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सब विधि भरत सराहन जोगु…जानहि राम ना सकहि बखानी
पटना : श्री अवधपुर के वासियों में श्री राम और भरत जी का तुलनात्मक विश्लेषण हो रहा है और उधर शिवजी शिवा यानी पार्वती जी को कथा सुनाते हुए कहते हैं. दुहूं दिसी चित्रण कहई सब लोगुसब विधि भरत सराहन जोगु. इसलिए श्री भरत की महिमा अतुलनीय है. भगवान भी इनका महिमा का पूरा वर्णन […]
पटना : श्री अवधपुर के वासियों में श्री राम और भरत जी का तुलनात्मक विश्लेषण हो रहा है और उधर शिवजी शिवा यानी पार्वती जी को कथा सुनाते हुए कहते हैं. दुहूं दिसी चित्रण कहई सब लोगुसब विधि भरत सराहन जोगु. इसलिए श्री भरत की महिमा अतुलनीय है. भगवान भी इनका महिमा का पूरा वर्णन नहीं कर सकते हैं. जानहि राम ना सकहि बखानी. चौदह वर्षों तक केवल अपने आराध्य श्री राम के पादुकाओं का पूजन किया.
अंतिम दिन विरह सागर में डूब कर प्रणांत करना चाहते थे पर प्रभु ने इस दर्द को समझ लिया. हनुमान जी को भेज कर अपने आगमन का मंगलमय संदेश दिया और भूमि पर प्रणाम कर रहे भरत को गले लगा लिया. इसके बाद वशिष्ठ आदि महर्षि ने श्री सीताराम जी को रत्नमय सिंहासन पर बैठाकर राज्याभिषेक कर दिया, सारे भारतवर्ष में रामराज्य छा गया. बाघ और बकरी एक ही घाट पर पानी पीने लगे. पृथ्वी शस्यगर्भा हो गयी. सूर्य की किरणें अनुकूल पड़ने लगे. घर-घर में वेद पुरानों की चर्चा होने लगी.
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