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सात निश्चय: 1 लाख 14 हजार 733 वार्डों में होना है निर्माण, नाली-गली योजना 28 से होगी शुरू

पटना: मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना को चरणबद्ध तरीके से जमीन पर उतारने की कोशिश तेजी से शुरू हो गयी है. नगर विकास एवं आवास विभाग और पंचायती राज विभाग हर घर नल का जल निश्चय योजना के कार्यान्वयन के बाद अब पक्की नाली-गली योजना को क्रियान्वयन की तैयारी में जुट गया हैं. सरकार के […]

पटना: मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना को चरणबद्ध तरीके से जमीन पर उतारने की कोशिश तेजी से शुरू हो गयी है. नगर विकास एवं आवास विभाग और पंचायती राज विभाग हर घर नल का जल निश्चय योजना के कार्यान्वयन के बाद अब पक्की नाली-गली योजना को क्रियान्वयन की तैयारी में जुट गया हैं.

सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्घाटन 28 अक्तूबर को हाेगा. इसके पहले दो अक्तूबर को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड और स्वयं सहायता भत्ता तथा कौशल विकास योजना की शुरुआत हो चुकी है. मुख्यमंत्री के साथ निश्चयों में शामिल शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में हर नाली-गली का पक्कीकरण योजना को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जायेगा. नगर निकाय क्षेत्रों में सरकार द्वारा अगले पांच सालों में करीब 93 लाख मीटर गली की सड़कों को पक्कीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

इसी तरह नगर विकास एवं आवास विभाग राज्य के शहरी क्षेत्र में 49 लाख मीटर पक्की नालियों का निर्माण कराना है. इसी तरह से पंचायती राज विभाग द्वारा राज्य में 8391 पंचायतों की गलियों और नालियों का पक्कीकरण की योजना तैयार की गयी है. पंचायती राज विभाग द्वारा राज्य के एक लाख 14 हजार 733 वार्डों में पक्की नाली और गली का निर्माण कराया जाना है. दोनों विभागों की कोशिश है कि प्रत्येक घर पक्की सड़क एवं नाली से जुड़े. इसके लिए सभी वार्डों में स्थित कच्ची गलियों को चिह्नित कर सूचीबद्ध किया गया है. गलियों में पीसीसी इंटरलॉकिंग टाइल्स पथ का निर्माण किया जायेगा. जिन गलियों की चौड़ाई छह मीटर से कम हो उनमें यथासंभव इंटरलॉकिंग टाइल्स पथ ही बनाया जायेगा. जिन सड़कों का पीसीसी किया गया है उसमें पथ के सात नाली का भी प्रावधान किया गया है. इधर पंचायतों में निर्मित होनेवाले नाली गली योजना में वार्ड सदस्यों को भी शामिल किया गया है.
नगर विकास विभाग के मुताबिक नगर पंचायतों में 68 फीसदी निकायों में अभी नाली नहीं है. आधे नगर पंचायतों में नाली की कमी है. जबकि, नगर निगमों की स्थिति थोड़ी बेहतर है. राज्य के 12 नगर निगमों में 21 फीसदी मोहल्लों में नालियां नहीं है. नगर निगमों में सबसे माली हालत पूर्णिया नगर निगम की है. यहां मात्र 15 फीसदी सड़कें ही नालीयुक्त हैं. जबकि, 85 फीसदी सड़कों के किनारे नालियां नहीं है. इस मामले में आरा नगर निगम की स्थिति बेहतर है.
यहां की कुल सड़कों की लंबाई में महज 12 फीसदी सड़कों के किनारे ही नालियां नहीं है. एक लाख से अधिक आबादी वाले नगर परिषदों में सहरसा नगर परिषद में नालियों की स्थिति सबसे खराब है. यहां 95 फीसदी सड़कों के किनारे नालियां नहीं है.

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