पटना : बिहार सरकार द्वारा लिये गये एक फैसले पर हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है. राज्य सरकार ने तांती और ततवा जातियों को अतिपिछड़ा वर्ग से अनुसूचित जाति की श्रेणी में डाले जाने के मामले पर पटना हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट ने इस पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से पूछा कि आखिर किन परिस्थितियों में यह फैसला लिया गया,जबकि यह राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार के बाहर है.मामले पर याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता ने बताया कि यह संवैधानिक प्रावधानों के विरुद्ध है और राजनीतिक आधारों पर यह फैसला लिया गया था.
जानकारों की माने तो संविधान के मुताबिक ऐसा अधिकार संसद के पास है और राष्ट्रपति की सहमति होना आवश्यक है लेकिन राज्य सरकार ने बिना प्रावधानों का पालन करते हुए मनमाने ढंग से इसे अंजाम दिया था.अधिवक्ता की मानें तो राजनीतिक फायदे के लिये सरकार ने एक जुलाई 2015 को तांती और ततवा जाति को अनुसूचित जाति में शामिल कर इसका फायदा पंचायत चुनाव में पहुंचाया गया था. साथ ही राज्य सरकार की नौकरियों में भी इस आरक्षण का फायदा इस जाति को दिया गया था जो नियमानुकूल नहीं है.