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850 करोड़ की बिजली खरीद और वसूली 500 करोड़ की
पटना. बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी व उसकी सहायक कंपनियों को पालने में सरकार को परेशानी हो रही है. हर महीने राज्य सरकार द्वारा 300 करोड़ से अधिक का अनुदान देने के बाद भी कंपनी के घाटे की भरपायी नहीं हो पाता है. कंपनी हर महीने लगभग 850 करोड़ की बिजली खरीदती है लेकिन 500 […]
पटना. बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी व उसकी सहायक कंपनियों को पालने में सरकार को परेशानी हो रही है. हर महीने राज्य सरकार द्वारा 300 करोड़ से अधिक का अनुदान देने के बाद भी कंपनी के घाटे की भरपायी नहीं हो पाता है.
कंपनी हर महीने लगभग 850 करोड़ की बिजली खरीदती है लेकिन 500 करोड़ की ही वसूली हो पाती है. कंपनी का कोई अधिकारी इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहना चाहता. कंपनी के सीएमडी से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. चार साल पहले बिजली बोर्ड से कंपनी का गठन हुआ. सोच यह थी कि कंपनी अपनी कमाई भी करेगी और लाभ का निवेश भी. लेकिन एेसा कुछ नहीं हुआ. कंपनी गठन के समय से राज्य सरकार जो अनुदान दे रही है वह आज भी जारी है.
कंपनी की आमदनी का एकमात्र जरिया बिजली बिल की वसूली है लेकिन वह भी ठीक तरह से नहीं हो रहा है. शहरी क्षेत्र में 90 फीसदी व ग्रामीण क्षेत्र में 65 से 70 फीसदी तक ही बिजली बिल की वसूली हो पाती है. मुख्य सचिव समीक्षा के दौरान कई बार कह चुके हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व वसूली के आधार पर बिजली की आपूर्ति करें. नॉर्थ बिहार बिजली कंपनी हर महीने औसतन 325 करोड़ की बिजली खरीदती है, जबकि बिजली बिल की वसूली 225 करोड़ ही हो पाती है. साउथ बिहार बिजली वितरण कंपनी हर महीने औसतन 525 करोड़ का बिजली खरीदती है जबकि बिल की वसूली 275 करोड़ तक हो पाता है.
बिजली खरीद के अलावा कर्मियों को पेमेंट आदि पर खर्च होता है. बिहार उदय योजना में शामिल है. सूत्र बताते है कि कंपनी को कोई बैंक लोन देने के भी तैयार नहीं है. विभिन्न बिजली उत्पादन कंपनियों का राज्य पर 2600 करोड़ से अधिक बकाया है. कंपनी के पास उसे देने के लिए पैसा नहीं है.
बिजली के लिए बाजार पर निर्भरता
नुकसान को एेसे किया जा सकता है कम
– कंपनी अपने खर्च में कटौती करे
– शत-प्रतिशत बिजली बिल की वसूली हो
– सभी उपभोक्ताओं को समय पर सही बिजली बिल मिले
– बिजली वितरण के लॉस को कम किया जाये
– बिजली चोरी पर लगाम लगाया जाये
– बिजली की खपत को कम करने का उपाय हो
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