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आइआइटी इंजीनियर बना रहे पुल की डिजाइन

पटना : राज्य में पुल निर्माण से लेकर भवन निर्माण में आइआइटी इंजीनियरों की निर्भरता बढ़ी है. किसी निर्माण में सहमति के लिए आइआइटी इंजीनियरों का सहयोग लेना अनिवार्य हो गया है. ऐसा नहीं है कि निर्माण संबंधी विभाग में इंजीनियरों की कमी नहीं है. इसके बावजूद राज्य में सड़क, पुल-पुलिया, भवन निर्माण के डिजाइन, […]

पटना : राज्य में पुल निर्माण से लेकर भवन निर्माण में आइआइटी इंजीनियरों की निर्भरता बढ़ी है. किसी निर्माण में सहमति के लिए आइआइटी इंजीनियरों का सहयोग लेना अनिवार्य हो गया है. ऐसा नहीं है कि निर्माण संबंधी विभाग में इंजीनियरों की कमी नहीं है. इसके बावजूद राज्य में सड़क, पुल-पुलिया, भवन निर्माण के डिजाइन, उसकी मजबूती आदि की जांच के लिए आइआइटी इंजीनियरों का विशेष योगदान लिया जा रहा है. आइआइटी रूड़की, आइआइटी कानपुर, आइआइटी दिल्ली के इंजीनियरों का सहयोग निर्माण काम में लिया जा रहा है.
गांधी सेतु के पाये की मजबूती की जांच , बी पी मंडल सेतु के स्ट्रक्चर की जांच, विधान मंडल एक्सटेंशन भवन की जांच में आइआइटी रूड़की के इंजीनियरों ने मदद की है. मधेपुरा जिला के फुलौत में कोसी नदी पर बनने वाले नव निर्मित पुल का डीपीआर आइआइटी रूड़की ने तैयार कर सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय को सौंपा है. मिली जानकारी के अनुसार मंत्रालय ने उस पर अपनी सहमति दी है. राजधानी पटना में बनने वाले लाेहिया पथ चक्र में बोरिंग केनाल रोड में बननेवाले फ्लाइओवर के निर्माण के लिए आइआइटी दिल्ली के इंजीनियरों का सहयोग लिया जा रहा है. आइआइटी पटना के विशेषज्ञ पटना हाइकोर्ट केनये भवन की गुणवत्ता की जांचकी है.
जानकारों का कहना है कि निर्माण के क्षेत्र में तरह-तरह की नयी तकनीक विकसित हो रही है. आइआइटी के इंजीनियर नयी तकनीक से हर समय रूबरू होते रहते हैं. ऐसे में नयी तकनीक से निर्माण कराने को लेकर इंजीनियरों की मदद ली जाती है. किसी निर्माण में अब कांट्रैक्टर को ही डिजाइन तैयार करने के साथ निर्माण की जिम्मेवारी रहती है. ऐसे में कांट्रैक्टर द्वारा तैयार डिजाइन में कभी-कभी अंतर दिखता है. कांट्रैक्टर द्वारा तैयार डिजाइन पर आइआइटी इंजीनियरों से सहमति लेना आवश्यक होता है जो भविष्य में निर्माण को लेकर कोई परेशानी नहीं हो.
आइआइटी रूड़की किसी निर्माण की गुणवत्ता की जांच बजाबता फीस लेकर कामकरती है.
भवन निर्माण विभाग ने विधान मंडल एक्सटेंशन भवन के आसपास अन्य निर्माण को लेकर मिट्टी की जांच के लिए आइआइटी रूड़की से संपर्क साधा है. गांधी सेतु के पाये की मजबूती की जांच के लिए मिट्टी व कंक्रीट की जांच आइआइटी रूड़की के विशेषज्ञ दल ने एक माह रह कर किया.
आइआइटी रूड़की ने किये काम
गांधी सेतु के जीर्णोद्धार हेतु पाये की कंक्रीट और नीचे की मिट्टी की जांच
खगड़िया बीपी मंडल सेतु के स्ट्रक्चर की जांच
विधानमंडल एक्सटेंशन भवन की जांच
फुलौत में कोसी नदी पर पुल का डीपीआर तैयार
आइआइटी पटना द्वारा पटना हाइकोर्ट के नये भवन की जांच
आइआइटी दिल्ली द्वारा लोहिया पथ चक्र निर्माण में सहयोग

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