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फर्जी कॉलेज हुए बंद, तो कम हो गये एक लाख परीक्षार्थी
पटना : बिहार बोर्ड ने प्रदेश के फर्जी कॉलेजों को बंद क्या करवाया, इंटरमीडिएट में छात्रों के रजिस्ट्रेशन की संख्या ही कम हो गयी. कई जिलों में इस संख्या में 10 से 20 हजार की कमी आयी हैं. यह संख्या लगभग हर जिलों में कम हुई है. लेकिन, वहां इसका असर अधिक है, जहां से […]
पटना : बिहार बोर्ड ने प्रदेश के फर्जी कॉलेजों को बंद क्या करवाया, इंटरमीडिएट में छात्रों के रजिस्ट्रेशन की संख्या ही कम हो गयी. कई जिलों में इस संख्या में 10 से 20 हजार की कमी आयी हैं. यह संख्या लगभग हर जिलों में कम हुई है. लेकिन, वहां इसका असर अधिक है, जहां से फ्लाइंग छात्रों की संख्या अधिक होती थी. समिति कार्यालय की मानें, तो जहां 2016 में 11,65,755 परीक्षार्थिंयों का इंटर के लिए रजिस्ट्रेशन हुआ था. वहीं, 2017 में यह संख्या 1,55,953 घट कर 10,09802 हो गयी है. 20 नवंबर को रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि है. समिति की मानें, तो अंतिम दिन अधिक-से-अधिक 40 हजार परीक्षार्थी बढ़ेंगे.
50 हजार से एक लाख बढ़ते हैं हर साल परीक्षार्थी : पिछले पांच साल की बात करें, तो हर साल इंटर की परीक्षा में 50 हजार से एक लाख छात्रों की बढ़ोतरी होती थी. लेकिन, इस बार यह संख्या बराबर पर भी नहीं पहुंच पायेगी. इंटर परीक्षार्थिंयों की संख्या पिछले साल की तुलना में कम है. समिति को 12 लाख परीक्षार्थिंयों के रजिस्ट्रेशन की उम्मीद थी.
कई जिलों के कॉलेजों-स्कूलों में अचानक से बढ़ जाते हैं छात्र : समिति कार्यालय की मानें, तो प्रदेश के कई जिले गोपालगंज, समस्तीपुर, वैशाली आदि ऐसे रहे हैं, जहां पर हर साल इंटर के रजिस्ट्रेशन व परीक्षा फाॅर्म भरने के समय छात्राें की संख्या बढ़ जाती है. स्कूल और कॉलेज में जितने छात्र दो साल पढ़ाई करते हैं, उन छात्रों की संख्या रजिस्ट्रेशन और फिर परीक्षा फाॅर्म के समय बढ़ जाती है.
बिना रजिस्ट्रेशन के परीक्षा फाॅर्म भरते रहे हैं छात्र : बिहार बोर्ड के इंटर की परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हर साल होती है. छात्र ने रजिस्ट्रेशन करवाया नहीं और सीधे परीक्षा फाॅर्म भरा और परीक्षा में शामिल हो गये. इस प्रक्रिया में काफी लेन-देन भी होती है, जो भी अनुदान वाले कॉलेज हैं, वहां से छात्र परीक्षा फाॅर्म भर कर इंटर की परीक्षा में शामिल हो जाते हैं.
केवल परीक्षा देने आते हैं : काफी संख्या में छात्र बिहार के बाहर दूसरे शहरों में रह कर इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी करते हैं. जब परीक्षा का समय आता है, तो कॉलेजों को पैसे देकर परीक्षा फाॅर्म भर देते है और परीक्षा में आकर शामिल हो जाते हैं.
इस बार रजिस्ट्रेशन कम हुआ है. जो कॉलेज फ्लाइंग छात्रों का रजिस्ट्रेशन करवाते थे, वो इस बार नहीं हो रहा है. फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन करनेवाले छात्र इस बार बाहर है, जाे सही है. उन्होंने ही रजिस्ट्रेशन करवाया है.
आनंद किशोर, अध्यक्ष, बिहार बोर्ड
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