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अब पंच और सरपंच भी वोटर बनेंगे

पटना: विधान परिषद में स्थानीय निकायों की दो दर्जन सीटों पर चुनाव के लिए अब पंच और सरपंच भी वोटर बन जायेंगे. राज्य सरकार की पंचम वित्त आयोग ने इसकी सिफारिश की है. पंचायती राज विभाग आयोग की सिफारिश पर विचार कर रहा है. सबकुछ सकारात्मक दिशा में चली तो अगली बार होने वाले विधान […]

पटना: विधान परिषद में स्थानीय निकायों की दो दर्जन सीटों पर चुनाव के लिए अब पंच और सरपंच भी वोटर बन जायेंगे. राज्य सरकार की पंचम वित्त आयोग ने इसकी सिफारिश की है. पंचायती राज विभाग आयोग की सिफारिश पर विचार कर रहा है. सबकुछ सकारात्मक दिशा में चली तो अगली बार होने वाले विधान परिषद की स्थानीय निकाय कोटे की सीटों की गणित भी बदल जायेगी और पंच व सरपंच वोटर भी बन जायेंगे. वर्तमान में इस चुनाव के लिए मुखिया, विधायक,पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य और जिला परिषद सदस्य वोटर होते हैं. पंच व सरपंच संघ अरसे से विधान परिषद चुनाव में वोटर बनाये जाने की मांग कर रहा है.

विधान परिषद की स्थानीय कोटे की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए ग्राम पंचायत के सदस्यों को यह अधिकार पहले से मिला हुआ है. अभी ग्राम कचहरी के सदस्य इस अधिकार से वंचित हैं. सरकार ग्राम कचहरी के सदस्यों को विधान परिषद चुनाव में मतदान का अधिकार देती है तो यह एक नया अधिकार जुड़ जायेगा. राज्य में ग्राम कचहरी के 8391 सरपंच हैं. पंचों की संख्या एक लाख 14 हजार 733 हैं. आयोग ने अपने अंतिम रिपोर्ट में कचहरी को लेकर कई अनुशंसाएं की है. इसमें विधान परिषद सदस्यों के चयन में वोटिंग राइट की भी अनुशंसा शामिल हैं. आयोग ने गांवों को विवाद रहित बनाने को लेकर सरकार से अभियान चलाने को कहा है. इसके लिए मुख्यमंत्री ग्राम न्याय प्रोत्साहन योजना शुरू करने की बात की गयी है. राज्य में विवाद रहित ग्राम बनाने के लिए सालाना तीन लाख राशि 300 कचहरियों के सरपंच और पंचों को देने की अनुशंसा है. पंचायती राज मंत्री कपिल देव कामत ने कहा कि पंचम राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा की विभाग समीक्षा करा रही है. समीक्षा में जो नीतिगत होगा उस पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी.
पंचायत उपचुनाव फरवरी के मध्य में
राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत उपचुनाव फरवरी के मध्य में करायेगा. कैबिनेट की सहमति नहीं मिलने के कारण 20 जनवरी को होनेवाले मतदान के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है. अब आयोग की कोशिश है कि जनवरी के अंत तक पंचायत उपचुनाव की अधिसूचना जारी कर दी जाये और फरवरी में मतदान करा लिया जाये. पंचायत आमचुनाव के बाद 12 हजार से अधिक पद निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के निधन और त्यागपत्र के कारण रिक्त हो गये हैं. इधर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा इन पदों पर उपचुनाव के लिए पूरा कार्यक्रम तैयार कर सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेज दिया था. प्रस्ताव पर कैबिनेट द्वारा अधिसूचना जारी होने के पहले सहमति नहीं मिलने के कारण मतदान कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया. अधिसूचना 19 दिसंबर को जारी होनेवाली थी. आयोग के सूत्रों का कहना है कि एक बार फिर जिलों से त्रिस्तरीय पंचायत और ग्राम कचहरी के रिक्त पदों की सूची मांगी जा रही है. सभी रिक्तियों को शामिल कर एक साथ उप चुनाव कराया जायेगा.

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