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नगर निगमों के 545 वार्डों में 263 वार्ड महिलाओं के लिए होंगे आरक्षित

पटना : राज्य में अगले साल हो रहे 11 नगर निगमों के कुल 545 वार्डों में कम से कम 263 वार्ड में महिला पार्षद निर्वाचित होंगी. राज्य निर्वाचन आयोग सूत्रों के मुताबिक महिलाओं के आरक्षित सीटों का फॉर्मूला तय कर लिया गया है. 15 नवंबर के बाद इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी जायेगी. अधिनियम 2007 […]

पटना : राज्य में अगले साल हो रहे 11 नगर निगमों के कुल 545 वार्डों में कम से कम 263 वार्ड में महिला पार्षद निर्वाचित होंगी. राज्य निर्वाचन आयोग सूत्रों के मुताबिक महिलाओं के आरक्षित सीटों का फॉर्मूला तय कर लिया गया है. 15 नवंबर के बाद इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी जायेगी.
अधिनियम 2007 में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है. अधिनियम के अनुसार 11 नगर निगमों में महिलाओं का 50 फीसदी वार्ड आरक्षित करने पर उनके खाते में 272 वार्ड आता है. इस हिसाब से आधी आबादी के हिस्से में नौ पद कम आयेंगे. 11 नगर निगमों में सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए कुल 385 पद हैं. इनमें सामान्य वर्ग की महिलाओं को महज 190 पदों पर ही महिला आरक्षण का लाभ मिलता है. यह उनकी आधी आबादी से दो पद कम हैं. इसी तरह से अनुसूचित जाति के लिए कुल 50 पद आरक्षित हैं. अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए उसमें से 22 पद ही आरक्षित है जबकि उनके लिए 25 पद आरक्षित होनी चाहिए.
अनुसूचित जनजाति के लिए नगर निगमों में कुल चार पद आरक्षित है जिसमें दो पद उस वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. इसी तरह से पिछड़ा वर्ग के लिए सभी नगर निगमों में 106 पद आरक्षित हैं उसमें से पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए 49 पद ही आरक्षित हैं. अधिनियम में महिलाओं के लिए अधिकतम 50 फीसदी पदों के आरक्षण का प्रावधान किया गया है.
हर निकाय में वार्डों की संख्या समान नहीं है. साथ ही आरक्षण का लाभ आरक्षित श्रेणी के बीच से दी जाती है. आरक्षण का लाभ सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति और पिछड़ा वर्ग को दिया जाता है. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को उनकी आबादी के अनुसार आरक्षण दिया जाता है.
इस वर्ग की महिलाओं के 50 फीसदी आरक्षण देने के लिए यह प्रावधान है कि अगर वार्डों की संख्या बराबर होती है तो उसकी आधी सीट अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित की जायेगी. जैसे 40 सीट होने पर 20 सीट महिलाओं के खाते में जायेगी. जिन निकायों में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति की जनसंख्या के अनुसार अगर वार्ड की संख्या विषम होती है तो उसमें फार्मूला बदल जाता है.
यदि अनुसूचित जाति व अनूसूचित जन जाति की महिलाओं के लिए आरक्षण का प्वाइंट .5 या उसके उपर आता है तो उसे अगले अंक से जोड़ दिया जाता है. जैसे किसी निकाय में अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आधी सीटों की संख्या 12.5 होती है तो उनके लिए 13 वार्डों में आरक्षण का लाभ मिलेगा. पर यदि उनका प्वाइंट .4 तक आता है तो उनको पूर्व वाले अंक के साथ जोड़ दिया जायेगा. जैसे 12.4 आने पर उनकी सीटे 12 ही होंगी.
सामान्य वर्ग और पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण में आधी सीटों के आरक्षण का प्रावधान है. पर किसी निकाय के वार्डों की संख्या विषम होने पर उनको आधे प्वाइंट का लाभ नहीं मिलेगा. अगर उनको आधे प्वाइंट का लाभ दिया जाता है तो महिलाओं का आरक्षण 50 फीसदी से अधिक हो जायेगा.
पटना नगर निगम की 75 वार्ड में 36 महिला पार्षदों के लिए आरक्षित
पटना नगर निगम में 75 वार्डों पर चुनाव कराया जाना है. इसमें पिछड़ा वर्ग के लिए 15 सीट रिजर्व है. पिछड़ा वर्ग की महिला को सात सीट पर ही आरक्षण का लाभ मिलेगा. अगर उनको आठ सीट पर आरक्षण का लाभ दिया जाता है तो यह 50 फीसदी से अधिक हो जायेगा.
इसी तरह से अनुसूचित जाति के लिए सात पद रिजर्व होंगे. इस वर्ग की महिलाओं के खाते में तीन पद का ही लाभ मिलेगा. इसी तरह से सामान्य वर्ग के खाते में कुल 53 पद आते हैं जिसमें उस वर्ग की महिलाओं के खाते में 26 पद ही जायेंगे. इस तरह से पटना नगर निकाय में ही महिलाओं को 36 पद ही आते हैं जबकि उनको 75 पदों के आधे भाग का लाभ मिलना चाहिए.

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