पटना : राज्यसभा चुनाव तो गया, लेकिन निवर्तमान जदयू सांसदों का टिकट काट कर नये लोगों को उम्मीदवार बनाने को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस विवाद में राज्यसभा सदस्य शिवानंद तिवारी व जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के बीच पत्र युद्ध रोचक मोड़ पर आ गया है. राजनीतिक सफर में हमउम्र कहे जानेवाले दोनों नेताओं की बौद्धिक कुशलता और वाक चातुर्यता खुल कर सामने आ गयी है.
आपने कहा और उन्होंने मान लिया : श्री तिवारी ने प्रदेश अध्यक्ष श्री सिंह को पत्र लिख कर कहा है, ‘आपका जवाब पढ़ा. आप बहुत महीन आदमी हैं. इसलिए आप सफल हैं. मुङो महीनी नहीं आती. अब सीखने की उम्र भी नहीं है. आपका जवाब सुन कर हंसी भी आती है. आपने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुझाव दिया कि इस बार नये चेहरों को राज्यसभा में भेजा जाये और उन्होंने सहज भाव से इसे मान लिया. सुनने में यह कितना निदरेष लगता है. 30-35 वर्षो से एक-दूसरे को जानते हैं. जानने-समझने के लिए यह अरसा काफी है. आपकी सफाई पर मुङो हंसी आयी.’
मैंने बता दिया था, चुनाव लड़ना मुमकिन नहीं : श्री तिवारी ने आगे लिखा है, ‘आप लोगों ने जब फैसला लिया, उसके चार-पांच रोज पहले आपने फोन पर मुझसे जानना चाहा था कि क्या कभी मेरे चुनाव लड़ने की भी बात थी. मैंने पूरी पृष्ठभूमि बताते हुए स्पष्ट कर दिया था कि अब चुनाव लड़ना मेरे लिए मुमकिन नहीं है. फिर आपने नीतीश कुमार को कैसे सुझाव दिया कि मुङो चुनाव लड़ना चाहिए.