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पैसे के पेच में फंसा संतोषा का अवैध निर्माण

पटना : शहर के 15 साल पुराने हाइ प्रोफाइल संतोषा अवैध निर्माण का मामला एक बार फिर ठंडे बस्ते में चला गया है. निगम ऊपरी तीन फ्लोरों के भीतरी दीवारों को तोड़ने और बाकी के अवैध निर्माण को सील करने के बाद अब चुप है. नगर निगम को पूरी तरह तीनों फ्लोरों को तोड़ने के […]

पटना : शहर के 15 साल पुराने हाइ प्रोफाइल संतोषा अवैध निर्माण का मामला एक बार फिर ठंडे बस्ते में चला गया है. निगम ऊपरी तीन फ्लोरों के भीतरी दीवारों को तोड़ने और बाकी के अवैध निर्माण को सील करने के बाद अब चुप है. नगर निगम को पूरी तरह तीनों फ्लोरों को तोड़ने के लिए चार करोड़ की राशि की जरूरत है. इतनी बड़ी राशि और तीन तल्लों को तोड़ने की कार्रवाई पैसे के अभाव में रुकी है.
बिल्डर मांग रहा है पैसा, निगम ने रखा अपना तर्क : संतोषा अपार्टमेंट को बनानेवाले बिल्डर साकेत हाउसिंग कंस्ट्रक्शन मुआवजा के बाद बची राशि की वापस मांग कर रहा है. इसको लेकर बिल्डर ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी है.
जानकारी के अनुसार तीन फ्लोरों के 21 अपार्टमेंटधारियों को सात हजार वर्ग फुट के अनुसार मुआवजे का भुगतान कर दिया गया है. वहीं, बिल्डर ने मुआवाजे की कुल 25 करोड़ की राशि जमा की थी, जो मुअावजा देने के बाद भी शेष बची है.
जानकारी में बिल्डर अपनी शेष राशि को वापस चाहता है. वहीं, दूसरी तरफ नगर निगम को अवैध निर्माण तोड़ने के लिए पहले फेज में 70 लाख के लगभग राशि मिली थी. अब पूरे निर्माण को तोड़ने के लिए भी निगम को राशि चाहिए. ऐसे में दो पक्षों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना बाकी है.
शहर के बंदर बगीचा में संतोषा अपार्टमेंट का निर्माण किया गया था. बिल्डर ने बगैर नक्शा व बिल्डिंग बायलाॅज की अवहेलना करते हुए अपार्टमेंट की ऊंचाई छह तल्ले से बढ़ा कर नौ तल्ले का कर दिया था.
इसे नगर निगम की ओर से अवैध ठहराया गया था. बाद में मामला हाइकोर्ट व ट्रिब्यूनल से होते हुए सुप्रीम तक पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने भी नगर निगम के फैसले को सही ठहराया. कोर्ट के आदेश के बाद निगम की टीम ने इस वर्ष जुलाई में अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की थी. संतोषा के एक फ्लोर पर सात अपार्टमेंट हैं.
संतोषा अपार्टमेंट को तोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है. शेष बचे अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए निविदा निकालनी होगी. इसके लिए निगम को पैसे की जरूरत है.
अभिषेक सिंह, नगर आयुक्त, पटना

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