पटना : बिहार की राजधानी पटना में डेंगू ने हमला बोल दिया है. इस बरसात के सीजन में अबतक 95 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं. वहीं पीएमसीएच के माइक्रोबॉयलॉजी विभाग में 25 लोगों को डेंगू होने की पुष्टि हो चुकी है. पटना सहित पूरे बिहार में डेंगू रुकने का नाम नहीं ले रहा है. पीएमसीएच सहित शहर के सरकारी व निजी अस्पतालों में लगातार मिल रहे डेंगू के मरीज ने स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा दिया है. बावजूद इसका खासा असर पीएमसीएच में नहीं दिख रहा है. मरीजों की सुविधा के लिए पीएमसीएच में 10 बेड का बनाया गया डेंगू वार्ड में ताला लटका हुआ है. गंभीर डेंगू के मरीजों को मेडिसिन या फिर दूसरे वार्ड में भरती कराया जा रहा है. नतीजा मरीजों को स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं मिल रहा और इससे उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जबकि इस सीजन में अब तक पीएमसीएच में करीब दो दर्जन मरीज इलाज कराने आ चुके हैं.
सिर्फ नाम का है डेंगू वार्ड, लटका है ताला
पीएमसीएच में डेंगू वार्ड सिर्फ नाम का है. गंभीर रूप से आने वाले मरीज अस्पताल से पलायन हो रहे और उनको प्राइवेट अस्पतालों में शरण लेना पड़ रहा है. डेंगू के मरीजों को न तो पूरी तरह से दवाएं मिल पा रही और नहीं मच्छरदानी का इंतजाम किया गया है. बड़ी बात तो यह है कि डेंगू मरीजों का आकड़ा पूरे प्रदेश में करीब 100 के पास पहुंचने वाला है बावजूद पीएमसीएच आज तक डेंगू वार्ड को नहीं खोला गया है. जबकि सीजन आते ही इसे खोल देने का नियम है. हालांकि पिछले साल अगस्त महीने में खुल गया था.
सिर्फ अलर्ट, जागरूकता नहीं
डेंगू तेजी से पांव पसार रहा रहा है, इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट तो जारी कर दिया है लेकिन यह अलर्ट मौखिक तौर पर ही काम कर रहा जमीनी स्तर पर नहीं दिख रहा है. इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षणों, बचाव एवं इलाज के प्रति लोगों को जागरूक किये जाने को लेकर अस्पतालों में न तो होर्डिंग और न ही बैनर लगाये गये हैं. हैंडबिल तक बांटा नहीं जा रहा है. वहीं संबंधित अधिकारियों का कहना है कि डेंगू के मरीजों की सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. दवाएं और डॉक्टरी सलाह लगातार दिया जा रहा है. रही बात डेंगू वार्ड बंद की तो इसे खोलने का निर्णय ले लिया गया है. सोमवार वार्ड पूरी तरह से खुल जायेगा.