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संगीत की स्वर लहरियों से सुधरेगी आपकी सेहत

म्यूजिक थेरेपी पर सेमिनार का आयोजन पटना : भारत में संगीत की परंपरा बहुत पुरानी है. अब तो संगीत से इलाज या म्यूजिक थेरेपी की अवधारणा भी तेजी से प्रचलित हो रही है. विशेषज्ञों की मानें, तो संगीत के माध्यम से शरीर को चुस्त, दुरूस्त और तनावमुक्त रखा जा सकता है. संगीत शरीर से अक्षम […]

म्यूजिक थेरेपी पर सेमिनार का आयोजन
पटना : भारत में संगीत की परंपरा बहुत पुरानी है. अब तो संगीत से इलाज या म्यूजिक थेरेपी की अवधारणा भी तेजी से प्रचलित हो रही है. विशेषज्ञों की मानें, तो संगीत के माध्यम से शरीर को चुस्त, दुरूस्त और तनावमुक्त रखा जा सकता है. संगीत शरीर से अक्षम युवाओं को भी अपनी ओर जोड़ता है. ये बातें वेटनरी कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ एस समंतरे ने शनिवार को सोसाइटी फॉर डिसेबिलिटी एंड रिहैबिलिटी स्टडीज की ओर से कॉलेज के ऑडिटोरियम हाल में आयोजित म्यूजिक थेरेपी सेमिनार में कहीं. इससे पूर्व समर्पण नेत्र संस्थान के दिव्यांग बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये. सेमिनार का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, पूर्व मंत्री श्याम रजक और विधान पार्षद रणवीर नंदन ने किया.
मौके पर पूर्व सीएम डॉ मिश्रा ने कहा कि संगीत एक ऐसी कला है, जिसे हम थोड़े ही समय में सीख सकते हैं. साथ ही जीवन को खुशहाल बना सकते हैं. उन्होंने कहा संगीत की स्वर लहरियों से मन तो प्रसन्न होता है. साथ ही यह तनाव और कई मानसिक विकारों को भी दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. पूर्व मंत्री व विधायक श्याम रजक ने कहा कि अधिक-से-अधिक दिव्यांग बच्चों को म्यूजिक थेरेपी की ट्रेनिंग देकर उनको इस कला से जोड़ना चाहिए. ताकि, इस तरह के बच्चे रोजगार के तौर पर इस थेरेपी का इस्तेमाल कर सकें. वहीं, जेएनयू के प्रोफेसर डॉ जीएन सिंह ने कहा कि बिहार के मधुबनी, छपरा व आरा में म्यूजिकल थेरेपी सेंटर खोलने की योजना बनायी गयी है. इसमें दिव्यांग बच्चों को नि:शुल्क कला की जानकारी दी जायेगी.
नीति आयोग विकलांग कमेटी और जेएनयू के प्रोफेसर डॉ जीएन सिंह ने कहा कि दिव्यांग बच्चे भी भारत व देश-विदेश में म्यूजिक थेरेपी के माध्यम से अपना पहचान बना रहे हैं. फ्लावर योगा के बारे में उन्होंने कहा कि योग में फूल का कोई काम नहीं होता. लेकिन, इसे फ्लावर योगा कहते हैं. इसमें योग के विभिन्न आसनों की ओर से खास कर पीठ के तनाव को दूर किया जाता है. इसमें विशेष व्यायाम होते हैं, जो सांस लेने और छोड़ने की तकनीक पर आधारित होते हैं. अंत में डांस मेडिटेशन कराया जाता है.
डांस व म्यूजिक थेरेपी
सेमिनार में डांस व म्यूजिक थेरेपी के बारे में बताया गया. इसमें विशेषज्ञों ने कहा कि तनावमुक्त होने के उपायों में डांस व म्यूजिक थेरेपी की अपनी ही खूबियां हैं. डांस व म्यूजिक थेरेपी के माध्यम से दिव्यांग बच्चों के सेहत में भी सुधार आ चुका है. तनावमुक्त जीवन के लिए डांस-म्यूजिक थेरेपी काफी बेहतर सिद्ध हो रही है.

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