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गर्भवती महिला रहें सतर्क, डेंगू पीड़ितों का आंकड़ा 900 के पार

पटना: डेंगू का डंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अब तक बच्चे, बुजुर्ग और आम लोग ही डेंगू की चपेट में आ रहे थे, लेकिन अब गर्भवती महिलाएं को भी डेंगू ने डंक मारना शुरू कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग व मलेरिया विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सूबे में 12 दिनों के […]

पटना: डेंगू का डंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अब तक बच्चे, बुजुर्ग और आम लोग ही डेंगू की चपेट में आ रहे थे, लेकिन अब गर्भवती महिलाएं को भी डेंगू ने डंक मारना शुरू कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग व मलेरिया विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सूबे में 12 दिनों के अंदर 14 ऐसी गर्भवती महिलाएं हैं, जिनको डेंगू ने अपना शिकार बनाया है. इनमें पटना की दो महिलाएं हैं और 12 अन्य जिलों की महिलाएं शामिल हैं. महिलाओं का इलाज अलग-अलग प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं को डेंगू के प्रति अलर्ट रहने को कहा है. साथ ही प्रसूति विभाग को भी अलग से केयर करने का आदेश जारी किया गया है.
प्राइवेट अस्पताल में भरती महिलाएं: पटना सिटी की रहनेवाली गर्भवती महिला सुषमा सिंह को बुखार, बदन दर्द आदि की शिकायत थी. परिजन उन्हें बोरिंग रोड स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में ले आये. ब्लड जांच कराने पर सुषमा को डेंगू होने की पुष्टि हुई. ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर उन्हें भरती कर लिया गया. वहीं, पीएमसीएच अस्पताल में एक महिला मरीज का मलेरिया का इलाज चल रहा था, जांच कराने के बाद उनमें डेंगू की भी पुष्टि हुई. अब मरीज को डेंगू वार्ड भरती किया गया है. इसके अलावा पीएमसीएच के जांच लैब में शनिवार को 12 नये डेंगू के मरीजों की पुष्टि हुई है. एलाइजा टेस्ट और ब्लड जांच करने के बाद मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. पूरे बिहार में अब तक करीब 900 डेंगू के मरीजों की पहचान हो चुकी है.
पीएमसीएच में शनिवार का आंकड़ा: डेंगू की आंशका के चलते शनिवार को 48 मरीजों की ब्लड जांच में पांच मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटिव आयी है. 91 मरीजों की टाइफाइड जांच में 14 मरीजों में टाइफाइड की पुष्टि हुई है. वहीं, 93 मरीजों की मलेरिया जांच हुई, इसमें चार मलेरिया से पीड़ित पाये गये. 18 डेंगू के मरीज पीएमसीएच अस्पताल में भरती हो चुके हैं.
महिलाएं रखें खयाल
गर्भवती महिलाओं में डेंगू होने की आशंका बनी रहती है. अन्य मरीजों के तुलना में उनको अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है. डेंगू से जच्चा और बच्चा दोनों पर खतरा बना रहता है. ऐसे में उनको दवा खाते समय ध्यान देना चाहिए. बुखार के लिए पैरासिटॉमाल व सर दर्द के लिए डिस्प्रीन या क्रोरोशीन के अलावा दूसरी दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
डॉ मंजू गीता मिश्रा, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ

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