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बालश्रम के खिलाफ बच्चों ने बनायी प्रोजेक्ट
पटना : राज्य में बढ़ते बालश्रम की समस्या को देखते हुए एक ओर जहां सरकार ने चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम की शुरुआत की है. वहीं, दूसरी ओर स्कूली बच्चे भी इस कार्य में जुड़ कर इसे समाप्त करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं. यूनिसेफ की ओर से टोकेंगे, रोकेंगे और बदलेंगे जैसे अभियान […]
पटना : राज्य में बढ़ते बालश्रम की समस्या को देखते हुए एक ओर जहां सरकार ने चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम की शुरुआत की है. वहीं, दूसरी ओर स्कूली बच्चे भी इस कार्य में जुड़ कर इसे समाप्त करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं. यूनिसेफ की ओर से टोकेंगे, रोकेंगे और बदलेंगे जैसे अभियान से जुड़ स्कूली बच्चे बालश्रम पर काम कर रहे हैं. इसमें राजधानी के छह स्कूलों के लगभग 200 बच्चे बच्चों को जागरूक करने से लेकर उन्हें पुनर्वासित करने के लिए काम कर रहे हैं.
वे प्रतिदिन स्कूल खत्म के होने के बाद रेलवे स्टेशनों, चाय दुकानों व ईंट-भट्ठों आदि क्षेत्रों में पहुंच कर बच्चों का रेसक्यू करा रहे हैं. इस काम में पुलिस भी उनकी मदद कर रही है. इन बच्चों ने बीते 15 दिनों में अभियान से जुड़ कर तीन बच्चों को रेसक्यू कराया है. बच्चों ने एक्शन प्रोजेक्ट भी बनाया है. ये सभी डॉन बास्को, संत कैरेंस, डीएवी खगौल, पटना सेंट्रल स्कूल, कृष्णा निकेतन, विशप स्कॉट आदि स्कूलों के हैं. नौवीं से 12वीं तक के चार-चार ग्रुपों के छात्र-छात्राएं शामिल हैं. इस अभियान से जुड़ 200 बच्चों ने बालश्रम पर प्रोजेक्ट तैयार किया है.
इन बच्चों को आज को रवींद्र भवन में आयोजित होनेवाले कार्यक्रम में पुरस्कृत भी किया जायेगा. डॉन बास्को स्कूल की शिक्षिका रिथिका स्टानले ने बताया कि हमारे स्कूल से 20 बच्चे बालश्रम की दिशा में काम कर रहे हैं.
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