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सदन के बाहर महागंठबंधन का धरना

एकजुटता. नोटबंदी व लालू-सोनिया पर टिप्पणी के खिलाफ राजद और कांग्रेस का प्रदर्शन नोटबंदी से हो रही परेशानी व लालू-सोनिया पर की गयी टिप्पणी के खिलाफ राजद और कांग्रेस ने धरना दिया, जबकि भाजपा के सदन बाधित करने व जमीन खरीद का ब्योरा नहीं देने के खिलाफ जदयू ने प्रदर्शन किया. पटना : बिहार विधानमंडल […]

एकजुटता. नोटबंदी व लालू-सोनिया पर टिप्पणी के खिलाफ राजद और कांग्रेस का प्रदर्शन
नोटबंदी से हो रही परेशानी व लालू-सोनिया पर की गयी टिप्पणी के खिलाफ राजद और कांग्रेस ने धरना दिया, जबकि भाजपा के सदन बाधित करने व जमीन खरीद का ब्योरा नहीं देने के खिलाफ जदयू ने प्रदर्शन किया.
पटना : बिहार विधानमंडल परिसर में महागंठबंधन के तीनों घटक दलों जदयू, राजद व कांग्रेस ने शुक्रवार को एक साथ धरना दिया. राजद व कांग्रेस ने जहां नोटबंदी से लोगों को हो रही परेशानी और महागंठबंधन के नेताओं पर विपक्ष द्वारा की गयी आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए माफी मांगने की मांग को लेकर धरना दिया.
वहीं, जदयू के नेता विपक्ष की ओर से सदन बाधित करने और पार्टी ऑफिस के लिए खरीदी गयी जमीन का ब्योरा नहीं दिये जाने के आरोप पर धरना पर बैठे. महागंठबंधन के तीनों दलों के विधायक व विधान पार्षदों ने विधानमंडल परिसर स्थित कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा के नीचे करीब सवा घंटा तक धरना दिया. धरना सुबह साढ़े नौ बजे शुरू हुआ और सुबह 10.45 बजे तक चला.
धरना का नेतृत्व जदयू की ओर से विधानसभा में उपनेता श्याम रजक ने किया. वहीं, राजद की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और कांग्रेस की ओर से विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने धरना का नेतृत्व किया. धरना में तीनों दलों के कई विधायक-विधान पार्षदों ने भाग लिया.
नोटबंदी से गरीबों को परेशानी : सदानंद : कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि कालाधन के खिलाफ हर पार्टी है. नोटबंदी की वजह से जो परेशानी हो रही है उससे निबटने के कोई उपाय नहीं किये गये. भाजपा ने खुद अपने पुराने नोटों को जमीन खरीदने में लगा दिये अौर नोटबंदी की वजह से देशावासियों के सामने भूखमरी की स्थिति है.
वहीं, कांग्रेस के विधान पार्षद दिलीप चौधरी ने कहा कि नोटबंदी से उत्पन्न समस्या से गरीबों को हो रही परेशानी के खिलाफ महागंठबंधन का सामूहिक धरना हुआ. नोटबंदी से जनता त्रस्त है. इस समस्या से जनता को उबारा जाये. सदन के अंदर जिस प्रकार विपक्ष ने लालू प्रसाद व सोनिया गांधी के खिलाफ
नारेबाजी की और आपत्तिजनक टिप्पणी की, प्ले कार्ड लहराये, उसके खिलाफ हमलोगों ने धरना दिया. हमलोगों ने सदन में सभापति को विपक्ष से खेद व्यक्त कराने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन प्रतिपक्ष ने खेद प्रकट करने से इनकार कर दिया. सभापति के कहने के बाद भी विपक्ष सदन के अंदर प्ले कार्ड लगातार लहराता रहा. इसी के विरोध में कांग्रेस ने राजद व जदयू के साथ मिल कर धरना दिया.
पूर्व मुख्यमंत्री और राजद की विधान पार्षद राबड़ी देवी ने कहा कि पान लगाने वाले भी ग्राहक से पूछ कर चूना लगाते हैं, पर पीएम नरेंद्र मोदी ने तो बिना पूछे ही नोटबंदी के नाम पर लोगों को चूना लगा दिया. नोटबंदी तो मोदी सरकार का एक बहाना है. इसके जरिये उन्हें अपना काला धन छुपाना है.
इससे परेशानी इतनी हो रही है कि लोग घंटों लाइन में लग रहे हैं, लेकिन उन्हें पैसा नहीं मिल रहा है. लोगों की जानें तक जा रही ंहै. कहे थे कि 15-15 लाख रुपये लोगों के खाते में जायेगा, कहां गया अब तक? उन्होंने कहा कि सदन के अंदर भाजपा ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अपशब्द कहा है. ये दोनों नेता यहां के सदस्य भी नहीं हैं. भाजपा नेता सुशील मोदी जब तक इसके लिए माफी नहीं मांगेंगे सदन की कार्यवाही नहीं चलेगी.
जमीन खरीद की हो सीबीआइ जांच : श्याम रजक
विधानसभा में जदयू के उपनेता श्याम रजक ने कहा कि भाजपा ने पार्टी कार्यालय के नाम पर जो जमीन खरीदी है उसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए. जिस प्रकार अपने काला धन को भाजपा ने नोटबंदी से पहले सफेद कर दिया उसका दूध का दूध व पानी का पानी होना चाहिए. नोटबंदी के नाम पर भी सिर्फ फेस सेविंग की गयी.
जनता त्रस्त है. पहले से कोई व्यवस्था नहीं की गयी और नोटबंदी लागू कर दी गयी. धरना में जदयू के प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि भाजपा सदन चलने नहीं दे रही है और राजभवन मार्च निकाल कर सही बात भी नहीं बता रही है. भाजपा पार्टी कार्यालय के लिए खरीदी जमीन मामले में जवाब नहीं दे पा रही है, इसलिए सिर्फ अपना चेहरा बचाने के लिए सदन को बाधित कर रही है.
सत्र का अंतिम दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया
पटना : विधान परिषद में शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया. इस कारण सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी. हालांकि, सभापति ने अंतिम दिन की कार्यवाही चलाने के लिए दो-दो बार प्रयास किये, पर सत्ता पक्ष द्वारा सुशील कुमार मोदी से माफी मांगने, भाजपा द्वारा सदन की कार्यवाही नहीं चलने देने और कालाधन से जमीन खरीद की जांच की मांग को लेकर वेल में प्रदर्शन और नारेबाजी की.
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही राजद के सुबोध कुमार, कमरे आलम, जदयू के सतीश कुमार समेत अन्य सदस्यों ने सदन के बेल में पहुंच कर प्रदर्शन और नारेबाजी की. कांग्रेस के दिलीप कुमार चौधरी सोनिया और लालू प्रसाद के विरुद्ध भाजपा द्वारा अमर्यादित भाषा के प्रयोग के लिए माफी मांगने की मांग करने लगे. वहीं भाजपा के मंगल पांडेय ने मुख्यमंत्री से सदन की कार्यवाही चलाने के लिए सत्ताधारी दलों को व्यवस्थित करने की मांग कर रहे थे.
तीन मिनट के हंगामे के बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. पुन: 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई, पर सत्ता पक्ष के हंगामे और विपक्ष की नारेबाजी पूर्व की तरह शुरू हो गयी. हंगामे के बीच प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने वैशाली जिले के लालगंज में 17 नवंबर 2015 में हुई पुलिस फायरिंग और 24 जून 2013 को बगहा पुलिस जिला के नौरंगिया के कटहरवा प्रखंड में हिंसक झड़प की न्यायिक जांच के बाद हुई कार्रवाई रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी. वहीं, वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने बिहार विनियोग विधेयक और द्वितीय अनूपुरक व्यय विवरणी सदन की पटल पर रखे. लगभग पांच मिनट की कार्यवाही में विधायी कार्य निबटाने के बाद अनिश्चित काल के सदन स्थगित कर दिया.
अपनी मांग पर अड़ी रहीं राबड़ी : हंगामे के बीच मुख्यमंत्री की मौजूदगी में राबड़ी देवी ने सुशील मोदी से माफी मांगने के बाद ही सदन चलने देने की बात पर अड़ी रहीं. उन्होंने कहा कि मोदी ने लालू प्रसाद को अपशब्द कहा है.
उन्हें माफी मांगनी होगी. उन्होंने कहा कि यदि मोदी माफी नहीं मांगेंगे तो आगे भी सदन नहीं चलने देंगे. वहीं, सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद एनडीए के सदस्यों ने विप के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया.
सभापति ने व्यक्त की पीड़ा : सदन नहीं चलने से आहत सभापति अवधेश नारायण सिंह ने अपने समापन भाषण में पीड़ा व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इस सत्र में छह बैठकें हुईं. ध्यानाकर्षण और शून्यकाल के माध्यम से लोकहित के कई महत्वपूर्ण मामले सदन में लाये गये. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-2017 की द्वितीय अनूपुरक व्यय विवरणी सदन में लाया गया.
मुख्यमंत्री ने दिया सदन की कार्यवाही का ब्योरा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन विप में सदन की कार्यवाही का ब्योरा दिया. उन्होंने कहा कि सदन में 39 ध्यानाकर्षण सदन में आये, पर इन ध्यानाकर्षण पर विमर्श नहीं हो सका. सीएम ने कहा कि इस सत्र में 292 प्रश्न आये. इन प्रश्नों में से 281 प्रश्नों को स्वीकृत किया गया. सदन के 184वें सत्र में आये सभी प्रश्नों को आगामी सत्र में सदन के पटल पर रखा जायेगा. उन्होंने कहा कि शून्यकाल में आये नौ प्रश्नों में से पांच प्रश्नों को स्वीकृत किया गया है.
पटना : बिहार विधानसभा की बैठक शुक्रवार को भी हंगामे की भेंट चढ़ गयी. विपक्ष के हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन में आवश्यक विधायी कार्य पूरा कराया. इसमें वैशाली और बगहा पुलिस फायरिंग की रिपोर्ट और उसका एटीआर सभा की मेज पर रखा गया. विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी. विधानसभा में प्रभारी मंत्री के रूप में संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने विभिन्न विभागों की रिपोर्ट रखी.
संसदीय कार्य मंत्री ने बिहार पेशा, व्यापार, आजीविका एवं कार्य नियोजन कर अधिनियम 2011 की धारा 17(2) के तहत निर्घत अधिसूचना संख्या एसओ-84 दिनांक 31 मार्च 2016 की एक-एक प्रति रखी. इसके अलावा बिहार स्थानीय क्षेत्र में उपभोग,व्यावहार अथवा बिक्री के लिए मालों के प्रवेश पर कर अधिनियम के तहत अधिसूचना संख्या एसओ 265 और 266, बिहार होटल, विलास वस्तु कराधान अधिनियम 1988 के तहत जारी अधिसूचना संख्या एसओ 267 व 268, बिहार मूल्य वर्धित कर अधिनियम 2005 के तहत अधिसूचना संख्या एसओ 155,156,बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार का वित्तीय वर्ष 2012-13 का वार्षिक लेका की प्रति, बिहार ग्राम कचहरी न्यायमित्र (नियोजन, सेवाशर्त एवं कर्तव्य) (संशोधन) नियमावली 2016 की प्रति मेज पर रखी गयी.
अनिश्चितकाल के लिए सदन स्थगित : विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने चौथे सत्र के समापन की घोषणा की. उन्होंने सदन की बैठक अनिश्चतकाल के लिए स्थगित करने की सूचना सदन को दी. उन्होंने इस सत्र की पूरी कार्यवाही की पूरा विवरण दिया. विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि चौथे सत्र के दौरान कुल 932 प्रश्न प्राप्त हुए जिसमें 736 स्वीकृत हुए.

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