उन्होंने दिल के बारे में कहा कि दिल बहुत ही कोमल और संवेदनशील होता है. इसके डॉक्टर भी बड़े ही दयालु होते हैं. एम्स में सिर्फ इलाज हीं नहीं होता है, बल्कि नयी नयी तकनीक और शोध भी होती है. एडीजीपी विधि व्यवस्था अलोक राज ने कहा कि एम्स में इस तरह के कार्यक्रम से चिकित्सकों और मरीजों का फायदा होगा.
इससे 50 हजार लोगों को टेली मेडिसीन के माध्यम से एम्स के डॉक्टरों के परामर्श से इलाज हो पाया है. इसे और सशक्त करने की जरूरत है. उन्होंने इस कार्यक्रम के उद्देश्य पर कहा कि पटना एम्स में कार्यक्रम आयोजित करके बिहार के चिकित्सकों ने नये-नये तकनीकी गुर सीखे. अंत में कार्यक्रम के संयोजक डॉ संजीव कुमार ने धन्यवाद दिया. इस मौके पर डॉ अनिल कुमार, डॉ सुदीप कुमार, डॉ कांति भावना, डॉ प्रेम कुमार, डॉ प्रशांत कुमार आदि मौजूद थे.