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वार्ड को रोजाना 63 हजार लीटर पानी
हर घर नल का जल योजना के तहत मिलेगा स्वच्छ पानी पटना : मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत ग्रामीण इलाके में हर घर नल का जल से पानी पहुंचाया जायेगा. ग्रामीण इलाके में लगभग एक लाख चौदह हजार सात सौ तैंतीस वार्ड में पाइप से जलापूर्ति होगी. एक अनुमान के अनुसार एक वार्ड […]
हर घर नल का जल योजना के तहत मिलेगा स्वच्छ पानी
पटना : मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत ग्रामीण इलाके में हर घर नल का जल से पानी पहुंचाया जायेगा. ग्रामीण इलाके में लगभग एक लाख चौदह हजार सात सौ तैंतीस वार्ड में पाइप से जलापूर्ति होगी. एक अनुमान के अनुसार एक वार्ड में लगभग 967 लोग रहते हैं. ग्रामीण इलाके में प्रत्येक दिन प्रति व्यक्ति 70 लीटर पानी आपूर्ति करना है. इस हिसाब से लगभग एक दिन में प्रत्येक वार्ड में 63 हजार लीटर पानी की आपूर्ति होगी.
पंचायती राज विभाग पानी आपूर्ति के लिए योजना के तहत काम करेगा. प्रत्येक वार्ड में पानी की आपूर्ति बोरिंग, सबमर्सिबल पंप व डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन के माध्यम से पूरा किया जायेगा. बिजली नहीं होने पर वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का इस्तेमाल कर जलापूर्ति की व्यवस्था होगी. जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बोरिंग की न्यूनतम गहराई सौ मीटर होगी.
ग्रामीण क्षेत्र में पाइप द्वारा शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हेतु ग्राम पंचायत द्वारा जलापूर्ति की छोटी-छोटी योजनाएं क्रियान्वित की जायेगी. योजना के लिए स्थानीय क्षेत्रों की आवश्यकतानुसार विभिन्न प्रकार के मानक प्राक्कलन तैयार होगा. मानक प्राक्कलन तैयार करने में पीएचइडी विभाग सहयोग करेगी. ग्रामीण इलाके में 8391 ग्राम पंचायत है. लगभग नौ करोड़ पचासी लाख बावन हजार दो सौ अठहत्तर लोग रहते हैं. ग्रामीण परिवारों की संख्या एक करोड़ 78 लाख 29 हजार 66 है. एक पंचायत में हर घर नल का जल योजना पूरा करने पर एक करोड़ 66 लाख 32 हजार रुपये खर्च होंगे. सभी पंचायत मिलाकर कुल 83 अरब 73 करोड़ 54 लाख खर्च होंगे. हर घर नल का जल से पानी पहुंचाने का काम 2020 तक पूरा करना है.
पंचायती राज विभाग ने सभी वार्ड में होनेवाले काम का खाका तैयार किया है. पहले साल में 20 फीसदी, दूसरे साल में 30 फीसदी, तीसरे साल में 30 फीसदी व चौथे साल में 20 फीसदी वार्ड में काम पूरा करेगा. योजनाओं का चयन वार्ड सभा व ग्राम सभा के माध्यम से ग्राम पंचायतों द्वारा किया जायेगा.
ग्राम पंचायतों में योजनाओं के कार्यान्वयन की प्राथमिकता के निर्धारण के लिए वार्ड के एससी, एसटी जनसंख्या बाहुल को ध्यान में रखा जायेगा. इसका क्रियान्वयन वार्ड सदस्य की अध्यक्षता में समिति गठित कर ग्राम पंचायतों द्वारा कराया जायेगा. योजनाओं की निगरानी निगरानी समिति गठित कर राज्य सरकार की अन्य एजेंसियों व आवश्यकतानुसार स्वतंत्र वाह्य एजेंसियां भी करेगी.
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना का क्रियान्वयन 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर प्राप्त होनेवाली राशि तथा पंचम राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा पर प्राप्त होने वाली राशि से होगी. 4वें वित्त आयोग से 40 फीसदी व पंचम राज्य वित्त आयोग से 45 फीसदी राशि मिलेगी. इसके बाद शेष राशि राज्य सरकार अपने संसाधन से पूरा करेगी.
पेयजल योजना पर खर्च होगी 50 फीसदी राशि
राज्य सरकार अब पेयजल नाली गली निश्चय योजना पर 50 फीसदी राशि खर्च करेगी. इसके लिए पंचम राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा में संशोधन किया गया है. सरकार के नये निर्देश के अनुसार नगर निकायों को इससे मिलने वाली राशि को तीन हिस्सों में बांट दिया गया है. कुल आवंटित राशि का 30 प्रतिशत हिस्सा मुख्यमंत्री शहरी पेयजल निश्चय योजना और 20 प्रतिशत राशि मुख्यमंत्री शहरी नाली-गली पक्कीकरण निश्चय योजना पर खर्च किया जायेगा.
शेष 50 फीसदी राशि निकायकर्मियों के वेतन और सेवानिवृत्त कर्मियों के सेवांत लाभ के बकाये के भुगतान, ठोस कचरा प्रबंधन, बिजली के बिल और पेंशन भुगतान पर खर्च किया जायेगा. नगर विकास विभाग के अधिकारी ने बताया कि पंचम राज्य वित्त आयोग से स्थानीय शहरी निकायों को वर्ष 2015-16 से 2019-20 के बीच राशि आवंटित की जानी है.
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