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केंद्र व राज्य समन्वय बनाकर करेंगे विकास

पटना : सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रामकृपाल यादव के बीच संवाद में शुक्रवार की शाम सूबे के विकास को लेकर औपचारिक चर्चा हुई. इस मौके पर राज्य के ग्रामीण कार्यमंत्री शैलेश कुमार भी मौजूद थे. तीनों नेताओं के बीच ग्रामीण सड़क, मनरेगा, इंदिरा आवास जीविका की ओर से चलाये […]

पटना : सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रामकृपाल यादव के बीच संवाद में शुक्रवार की शाम सूबे के विकास को लेकर औपचारिक चर्चा हुई. इस मौके पर राज्य के ग्रामीण कार्यमंत्री शैलेश कुमार भी मौजूद थे.

तीनों नेताओं के बीच ग्रामीण सड़क, मनरेगा, इंदिरा आवास जीविका की ओर से चलाये जा रहे कार्यक्रम को लेकर चर्चा हुई. संवाद में ग्रामीण विकास व ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव तथा केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव अमरजीत सिन्हा भी मौजूद थे.

मुख्यमंत्री श्री कुमार ने कहा कि केंद्र समय पर राशि जारी करें. बिहार सरकार विकास के लिए पूरी तरह सजग है.

राज्य केंद्र से बेहतर समन्वय बनाकर बिहार के हित में काम करेगा. केंद्रीय मंत्री श्री यादव ने पूरे सहयोग का आश्वासन दिया. इसके पहले ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रामकृपाल यादव व विभाग के सचिव अमरजीत सिन्हा ने बिहार के ग्रामीण कार्य व ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर चल रही योजना की समीक्षा की. श्री यादव ने ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि पीएमजीएसवाइ की दूसरी फेज की तैयारी शुरू कर दें. पहले फेज की सारी औपचारिकता दिसंबर तक पूरा कर लें.

जितनी जल्द हो पहले फेज का डीपीआर स्वीकृति के लिए भेंजे. इस वित्तीय वर्ष में पीएमजीएसवाइ में पांच हजार करोड़ खर्च होना है. केंद्र 3000 और बिहार 2000 करोड़ खर्च करेगा. पीएमजीएसवाइ में 5000 किलोमीटर सड़क का निर्माण होना है. श्री यादव ने कहा कि मेरी सड़क एप पर 6000 कंपलेन लंबित है इसे जल्द समाप्त करे. पीएमजीएसवाइ में 1250 किलोमीटर सड़क ग्रीन तकनीक से बनेगा. 550 किलोमीटर सड़क में बेकार प्लास्टिक का उपयोग होगा. मनरेगा की समीक्षा में पाया गया कि मजदूरों को भुगतान में काफी देरी होती है. 76 फीसदी भुगतान देरी से हुआ है.डीबीटी का प्रोसेस भी देरी से हो रहा है. मनरेगा लोकपाल का पद 14 जिलों में खाली है.

अगले महीने से शुरू हो रही प्रधानमंत्री आवास योजना में तीन साल में बिहार में 19 लाख आवास बनना है. पूरे देश में 1 करोड़ आवास बनना है. अधूरे इंदिरा आवास की समीक्षा में पाया गया कि देश में 22 लाख इंदिरा आवास अपूर्ण है जिसमें सिर्फ 9 लाख बिहार में है. 1200 करोड़ की राशि खर्च नहीं हो पायी है. जीविका में भी स्थिति भी अच्छी नहीं है.

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