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आज मां दुर्गा देंगी दर्शन, उमड़ेगा आस्था का सैलाब
शारदीय नवरात्र. मंदिरों और पूजा पंडालों के खुलेंगे पट, देवी की प्रतिमाएं सज-धज कर तैयार, लाइटों से चमके पंडाल पटना : राजधानी के सभी मंदिरों, पूजा पंडालों में शनिवार को शाम पौने पांच बजे के पहले मां दुर्गा के पट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिये जायेंगे. देवी प्रतिमाएं सज-धज कर तैयार हो गयी […]
शारदीय नवरात्र. मंदिरों और पूजा पंडालों के खुलेंगे पट, देवी की प्रतिमाएं सज-धज कर तैयार, लाइटों से चमके पंडाल
पटना : राजधानी के सभी मंदिरों, पूजा पंडालों में शनिवार को शाम पौने पांच बजे के पहले मां दुर्गा के पट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिये जायेंगे. देवी प्रतिमाएं सज-धज कर तैयार हो गयी हैं.
पंडालों को भी काफी आकर्षक तरीके से सजाया गया है. शहर के सड़कें भी रंग-बिरंगे बल्बों से जगमग कर रही हैं. अब बस इंतजार मां के आगमन का है. पंडित अमित माधव महाराज ने बताया कि शनिवार को सुबह सात बजे बेल लाकर पूजन करना चाहिए. प्रायः ऐसा माना जाता है कि सप्तमी तिथि और मूल नक्षत्र के योग पर ही प्राण प्रतिष्ठा किया जाता है क्योंकि तिथि को शरीर और नक्षत्र को अंग माना गया है. शनिवार को शाम 4:40 बजे तक मूल नक्षत्र प्राप्त हो रहा है . मूल नक्षत्र में पट खोलना काफी शुभ माना जाता है.
जगमग रोशनी से सजीं सड़कें : पूजा समितियों द्वारा पंडाल के साथ-साथ सड़कों को भी सजाया गया है. डाकबंगला चौराहा से लेकर कोतवाली मोड़ तक सड़क को रंग-बिरंगे बल्बों से कोलकाता के कुशल कलाकारों ने सजाया है. श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए कोतवाली मोड़ पर विशाल तोरणद्वार बनाया गया है. इसी तरह पूरा बोरिंग रोड जगमग कर रहा है. इसके अलावा पंत भवन लेकर राजापुर पुल तक बोरिंग कैनाल रोड में बहुत सुंदर सजावट की गयी है.
कदमकुआं में ठाकुरबाड़ी रोड, हिंदी साहित्य सम्मेलन, चूड़ी मार्केट, दरियापूर ब्रह्मास्थान, मछुआटोली, नाला रोड, बेली रोड में राजा बाजार, शेखपुरा, खाजपुरा व रुकनपुरा में सड़कों की भव्य सजावट की गयी है. वहीं, अशोक राजपथ व सुदर्शन पथ के साथ अन्य संपर्क पथों व तंग गलियों में की गयी सजावट की छटा देखते बन रही थी. चैलीटाड़, नया गांव पूजा समिति की ओर से भी तैयारी की गयी है. पूर्वी नंदगोला नागा बाबा पूजा समिति, साधन कला मंदिर माधो मिल में आकर्षक सजावट समेत अन्य जगहों की तैयारी से लोग मुग्ध है.
दानापुर में महापष्ठी को विल्वाभिमंत्रण, द्रवी बोधन व अधिवास अनुष्ठान के लिए नगर की प्रमुख पूजा समितियों की ओर से गाजे-बाजे, ढोल-नगाड़े व झाल-मंजीर के साथ शोभायात्रा निकाली गयी. पशु अनुमंडलीय अस्पताल में बेल वृक्ष के नीचे अनुष्ठान संपन्न हुआ.
पटना. शुक्रवार की सुबह से ही बांग्ला पद्धति से पूजा वाले मंडपों में खास रौनक थी. कालीबाड़ी मंदिर के अलावा बंगाली अखाड़ा, पीडब्लूडी परिसर, आर ब्लॉक, मीठापुर, जक्कनपुर, कदमकुआं और पाटलिपुत्र स्थित बांग्ला मंदिरों और पूजा पंडालों में वंदनवार सज चुके थे, ढाक तैयार थे. सुबह साढ़े आठ बजे षष्ठी पूजा शुरू हुई, मां दुर्गा के आगमन को लेकर इंतजार की घड़ियां टिक-टिक होनी शुरू हो गयी थी. मद्धम आवाज में ढाक बजे रहे थे. साढ़े तीन से चार घंटे तक चली पूजा के बाद माता को आमंत्रण भेजा गया. इसके पूर्व सुबह आठ बजे से माता का बोधन हुआ. फिर कल्पारंभ होने के बाद शाम में 6:30 बजे अधिवास किया गया. बेलवरण की पूजा संपन्न हुई और वहां सभी को आमंत्रण देने के बाद शाम में अनुष्ठान के उपरांत माता के पट खोल दिये गये.
पूरी-सब्जी और हलवा का लगाया गया भोग : बंगाली अखाड़ा में इस बार 124वें साल लगातार माता का दर्शन हो रहा है.अखाड़ा के वाइस प्रेसिडेंट समीर राय ने कहा कि यहां केवल बंगाली समुदाय के लोग ही सदस्य हैं. सभी की श्रद्धा यहां से जुड़ी हुई है. राजधानी के लगभग बांग्ला परिवार यहां आकर माता के समक्ष शीश नवाते हैं. माता का आगमन होने के उपरांत उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की गयी अौर भोग लगाने के बाद भक्तों द्वारा पूजा-अर्चना शुरू हुई. पूरी सब्जी और हलवा का भोग लगाने के बाद देवी की आरती की गयी. शाम में मिष्ठी दही का भोग चढ़ा कर शयन की प्रार्थना की गयी.
कालीबाड़ी में कोलकाता के मां दुर्गा की झलक : कोलकाता के मां काली की झलक राजधानीवासियों को कालीबाड़ी में देखने को मिलेगी. यहां मां दुर्गा महिष मर्दनी के रूप में रौद्र रूप में दिख रही हैं.
कोलकाता में जिस प्रकार मां दुर्गा की प्रतिमा बनायी जाती है. राजधानी में अन्य जगहों पर मां दुर्गा की प्रतिमा बैठायी जाती है, लेकिन कोलकाता की तरह महिष मर्दनी के रूप में मां दुर्गा का रूप कालीबाड़ी में देखने को मिलती है. इसलिए यहां हर साल दुर्गापूजा के दौरान षष्ठी से नवमी तक शाम से ही मां दुर्गा की प्रतिमा देखने के लिए काफी भीड़ लगती है. मां दुर्गा अपने ससुराल से नवरात्र के दौरान चार दिनों के लिए अपने बच्चों के साथ मायका आती हैं. कालीबाड़ी मंदिर के पुजारी वासुदेव चक्रवर्ती ने कहा कि भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. सभी ने माता से मनवांछित आशीर्वाद मांगे. उन्हाेेंने कहा कि सप्तमी को 12 बजे खिचड़ी का भोग लगाया जायेगा आैर दशमी तक रोज विशेष पूजा की जायेगी.
पटना सिटी : पूजा पंडालों में शुक्रवार को अधिकतर जगहों पर भगवती की प्रतिमा को विराजमान कर दिया गया है. शनिवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ नवपत्रिका प्रवेश का अनुष्ठान होगा.
इधर, शुक्रवार को भक्तों ने देवी के छठे स्वरूप कात्यायनी की उपासना की. शनिवार को उपासक देवी के सातवें स्वरूप कालरात्रि की उपासना करेंगे. इसी रात को तांत्रिक सिद्धि का अनुष्ठान होने से सप्तमी को तंत्र साधना की रात भी कहा जाता है. इतना नहीं शक्तिपीठ मंदिरों में शनिवार की रात ही निशा पूजा का अनुष्ठान होगा. बड़ी देवी जी मारुफगंज व श्रीश्री नंदगोला बड़ी देवी जी में रविवार की सुबह संधि पूजा का अनुष्ठान होगा.
शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी के महंत विजय शंकर गिरी ने बताया कि शनिवार की रात निशा पूजा होगी, जबकि महाअष्टमी व्रत रविवार को होगा. श्री बड़ी देवी जी मारुफगंज के अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि संधि पूजा का अनुष्ठान रविवार को होगा. शक्तिपीठ मंदिरों में बड़ी पटनदेवी, छोटी पटनदेवी , गड़हा पटनदेेवी, अगमकुआं शीतला माता मंदिर, सर्व मंगला देवी मंदिर गुलजारबाग में पंडितों की देखरेख में भगवती की अाराधना का अनुष्ठान चल रहा है. इधर , भक्तों की भीड़ पूजा-अर्चना के लिए जुट रही है.
कब, कहां होगी निशा और संधिपूजा
शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी : शनिवार की रात 12 बजे रात से निशा पूजा : महंत विजय शंकर गिरि
बड़ी देवी जी महाराजगंज : शनिवार की रात 12 बजे रात से निशा पूजा
बड़ी देवी जी मारुफगंज : रविवार शाम 5.24 से 6.12 तक संधि पूजा
अगमकुआं शीतला माता मंदिर : शनिवार की रात 12 बजे से निशा पूजा रात्रि : पुजारी जयप्रकाश और पंकज पुजारी
सर्व मंगला देवी मंदिर : शनिवार की रात 12 बजे रात से निशा पूजा : पुजारी : द्वारिकानंद मिश्र
तारणी प्रसाद लेन स्थित बाबा मुक्तेश्वरनाथ मंदिर में : शनिवार मध्य रात निशा पूजा
छोटी पटनदेवी : शनिवार की रात 12 बजे रात से निशापूजा़
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