हालांकि देर शाम खगौल स्थित दानापुर यार्ड में खड़ी पाटलिपुत्र-पुणे एक्सप्रेस से तीनों छात्राओं को आरपीएफ ने बरामद कर लिया. दानापुर कैरेज एंड वैगन के दो रेलकर्मचारियों की सूझ-बूझ से तीनों लड़कियों का जीवन बरबाद होने से बच गया. रेल कर्मचारियों ने तीनों लड़कियों को दानापुर आरपीएफ पोस्ट को सौंप दिया है. बरामद छात्राओं के शेखपुरा निवासी तुलसी सिंह की पुत्री निकी कुमारी , शंभू कुमार की पुत्री काजल कुमारी और सतीश सिंह की पुत्री पूजा कुमारी है. होलिफेथ इंटरनेशनल गर्ल्स स्कूल में तीनों छठी क्लास की स्टूडेंट्स हैं.
दानापुर आरपीएफ के इंस्पेक्टर आरके कछवाहा ने बताया कि प्रथमदृष्टया में नाबालिग लड़कियों की तस्करी का मामला नजर आ रहा है. पुलिस के मुताबिक अपहरण कर लायी गयीं स्कूल की तीनों लड़कियां दानापुर रेलवे यार्ड में पाटलिपुत्र-पुणे ट्रेन के खाली पड़ी कोच में बैठी मिलीं. दानापुर रेलवे यार्ड के कैरेज एंड वैगन में काम करनेवाले सेक्शन इंजीनियर सतीश रंजन और रामकांत ने बताया कि ट्रेन जांच में देखा की तीन लड़कियां पाटलिपुत्र-पुणे एक्सप्रेस की एस 13 में खाना रही थीं. पूछताछ में समझ में आया कि मामला गड़बड़ है. तीनों को कार्यालय में लाकर पूछताछ की, तो छात्राएं रोने लगीं. रेलकर्मियों ने छात्राओं के पिता और आरपीएफ को फोन पर सूचना दी है.
ट्रेन से चलो भेंट करा देते हैं. इसके बाद पूजा रोने और चिल्लाने लगी. इसके बाद भइया ने पिस्टल व आंटी ने बैग से चाकू निकाल कर बोला कि हल्ला करोगे तो तुम्हारे माता-पिता को मार दिया जायेगा . शांति से रहो ,तो मम्मी-पापा से भेंट भी करा देंगे. जैसा हम कहते हैं वैसा ही करना. कोई पूछे तो कुछ भी नहीं बताना. इसके बाद हम तीनों को यार्ड में खड़ी पाटलिपुत्र-पुणे ट्रेन में बैठा दिया और बोला कोई पूछे तो बोलना नानी के पास जाना है . इसके बाद ट्रेन में काम करने वाले आये और हम से पूछताछ करने लगे, तो पीछे में बैठे भइया और आंटी भाग गये.