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नियम बने, आदेश भी, पर प्रदूषण नियंत्रण अभियान जमीन पर नहीं

पटना : राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर काफी लापरवाही बरती जा रही है. हाइकोर्ट के हस्तक्षेप के बावजूद शहर में प्रदूषण कम नहीं हो पा रहा है. इसको लेकर हाइकोर्ट ने एक बार फिर राज्य सरकार व पटना नगर निगम प्रशासन को फटकार लगायी है. हाइकोर्ट ने अगले मंगलवार तक सरकार व नगर निगम […]

पटना : राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर काफी लापरवाही बरती जा रही है. हाइकोर्ट के हस्तक्षेप के बावजूद शहर में प्रदूषण कम नहीं हो पा रहा है. इसको लेकर हाइकोर्ट ने एक बार फिर राज्य सरकार व पटना नगर निगम प्रशासन को फटकार लगायी है. हाइकोर्ट ने अगले मंगलवार तक सरकार व नगर निगम को हलफनामा दायर कर अपनी बात रखने का आदेश दिया है. मगर हकीकत यह है कि प्रदूषण नियंत्रण के तमाम आदेश फाइलों की ही शोभा बढ़ा रहे हैं.
दिसंबर में मुख्य सचिव ने की थी बैठक : वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर दिसंबर में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में निगम और जिला प्रशासन की बैठक हुई. हाइकोर्ट ने भी निगम व जिला प्रशासन कोखुले में चलने वाले जेनेरेटर और 40 माइक्रोन से कम पतला पॉलीथिन पर पाबंदी लगाने का आदेश दिया.
निगम प्रशासन ने एक सप्ताह-दस दिनों तक अभियान चलाया, लेकिन अभियान टांय-टांय फिस्स हो गया. आलम यह है कि निगम मुख्यालय के नीचे ही खुले में जेनेरेटर चल रहे हैं. निगम का दावा है कि पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराये जाते हैं. चारों अंचल में एक साथ अभियान चलाने के लिए रोजाना कम से कम 40 से 50 महिला-पुरुष पुलिस के जवानों की आवश्यकता है.
हाइकोर्ट ने राज्य सरकार व निगम प्रशासन से एक हफ्ते में मांगी है कार्रवाई की रिपोर्ट
मुख्य सचिव के साथ-साथ प्रमंडल आयुक्त ने निर्देश दिया था कि खुले में गिट्टी-बालू और ईंट बेचने पर रोक लगायें. अंचल स्तर पर अभियान चलाया गया और निगम प्रशासन ने गिट्टी-बालू जब्त करने के साथ-साथ दुकानदार से जुर्माना भी वसूल किया. खुले में गिट्टी-बालू बेचने वालों के करीब ढाई-तीन लाख रुपये जुर्माना भी वसूला गया.
क्या है स्थिति : खुले में गिट्टी-बालू बेचने वालों के खिलाफ अभियान बंद हो गया है. स्थिति यह है कि गया लाइन रोड में तीन जगहों पर खुले में गिट्टी बालू बिक रहा है. यही स्थिति गांधी मैदान-दानापुर रोड की है. साथ ही निगम क्षेत्र के अधिकतर मोहल्ले में बालू-गिट्टी की दुकान चल रही है और कार्रवाई शून्य है.
निगम क्षेत्र में 40 माइक्रोन से कम पतला पाॅलीथिन पर पूर्ण पाबंदी लगायी गयी है. इसको लेकर निगम प्रशासन ने समय-समय पर अंचल स्तर पर अभियान चलाया है. हालांकि, अभियान का असर नहीं दिखता है. अभियान के दौरान दो सौ किलोग्राम पॉलीथिन जब्त करने के साथ-साथ 50 हजार रुपया जुर्माना भी वसूल किया गया. इसके बावजूद अभियान बेअसर है.
क्या है स्थिति : अभियान का असर यह हुआ कि बड़े-बड़े जेनरल स्टोर में 40 माइक्रोन से मोटा पॉलीथिन मिल रहा है. हालांकि, छोटे-छोटे दुकानों से लेकर सब्जी मंडी में धड़ल्ले से 40 माइक्रोन से कम पतला पॉलीथिन मिल रहा है.
राजधानी में वायु प्रदूषण कम करने को लेकर खुले में जेनेरेटर चलाने पर रोक लगायी गयी. साथ ही चारों अंचल में खुले में जेनेरेटर चलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाया गया. इस अभियान के दौरान करीब दो दर्जन जेनेरेटर को जब्त किये गये और जुर्माना भी वसूल किया गया. इसके बावजूद फ्रेजर रोड, स्टेशन रोड और नाला रोड जैसे मुख्य इलाकों में जेनेरेटर चल रहे हैं.
क्या है स्थिति : जेनेरेटर के खिलाफ चलाये गये अभियान का कोई असर नहीं है. स्थिति यह है कि मौर्यालोक स्थित निगम मुख्यालय के नीचे ही पांच-सात जेनेरेटर चल रहे हैं. साथ ही पूरे शहर में जेनेरेटर चल रहे हैं, जिससे वायु प्रदूषण हो रहा है.
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया था कि निर्माण कार्य को ढक कर पूरा करना है. अगर कहीं निर्माण कार्य हो रहा है और ढका नहीं गया है, तो संबंधित व्यक्ति या एजेंसी पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें. हालांकि, इस निर्देश के आलोक में निगम प्रशासन एक दिन भी अभियान नहीं चलाया.
क्या है स्थिति : शहर के भीतर सरकारी निर्माण कार्य ढक कर किये जा रहे हैं, लेकिन प्राइवेट व्यक्ति खुले में निर्माण कार्य कर रहे हैं. इतना ही नहीं, बीच सड़क पर ही गिट्टी-बालू रख दिया जाता है. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

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