पटना : तीन अक्तूबर को कठपुल के समीप दुर्घटना की शिकार हुई मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के सोहागपुर के रहनेवाली 23 वर्षीय लड़की के परिजनों ने पटना जीआरपी पर गंभीर आरोप लगाये हैं. परिजनों की शिकायत है कि जीआरपी ने लफड़े से बचने के लिए छेड़खानी की घटना को सामान्य दुर्घटना का रंग देकर मामला रफा-दफा कर दिया. लड़की के भाई ने बताया कि उनकी बहन छेड़खानी से बचने के लिए भागी और ट्रेन की चपेट में आकर दुर्घटना की शिकार हो गयी थी.
पीएमसीएच में भी उसे भरतीकराया गया था. लेकिन, वहां चार दिनों तक ठीक से उसका इलाज नहीं किया गया. दो दिन तक ठीक से ड्रेसिंग भी नहीं हुई. स्थिति खराब होने व शरीर में इंफेक्शन फैलने पर भोपाल लाना पड़ा.
आ गयी थी ट्रेन की चपेट में
भाई ने कहा कि उसकी बहन पिता की डांट के बाद दो अक्तूबर को घर से भाग कर पटना आ गयी थी. तीन अक्तूबर को पटना स्टेशन पर उतर कर वह आउटर की तरफ जाने लगी, तभी पीछे से तीन लड़कों ने उसके पास आकर छेड़छाड़ की. घबरा कर वह वापस ट्रेन की ओर दौड़ने लगी. हड़बड़ाहट में पटरी पार करते समय वह ट्रेन की चपेट में आ गयी, जिससे उसके दोनों पैर कट गये. भाई का आरोप है कि घटना के बाद उनकी बहन घंटों रेलवे ट्रेक पर बेहोशी की हालत में पड़ी रही.
लड़की के लिखित बयान पर हुई कार्रवाई : वहीं, जीआरपी थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि चार दिनों तक पीएमसीएच में लड़की का इलाज कराया गया. इसके बाद लड़की के परिजन व स्थानीय पुलिस भी आयी थी, जिन्हें लड़की को सौंपा गया. लड़की ट्रेन की महिला बोगी से गिरने का बयान दी है और यही बयान मध्य प्रदेश पुलिस को भी उसने दी है. अगर लड़की छेड़खानी की बात कहती, तो मामला दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार किया जाता. बाद में जीआरपी घटना स्थल पर पहुंची और लड़की का बयान दर्ज कर इलाज के लिए उसे अस्पताल भेज दिया.