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तकनीकी पेच में फंसी ऑनलाइन की सुविधा
जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र का मामला पटना : एक-दो नहीं, बल्कि 24 कमियां हैं नगर निगम की ऑनलाइन जन्म-मृत्यु आवेदन की सुविधा में. इन कमियों के कारण निगम के अधिकारियों को आवेदन जमा करने से लेकर प्रमाणपत्र जारी करने में काफी असुविधा हो रही है. निगम की नयी वेबसाइट इ-म्युनिसिपैलिटी अब तकनीकी पेच में फंस गयी है. […]
जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र का मामला
पटना : एक-दो नहीं, बल्कि 24 कमियां हैं नगर निगम की ऑनलाइन जन्म-मृत्यु आवेदन की सुविधा में. इन कमियों के कारण निगम के अधिकारियों को आवेदन जमा करने से लेकर प्रमाणपत्र जारी करने में काफी असुविधा हो रही है. निगम की नयी वेबसाइट इ-म्युनिसिपैलिटी अब तकनीकी पेच में फंस गयी है. इस कारण नगर निगम लोगों को तेजी से सुविधा प्रदान नहीं कर पा रहा है. एक माह में नगर निगम ने ऑनलाइन से अब तक मात्र 69 प्रमाणपत्र ही जारी किये गये हैं, जबकि ऑफलाइन में नये जन्म लेने वालों और पहले से जन्मे लोगों का प्रतिमाह पांच से छह हजार प्रमाणपत्र जारी होते थे.
इसके अलावा लोग अपना आवेदन ऑनलाइन जमा कर रहे हैं और जांच के बाद कागजात सही नहीं रहने और प्रमाणपत्र जारी नहीं होने की स्थिति में भी लोगों को दस रुपये कट जा रहे हैं.
बीते एक सप्ताह में दर्जन भर से अधिक लोग निगम के प्रधान कार्यालय में आकर इसकी शिकायत दर्ज करा चुके हैं. वहीं 24 फरवरी को गया में ऑनलाइन सुविधा शुरू होने के बाद अब तक दस हजार से अधिक प्रमाण पत्र जारी किये जा चुके हैं. वहीं नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने कहा कि इ-म्युनिसिपैलिटी के साॅफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी ने परियोजना प्रबंधक को पत्र लिख कर तीन दिनों के भीतर सभी कमियों को दूर करने का निर्देश है.
अब तक बुनियादी सुविधा भी बहाल नहीं : आॅनलाइन सेवा की शुरुआत करने के बाद निगम मुख्यालय अब तक निबंधन कार्यालय में हार्डवेयर की बुनियादी सुविधा बहाल नहीं कर पायी है. कार्यालय में बिजली का विकल्प नहीं रखा गया है. वहीं कंप्यूटर के साथ यूपीएस भी नहीं लगाया गया है. ऐसे में निगम निबंधन कार्यालय को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. निबंधन कार्यालय में मैन पावर की कमी है.
निबंधक ने भेजा 24 कमियों का ब्योरा : नगर निगम में तैनात जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के निबंधक सह रजिस्ट्रार सुधीर कुमार सिन्हा बताते हैं कि इ-म्युनिसिपैलिटी में 24 से भी अधिक खामियां हैं. वहीं आम लोगों में भी जानकारी का अभाव है. बुनियादी सुविधाओं को अब तक पूरा नहीं किया है. सोमवार से इंटरनेट ने काम करना बंद कर दिया है.
पहले भी नगर आयुक्त को परेशानियों से अवगत कराया गया था. कंपनी ने अब तक साॅफ्टवेयर में सुधार नहीं किया है.इससे परेशानी और बढ़ गयी हैं. अॉनलाइन में बगैर आवश्यक कागजात के बाद भी आवेदन स्वीकृत दिखा रहा है. ऐसे में लोग एक माह पहले जन्मे बच्चे का एसडीओ से प्रमाणित एफिडेविट ऑनलाइन आवेदन में नहीं लगा पा रहे. इससे आवेदन स्वीकृत दिखाने के बाद भी निगम द्वारा रिजेक्ट कर दिया जाता है.
ये हैं प्रमुख परेशानियां
आवेदन रिजेक्ट करने के बावजूद फिर से आवेदन आ जाता है
फाॅर्म भरते समय अंगरेजी शब्दों का हिंदी रूपांतरण नहीं होता
यदि एक शब्द गलत टाइप हो जाये तो पूरा वाक्य मिटाना होता है
आवेदन में अस्पताल और नर्सिंग होम की लिस्ट नहीं आती
कुछ अस्पताल का नाम अभिलेख में आता है, लेकिन फाॅर्म में नहीं आता
बर्थ प्लेस टाइप करने में परेशानी
बर्थ प्लेस केवल पटना नगर निगम क्षेत्र होने की जानकारी नहीं देता
फाॅर्म भरते समय 20 काॅलम को भरने के लिए आता है, जबकि आठ काॅलम ही आवश्यक रूप से भरने की जरूरत होती है
जरूरी कागजात अपलोड नहीं करने के बावजूद आवेदन स्वीकार हो जाता है
आवेदन रिजेक्ट होने बावजूद आम लोगों की राशि कट जा रही है
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