पटना: पीएमसीएच के स्त्री एवं प्रसूति विभाग के आइसीयू से चुराये गये नवजात को बुधवार की सुबह नौ बजे पुलिस ने खगौल थाने के नेउरा स्थित एक नवनिर्मित भवन से बरामद कर लिया. पुलिस ने बच्च चुराने के आरोप में निशा व उसके पति सोनू व मां गायत्री देवी को गिरफ्तार किया है. गायत्री मूलरूप से मनेर के ब्यापुर के रहनेवाली हैं. कुछ दिनों पहले ही निशा व सोनू नेउरा में नवनिर्मित भवन में किराया लेकर रहने लगे थे.
बच्चा निशा की मां गायत्री देवी व मीना देवी ने मिल कर चुराये थे. मीना पुलिस के हाथ नहीं लग सकी है. फिलहाल गायत्री शास्त्री नगर थाने के राजाबाजार स्थित भगतिन गली में रहती है. उसका पति प्रेम कुमार भाड़े पर ट्रैक्टर चलवाता है. प्रेम को भी पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. पुलिस ने बच्चे को उसकी मां कलावती देवी व नानी पानपति देवी को सौंप दिया है. फिलहाल कलावती का इलाज स्त्री एवं प्रसूति विभाग में चल रहा है.
पीरबहोर थानाध्यक्ष एसए हाशमी ने बताया कि निशा व सोनू के कई परिजनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी तो बच्चे के बारे में सुराग मिला. पुलिस को सूचना मिली कि बच्चे को राजाबाजार में रहनेवाली गायत्री देवी ने मीना देवी के साथ मिल कर चुराया था. पुलिस सुराग लगाते हुए मंगलवार की देर रात नेउरा पहुंच गयी. नेउरा में घंटों भटकने के बाद एक नवनिर्मित मकान के दूसरे तल्ले पर पुलिस ने छापेमारी की तो वहां निशा व उसका पति सोनू बच्चे के साथ मिल गये. बच्चे के मिलते ही पुलिस के चेहरे खिल गये. पति-पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. बाद में पुलिस गायत्री देवी को भी गिरफ्तार कर लिया.
बच्चा नहीं हुआ, तो चुराया नवजात
पुलिस ने बताया कि गायत्री देवी की बेटी निशा की शादी सोनू के साथ करीब ढाई साल पहले हुई थी. दोनों ने प्रेम विवाह किया था. सोनू जहानाबाद के कनौती का रहनेवाला है. उसके पिता अरविंद पटना पुलिस में सिपाही हैं और पुलिस लाइन में रहते हैं. सोनू की निशा के साथ दूसरी शादी है . शादी के ढाई साल बाद भी दोनों के बच्चे नहीं हुए.
हालांकि पहली पत्नी से सोनू का एक लड़का व एक लड़की भी है. बच्च नहीं होने से निशा निराश रहने लगी. निशा की मां गायत्री को इसकी जानकारी हुई तो वह बच्चे की जुगाड़ में लग गयी. इस बीच गायत्री का संपर्क मीना देवी से हुई. दोनों बच्चे को चुराने के लिए पीएमसीएच के स्त्री व प्रसूति विभाग में कई बार पहले भी कोशिश की थी. आखिरकार शनिवार की सुबह उन्हें सफलता मिल गयी.
शनिवार की सुबह हुई थी बच्चे की चोरी
अरवल के मेहंदिया थाने के सोहसा गांव निवासी राजदेव चौधरी अपनी बेटी कलावती देवी (21) को डिलीवरी के लिए 16 मई की शाम सात बजे भरती कराया था. कलावती की शादी औरंगाबाद जिले के हसपुरा थाने के मलहारा गांव के विद्यासागर से तीन साल पहले हुई थी. विधासागर गांव में ही मजदूरी करते हैं. 16 मई की रात 10 बज कर 30 मिनट पर नवजात का जन्म हुआ.
बच्चे के जन्म के बाद कलावती देवी की हालत में सुधार नहीं हुआ और उसे आइसीयू में भरती कराया गया. कलावती को होश ही नहीं आ रहा था. बच्च होने के कारण भी वह आइसीयू में मां के पास था. दोनों की सेवा करने के लिए कलावती देवी की मां पानपति देवी भी साथ में थी. कलावती देवी के पिता राजदेव चौधरी बाजार से कुछ दवाइयां लाये थे, जिन्हें लौटाना था. 18 मई की सुबह साढ़े आठ बजे उन्हीं दवाइयों को लौटाने के लिए उनकी पत्नी पानपति देवी देने के लिए आइसीयू के दरवाजे पर पहुंची. जहां से वह दवाइयां लेकर लौटाने चले गये. इसके बाद पानपति देवी वापस अपनी बेटी के पास आयी, लेकिन वहां बच्च नहीं था.