Advertisement
दिसंबर में नगरपालिका चुनाव में आरक्षण का रोस्टर
पटना : नगरपालिका निर्वाचन 2017 में पदों में आरक्षण का चक्र बदल जायेगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को नगरपालिका निर्वाचन 2017 के लिए पदों के आरक्षण प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दे दिया है. आयोग ने 14 नवंबर से 21 नवंबर तक जिलों द्वारा तैयार कराये गये आरक्षण प्रस्ताव की सूची मांगी है. […]
पटना : नगरपालिका निर्वाचन 2017 में पदों में आरक्षण का चक्र बदल जायेगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को नगरपालिका निर्वाचन 2017 के लिए पदों के आरक्षण प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दे दिया है. आयोग ने 14 नवंबर से 21 नवंबर तक जिलों द्वारा तैयार कराये गये आरक्षण प्रस्ताव की सूची मांगी है. उम्मीद की जा रही है दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक सभी नगरपालिकाओं के लिए आरक्षण के नये रोस्टर की मंजूरी मिल जायेगी. राज्य निर्वाचन आयोग की मंजूरी के बाद ही निर्धारित नये आरक्षण के आधार पर अगले साल चुनाव कराया जायेगा.
इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को हर नगरपालिका में पार्षद के पदों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के आरक्षण आरंभ करने का निर्देश दिया है. आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि वर्ष 2009 में बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 में संशोधन किया गया है. इसमें 50 फीसदी पदों का आरक्षण किया जाना है. अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जन जातियों और पिछड़े वर्गों के लिए जो स्थान अनारक्षित नहीं होंगे उसमें से 50 प्रतिशत के निकटतम पद महिलाओं के लिए आरक्षित किये जायेंगे.
आयोग ने बताया है कि पूर्ववर्ती चुनाव में किसी कोटि विशेष के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र का बाद के चुनाव में उसी कोटि के लिए आरक्षित नहीं किया जा सकता है.
यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर कोई निर्वाचन क्षेत्र अन्य (अनारक्षित) कोटि से महिला के लिए आरक्षित किया गया था तो यह बाद के चुनाव में अन्य (अनारक्षित) कोटि की महिला के लिए आरक्षित नहीं किया जायेगा. एकल पद की स्थिति में कोई आरक्षण नहीं होगा. किसी कोटि का मात्र एक ही पद हो तो वह किसी महिला के लिए आरक्षित नहीं किया जायेगा.
जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि आरक्षित क्षेत्रों (वार्डों) की सूची का प्रकाशन नगरपालिका के कार्यालय, अनुमंडल कार्यालय एव जिला दंडाधिकारी के कार्यालय में प्रकाशित की जायेगी. साथ ही उसकी एक प्रति नगरपालिका और जिला कार्यालय में संरक्षित रखी जायेगी.
आयोग ने अपने दिशा-निर्देश में कहा है कि वर्ष 2007 के निर्वाचन में आरक्षण का क्रम पहले अनुसूचित जनजाति फिर अन्य फिर अनुसूचित जाति के क्रम में आरक्षित सीटों का आवंटन किया गया था. वर्ष 2017 में होनेवाले आम निर्वाचन में यह चक्र बदलकर पहले अन्य फिर अनूसूचित जाति फिर अनुसूचित जनजाति के क्रम में निर्वाचन क्षेत्रों का आवंटन किया जायेगा.
इस तरह से संबंधित नगरपालिका को अपने प्रस्ताव में प्रपत्र -सात में सर्व प्रथम कोटिवार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और कुल जनसंख्या को अंकित की जायेगी. पिछड़े वर्गों के लिए कुल पदों का 20 फीसदी या उसके नजदीक आरक्षण दिया जाना है. पिछड़े वर्गों को अधिकतम 20 फीसदी आरक्षण दिया जायेगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement