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पत्रकार हत्याकांड में शहाबुद्दीन और मंत्री तेज प्रताप को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट : सीबीआइ जांच जारी रखे, 17 अक्तूबर को रिपोर्ट दे सुप्रीम कोर्ट ने जहां पीड़िता के साहस की तारीफ की, वहीं अपराधियों से नेताओं के संबंधों पर गंभीर िटप्पणी की. नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सीबीआइ को निर्देश दिया कि वह पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में अपनी जांच आगे बढ़ाये. […]

सुप्रीम कोर्ट : सीबीआइ जांच जारी रखे, 17 अक्तूबर को रिपोर्ट दे
सुप्रीम कोर्ट ने जहां पीड़िता के साहस की तारीफ की, वहीं अपराधियों से नेताओं के संबंधों पर गंभीर िटप्पणी की.
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सीबीआइ को निर्देश दिया कि वह पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में अपनी जांच आगे बढ़ाये. कोर्ट ने सीवान के एसपी को भी निर्देश दिया कि वह रंजन के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराएं. न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति सी नागप्पन की पीठ ने रंजन की पत्नी आशा रंजन की याचिका पर शहाबुद्दीन और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे एवं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव से जवाब भी मांगा है. आशा ने याचिका में अपने पति के हत्याकांड का मुकदमा सीवान से बाहर स्थानांतरित कर दिल्ली लाने और परिवार को सुरक्षा देने की गुहार लगायी है.
पिछले दिनों तेज प्रताप की एक तसवीर कुछ अखबारों में छपी थी, जिसमें उन्हें शहाबुद्दीन के दो शार्प शूटरों में से एक के साथ देखा गया था. पीठ ने कहा, ‘इसके मद्देनजर हम निर्देश देते हैं कि सीबीआइ अपनी जांच आगे बढ़ा सकती है, लेकिन इसे अंतिम रूप नहीं दे सकती और वह 17 अक्तूबर को इस अदालत के सामने अपनी जांच की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेगी.’ आशा रंजन ने पीठ के सामने दावा किया कि ‘राजनीतिक प्रभाव’ और ‘शहाबुद्दीन के डर’ से सीबीआइ ने अब तक अपनी जांच शुरू भी नहीं की है, क्योंकि राज्य की मशीनरी इस हिस्ट्रीशीटर को बचा रही है. जब वकील ने कहा कि मुकदमा दिल्ली स्थानांतरित किया जाना चाहिए, इस पर पीठ ने कहा, ‘सीबीआइ अपनी जांच वहां पूरी करेगी.
आखिरकार, उनका पक्ष सुनने के बाद हम विचार करेंगे कि मुकदमा स्थानांतरित किया जाना चाहिए कि नहीं. अभी सुनवाई तो चल नहीं रही है.
उन्हें जांच करने दीजिए.’ वकील ने कोर्ट से कहा, ‘शहाबुद्दीन के डर से सीबीआइ को मामले की जांच शुरू करने की भी हिम्मत नहीं हुई. दो शार्प शूटरों – मोहम्मद कैफ और मोहम्मद जावेद – को शहाबुद्दीन एवं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के साथ देखा गया था. राज्य की पूरी मशीनरी शहाबुद्दीन को बचाने में लगी हुई है.’ वकील ने कहा कि पत्रकार रंजन ने शहाबुद्दीन के ‘आपराधिक कुकृत्यों” के बारे में कई खबरें लिखी थीं और बिहार में राजद-जदयू गंठबंधन के सत्ता में आने के बाद उनकी गोली मार कर हत्या कर दी गयी.
मुकदमे को सीवान से दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा, ‘शहाबुद्दीन का खौफ इतना ज्यादा है कि एक मुकदमे में उसे दोषी करार देने वाले सुनवाई अदालत के जज ने भी अपना तबादला सीवान से पटना करने का अनुरोध किया है.’ आशा रंजन के वकील किसलय पांडेय ने यह भी कहा कि रंजन हत्याकांड में भगोड़ा घोषित किये गये कैफ और जावेद को ‘पनाह’ देने को लेकर शहाबुद्दीन और तेज प्रताप के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में एक ‘बदकिस्मत और लाचार विधवा’ इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही है. जेल से शहाबुद्दीन की रिहाई के बाद आशा और उनके दो बच्चे लगातार खौफ में जीने को मजबूर हैं.
भाजपा नेताओं को भी नोटिस जारी करें : सुप्रीम कोर्ट की नोटिस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए तेज प्रताप ने कहा कि भाजपा के उन नेताओं को भी ऐसे ही नोटिस जारी करना चाहिए, जिनकी तसवीरें मामले के एक संदिग्ध और अन्य अपराधियों के साथ सामने आयी थीं.
सीवान के एसपी को पत्रकार राजदेव के परिवार को सुरक्षा देने का िनर्देश
पद पर बैठे लोग जरा भी नहीं सोचते
अपने आदेश में पीठ ने वकील की ओर से दी गयी दलीलों का जिक्र करते हुए कहा, ‘राजनीति के अपराधीकरण पर बहुत बातें होती रही हैं और कई फैसलों में इस अदालत ने इसकी निंदा भी की है. मौजूदा मामला इस बाबत परेशान करने वाला दिखाई देता है, क्योंकि शहाबुद्दीन और तेज प्रताप, जो पार्टी पद और कार्यपालिका में पद पर बैठे हैं, फिर भी अपने आप को ऐसे असामाजिक तत्वों के साथ जोड़ने से पहले जरा भी नहीं सोचते और कभी-कभी तो उनकी मदद भी करते हैं.’
पीठ ने कहा, ‘याचिका के अध्ययन पर यह प्रथमदृष्टया स्पष्ट है कि दो छोटे-छोटे बच्चों के साथ रहने वाली याचिकाकर्ता, अपने पति को खोने और सीवान जिले में हाल में हुई घटनाओं के बाद लगातार खौफ में है.’ कोर्ट ने कहा, ‘कहा गया है कि साहस ही सभी सद्गुणों की जननी है और साहसी इनसान हमेशा अपनी गरिमा बनाये रख सकता है. लेकिन, कभी-कभी चंद ताकतवर लोगों की ओर से ऐसे हालात पैदा कर दिये जाते हैं, जिससे किसी नागरिक के मन में खौफ पैदा हो जाता है और उस खौफ में गरिमा की भावना को कम करने की क्षमता होती है.’
नोटिस का सम्मान के साथ दूंगा जवाब, भाजपा नेताओं को भी जारी हो नोटिस : तेज प्रताप
पटना. स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का सम्मान करता हूं. सम्मान के साथ इसका जवाब दूंगा. साथ ही उन्होंने कहा कि अपराधियों के भाजपा नेताओं के भी फोटो वायरल हुए हैं. उन भाजपा नेताओं काे भी नोटिस जारी होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह सब भाजपा की चाल है.
मालूम हो कि के पत्रकार हत्याकांड के संदिग्ध कैफ के साथ स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव और केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी और पटना में फोटो जर्नलिस्ट के पुत्र आकाश डे की हत्या के अभियुक्त इकबाल के साथ केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, सुशील कुमार मोदी, नंदकिशोर यादव आदि के फोटो वायरल हुए थे.
सीबीआइ ने शुरू की जावेद की तलाश
नयी दिल्ली. सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में दूसरे संदिग्ध मोहम्मद जावेद का पता लगाने के लिए सीबीआइ ने शुक्रवार को एक अभियान शुरू किया.
इस मामले में मुख्य संदिग्ध मोहम्मद कैफ ने 21 सितंबर को सीवान की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था. वह न्यायिक हिरासत में है.सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताह जांच शुरू करने के बाद जांच एजेंसी ने सीवान में एक कैंप ऑफिस स्थापित किया, जहां शार्प शूटर जावेद का पता लगाने के लिए उसके रिश्तेदारों को बुलाया गया. सीबीआइ की एक टीम जावेद के घर भी गयी.
अन्य कई स्थानों पर भी उसकी तलाश की जा रही है. सूत्रों ने बताया कि आगे की जांच के लिए सीएफएसएल से फॉरेसिंक विशेषज्ञों का एक दल भी जल्द सीवान जायेगा. पत्रकार की हत्या को चार माह बीत चुके हैं और सीएफएसएल के विशेषज्ञों की मदद से अपराध स्थल को ‘रीक्रिएट’ कर सूचनाओं के मध्य तारतम्य स्थापित किया जायेगा और सबूत जुटाये जायेंगे.
साथ ही स्थानीय पुलिस द्वारा एकत्र प्रमाणों का विश्लेषण किया जायेगा. पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के संबंध में सीबीआइ ने 15 सितंबर को अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों जमानत पर रिहा हुए पूर्व राजद सांसद शहाबुद्दीन बिहार पुलिस की जांच के दायरे में हैं. यह मामला तब सुर्खियों में आया, जब शहाबुद्दीन की रिहाई के बाद फरार संदिग्धों कैफ और जावेद की तसवीरें उनके साथ नजर आयीं. सीबीआइ को संदेह है कि पत्रकार की हत्या के पीछे कुछ रसूखदार लोगों का हाथ है. नियमों के अनुसार, सीबीआइ ने राज्य पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को ही लिया है. बहरहाल, सूत्रों ने बताया कि एजेंसी की जांच पूरी तरह स्वतंत्र है.
अभियुक्त सोनू ने सीजेएम कोर्ट में किया सरेंडर
सीवान. पत्रकार हत्याकांड के फरार अभियुक्त सोनू कुमार सोनी ने शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया. सोनू पर घटना के दौरान रेकी करने का आरोप है. हत्याकांड में नाम आने के बाद से ही पुलिस को सोनू की तलाश थी. इसको लेकर उसके ठिकानों पर छापेमारी के बाद भी पुलिस खाली हाथ रही. इस बीच सोनू के वकील ने जिला व सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दिया. उसे कोर्ट ने एडीजे दो के यहां स्थानांतरित कर दिया था. दो दिन पूर्व सोनू के अधिवक्ता ने अग्रिम जमानत के आवेदन को वापस ले लिया था.
इस बीच फरार अभियुक्तों के घर सीबीआइ के दस्तक देने के दूसरे दिन ही सोनू ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया. नगर थाने के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने बताया कि जांच के दौरान सोनू का नाम आया था. घटना के दिन सोनू ने अन्य अभियुक्त राजेश के साथ बाइक पर बैठ कर बबुनिया मोड़ से घटनास्थल तक पत्रकार राजदेव रंजन की रेकी की थी.

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