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अब ऑटो-मोपेड से मछली बेचेंगे एससी-एसटी कारोबारी
पटना : राज्य सरकार अब मछुआरों को हाइटेक बनाने की कोशिश में जुट गयी है. बिचौलियों से बचाने के लिए ही नहीं लोगों तक ताजा मछली पहुंचाने के लिए अनुसूचित जाति-जनजाति श्रेणी के मछुअारों को मोपेड, ऑटो और चार पहिया वाहन की खरीद पर 90 प्रतिशत तक अनुदान देगी. इससे वे मछली के उपभोक्ताओं को […]
पटना : राज्य सरकार अब मछुआरों को हाइटेक बनाने की कोशिश में जुट गयी है. बिचौलियों से बचाने के लिए ही नहीं लोगों तक ताजा मछली पहुंचाने के लिए अनुसूचित जाति-जनजाति श्रेणी के मछुअारों को मोपेड, ऑटो और चार पहिया वाहन की खरीद पर 90 प्रतिशत तक अनुदान देगी. इससे वे मछली के उपभोक्ताओं को कम समय में जीवित या ताजा मछली पहुंचा सकें. आवश्यकता पड़ने पर वह अपनी मछली को बाजार तक भी आसानी से पहुंचा सकेगा. इसके राज्य सरकार ने 19.22 करोड़ रुपये स्वीकृत किया है.
विभागीय अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर अनुसूचित जाति-जनजाति श्रेणी के मछुआरे भी मछली का जल कर लेते हैं. उनके पास वाहन नहीं होने के कारण वे बिचौलियों के हाथों कम दर पर मछली बेच देते हैं. साथ ही आम लोगों को भी ताजा मछली नहीं मिल पाती है.
सरकार आम लोगों तक ताजा मछली पहुंचाने और मछली व्यवसाय में बिचौलियों के हस्तक्षेप को खत्म करने के लिए अनुसूचित जाति श्रेणी के मछुआरों को वाहन की खरीद पर 90 प्रतिशत तक अनुदान देने का निर्णय लिया है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 1101 मोपेड, 380 ऑटो और 178 चार पहिया वाहनों की खरीद पर अनुदान देगी.
जलकर वाले एससी श्रेणी के मछुआरे को ही मिलेगा लाभ
वाहनों की खरीद पर 90 प्रतिशत तक अनुदान देने के लिए संबंधित व्यक्ति को एससी श्रेणी का होना जहां आवश्यक है, वहीं उस व्यक्ति के नाम से जल कर लेने का प्रमाण होना चाहिए. जाति प्रमाणपत्र और आय प्रमाणपत्र के साथ राशन कार्ड और आधार पंजीकरण संख्या देना अनिवार्य किया गया है. जारी निर्देश में कहा गया है कि 90 प्रतिशत अनुदान पर खरीदे वाहन 15 साल तक बेचा नहीं जा सकेगा. कम आय वालों को चयन में प्राथमिकता मिलेगी. चयन की जिम्मेवारी प्रखंड मत्स्य जीवी सहयोग समिति को सौंपा गया है. इस पर जल्द ही काम शुरू हो जायेगा.
वाहनों की खरीद पर मिलेगा 90% अनुदान
मत्स्य पालन निदेशक निशात अहमद ने बताया कि इस योजना से जहां लोगों को ताजा मछली मिलेगी, वहीं उन्हें बिचौलियों द्वारा लाभ में हकमारी से राहत मिलेगी. जब मछुआरों को अपना वाहन होगा, तो वह मछली बाजार तक पहुंचायेगा. अहमद ने बताया कि मोपेड की सुविधा होने से खुद आम लोगों तक ताजा मछली पहुंचा कर बेहतर आमदनी कर सकेंगे.
अहमद ने बताया कि यदि इस योजना में अधिक आवेदन मिलेगा, तो शेष लोगों को अगले वित्तीय वर्ष में वाहन खरीद के लिए अनुदान दिया जायेगा. मछली पालन में बड़ी संख्या में एससी-एसटी श्रेणी के मछुआरे हैं, जिन्हें इसका लाभ मिलेगा. वहीं कोफेड के अध्यक्ष और फिश कोफेड के राष्ट्रीय निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने बताया कि पूर्व में भी राज्य सरकार ने मछली पालन में लगे एससी-एसटी श्रेणी के मछुआरों को नाव, जीरा उत्पादन आदि के लिए अनुदान देने का निर्णय लिया था, पर इसमें मुश्किल से दस प्रतिशत की सफलता मिली थी. सरकार को चाहिए कि परंपरागत मछली पालन में लगे लोगों को यह लाभ मिले.
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