पटना : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को सत्ताधारी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायकों ने नोटबंदी के खिलाफ में प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में नारे लगाये. प्रदर्शन में शामिल राजद के विधायकों ने प्रधानमंत्री मोदी पर शराब कारोबारी विजय माल्या, रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी और अडानी का पैरोकार करार देते हुए नोटबंदी की वजह से मारे गये लोगों को मुआवजा देने की मांग की.
प्रदर्शन में शामिल राजद विधायकों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बदलवाने के लिए मची अफरा-तफरी में मारे गये लोगों को सरकार 20-20 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करे. राजद विधायकों ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री क्या कर रहे हैं और कैसे कर रहे हैं, इससे कोई मतलब नहीं है. उनका कहना है कि नोटबंदी से बिहार के मजदूर-किसानों के साथ आम आदमी हाल-बेहाल है. नोटबंदी से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गरीब विरोधी चेहरा उभरकर सामने आ गया है.
भाजपा ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
बिहार विधानसभा में सत्ताधारी दल राजद के विधायकों द्वारा केंद्र सरकार की नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन किये जाने के बाद विपक्षी पार्टी भाजपा ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रदर्शन किया. भाजपा विधायकों ने बिहार सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर प्रहार किया.
प्रदर्शन के दौरान भाजपा विधायकों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में रोजाना अपहरण, बलात्कार, हत्या, पत्रकारों की हत्या और लूट जैसी वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है. इसके बावजूद सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के इशारे पर काम कर रहे हैं, जो राज्य के हित में नहीं है.