अधीन करना चाहिए. इतना ही नहीं बेनामी संपत्तियों को जब्त कर गरीब जनता के कल्याण के लिये सौंप दिया जाना चाहिए.
मोतिहारी : पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भाकपा माले खेमस एंव एक्ट के कार्यकर्ताओं ने अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर मोतिहारी प्रखंड कार्यालय पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन का नेतृत्व खेमस के जिला सचिव जीतलाल सहनी, राघव साह एवं दिनेश प्रसाद ने किया. इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि नोट बंदी मे 80 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है. जन-जीवन अस्त-व्यस्त और अर्थ-व्यवस्था ठप पड़ती जा रही है. खेत खलिहानों एवं ग्रामीण इलाकों से लेकर उद्योग धंधे प्रभावित एवं व्यापार में गिरावट है. मजदूरों की रोजी-रोटी पर आफत आ गयी है. किसानों के पास खाद-बीज के लिए पैसे नही है.
बेगूसराय : नोटबंदी के कारण लोगों को हुई असुविधा को लेकर जन अधिकार पार्टी के युवा सांसद पप्पू यादव के आह्वान पर कार्यकर्ताओं ने समूचे बिहार के नेशनल हाइवे को ठप कर दिया. इसी क्रम में बेगूसराय में एनएच 31 को ट्रैफिक चौक के पास लगभग दो घंटे तक सड़क जाम रखा गया.नोटबंदी के बाद देश स्तर पर फैले अराजक स्थिति को देखते हुए जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर आगजनी कर नारेबाजी की.
भागलपुर : जन अधिकार पार्टी के 40 कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को नोटबंदी में हुई अराजक की स्थिति पर अमरपुर मार्ग को लगभग तीन घंटे जाम कर दिया. जाम में एंबुलेंस व स्कूल बस को आने-जाने दिया जा रहा था. जाम शांतिपूर्ण रही. इसमें किसी भी वाहन को क्षति नहीं पहुंचाया गया. जाम का नेतृत्व कर रहे जिला अध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि हम लोगों का नोटबंदी के खिलाफ लोगों तक संदेश पहुंचाना था. जुलूस को संबोधित कर रहे युवा प्रदेश अध्यक्ष डॉ चक्रपाणि हिमांशु ने कहा कि प्रधानमंत्रीजी स्विस बैंक से कालाधन लाने के बजाय गरीबों को कठिनाई का सामना करवा रहे हैं.
जहानाबाद : नोटबंदी से आम लोगों को हो रही फजीहत के खिलाफ जिले के भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनीनवादी) से संबद्ध विभिन्न संगठनों के गुरुवार को मोदनगंज, मखदुमपुर एवं रतनी प्रखंड मुख्यालय पर धरना दिया. भाकपा माले, खेत ग्राम सभा, किसान महासभा, एक्टू के वैनर तले, सैकड़ों कार्यकर्ता ने नोटबंदी के खिलाफ आवाज बुलंद की आयोजित एक दिवसीय धरना की अध्यक्षता माले नेता वितन मांझी, शिव रतन सिंह, सुधा देवी ने किया.
किशनगंज : गुरुवार को नोटबंदी के खिलाफ़ जन अधिकार पार्टी(लो) के जिला अध्यक्ष प्रो(डाॅ)गुलरेज रोशन रहमान के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं द्वारा किशनगंज एनएच 31 पहुंच बीच सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगे. देखते ही देखते दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. जन अधिकार पार्टी (लो) के बैनर तले नोटबंदी के ताना शाही फैसले के खिलाफ़ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया. जाप जिलाध्क्ष प्रो गुलरेज श्री रहमान ने कहा की नोटबंदी के समर्थन करने वाले गरीब, मजदूर किसान और युवा एवं छात्रों के दुशमन हैं.
हाजीपुर : नोटबंदी के खिलाफ जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) ने अपने आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए गुरुवार को सड़क जाम किया. पार्टी कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी सेतु मार्ग पर नगर के गर्दनिया चौक के निकट यातायात को बंद किया. इस दौरान पार्टी कार्यकर्ता बीच सड़क पर धरने पर बैठ गये. पार्टी द्वारा पूर्व घोषित राज्यव्यापी सड़क जाम आंदोलन के तहत गांधी सेतु मार्ग को जाम किया गया. जाम के कारण हाजीपुर-पटना मार्ग पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गयी. कार्यकर्ताओं ने लगभग दो घंटे तक आवागमन को ठप रखा. इस कारण सेतु से गुजरने वाले वाहन जहां के तहां खड़े रहे, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हुई.