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छह हजार की आर्थिक मदद

राज्य में कालाजार मरीजों के इलाज के लिए राज्य सरकार द्वारा मुफ्त व्यवस्था की गयी है. साथ ही मरीज के इलाज के बाद उसको एक माह स्वास्थ्य लाभ के दौरान दैनिक मजदूरी के रूप में राशि प्रदान की जाती है. मरीज को आर्थिक सहायता की राशि सरकारी अस्पताल में भरती होकर इलाज कराने के बाद […]

राज्य में कालाजार मरीजों के इलाज के लिए राज्य सरकार द्वारा मुफ्त व्यवस्था की गयी है. साथ ही मरीज के इलाज के बाद उसको एक माह स्वास्थ्य लाभ के दौरान दैनिक मजदूरी के रूप में राशि प्रदान की जाती है. मरीज को आर्थिक सहायता की राशि सरकारी अस्पताल में भरती होकर इलाज कराने के बाद ही दी जाती है.
राजेंद्र स्मारक चिकित्सा शोध संस्थान पटना में भरती होकर इलाज करानेवालों को तत्काल राशि नहीं मिलती है और बिहार के बाहर के मरीजों को भी सरकार द्वारा आर्थिक सहायता नहीं की जाती है. कालाजार से ग्रसित रोगियों के अस्पताल में भरती होने की दशा में मरीज और उनके एक परिजन को पारिश्रमिक की क्षतिपूर्ति की व्यवस्था सरकार द्वारा की गयी है.
मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत यह सुविधा 16 अप्रैल 2013 से प्रदान की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा कालाजार के मरीजों का इलाज सिंगल डोज की दावा एंबीसोम के द्वारा राज्य के सभी मेडिकल कालेज अस्पतालों में, जिला अस्पतालों में और चुने गये कुछ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में किया जा रहा है.
कालाजार के मरीजों की अस्पताल में भर्ती अवधि मात्र एक या दो दिनों के लिए होती है. इसके चलते मरीज एवं उसके परिजन को केवल एक या दो दिन की क्षतिपूर्ति की राशि देनी होती है. इस बीमारी के कारण मरीज काफी कमजोर हो जाता है. इलाज के पहले और बाद में रिकवरी में करीब एक माह का समय लग जाता है. इसको लेकर सरकार ने निर्णय लिया है कि अब कालाजार के सभी मरीजों (ओपीडी व भर्ती) को एक माह के लिए पारिश्रमिक की क्षतिपूर्ति की जायेगी.
योजना का लाभ
मरीज को 30 दिनों तक 200 रुपये प्रतिदिन की दर से छह हजार रुपये
परिजन को दो दिनों की मजदूरी 200 रुपये प्रतिदिन की दर से 400 रुपये
आने-जाने का खर्च- मरीज को 100 रुपये और परिजन को 100 रुपये
भारत सरकार द्वारा प्रति मरीज अलग से 500 रुपये दिये जाते हैं
कैसे उठाएं फायदा
कालाजार से पीड़ित अपना आवेदन इलाज कराने के समय देंगे. कालाजार मरीज द्वारा दिये गये आवेदन पर संबंधित अस्पताल के अधीक्षक, उपाधीक्षक व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा एसी चेक द्वारा मरीज के डिस्चार्ज के समय भुगतान करेंगे. इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर भुगतान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा किया जायेगा.
जिला अस्पताल स्तर पर भुगतान उपाधीक्षक या प्रभारी उपाधीक्षक जिला अस्पताल द्वारा किया जायेगा. मेडिकल कालेज स्तर पर अधीक्षक या अधीक्षक द्वारा मनोनीत उपाधीक्षक द्वारा भुगतान किया जायेगा.
राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ एमपी शर्मा ने बताया कि जनवरी से अब तक राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 4214 मरीजों का इलाज किया गया. राज्य सरकार द्वारा 15 फरवरी 2016 से वर्तमान आर्थिक सहायता दी जा रही है.
15 फरवरी 2016 से 11 नवंबर 2016 तक विभिन्न अस्पतालों में 3588 मरीजों ने कालाजार का इलाज कराया है. इसमें से अभी तक 2379 को भुगतान किया जा चुका है. शेष 1209 मरीजों को दिया जानेवाला आर्थिक लाभ भुगतान की प्रक्रिया में है.

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