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बाढ़ की त्रासदी : कसबों व गांवों में घुसा पानी, सड़क पर आशियाना
कम नहीं हो रहा गंगा समेत अन्य नदियों का पानी, कई इलाकों में पानी भरने से छिना सुख-चैन पटना : राज्य के कई जिलों में रविवार को बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है. बढ़े जल स्तर और तेज जल प्रवाह के कारण गंगा नदी के किनारे के िजले बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, […]
कम नहीं हो रहा गंगा समेत अन्य नदियों का पानी, कई इलाकों में पानी भरने से छिना सुख-चैन
पटना : राज्य के कई जिलों में रविवार को बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है. बढ़े जल स्तर और तेज जल प्रवाह के कारण गंगा नदी के किनारे के िजले बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर बन गयी है. इन िजलों के नये इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है.
पटना, वैशाली, भोजपुर और सारण जिले के दियारा क्षेत्र बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं. बाढ़ ग्रसित सभी जिलों में राहत और बचाव का काम तेज कर िदया गया है. आरा में जहां बाढ़ से डूबने से दो लोगों की मौत हो गयी वहीं छपरा-पटना के बाद छपरा-बलिया पथ पर भी वाहनों का आवागमन शनिवार की रात से बंद कर दिया गया. अब छपरा-सीवान पथ पर भी बाढ़ के पानी का बहाव तेज होने से रविवार को छोटे वाहनों का आवागमन बंद हो गया. बड़े वाहनों का भी परिचालन देर शाम तक बंद हो जाने की आशंका है. गंगा, सरयू तथा सोन के जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
छपरा-बलिया रेलखंड पर बाढ़ के पानी का दबाव बढ़ जाने के कारण ट्रेनों का आवागमन शनिवार की रात 10:30 बजे बंद कर दिया गया. सुबह 8 बजे रविवार को ट्रेनों का परिचालन गति नियंत्रित कर शुरू किया गया. बाढ़ के कारण जेपीविवि प्रशासन ने स्नातक द्वितीय खंड की परीक्षा को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है. अब तक बाढ़ के पानी में डूबने से जिले में पांच लोगों की मौत हो चुकी है. रेलवे प्रशासन ने छपरा-बलिया, छपरा-सोनपुर तथा छपरा-सीवान रेलखंड पर ट्रैक की सुरक्षा बढ़ा दी है. गैंग मैन तथा ट्रैक मैन को पेट्रोलिंग में लगाया गया है. शहर के पश्चिमी इलाका ब्रह्मपुर में तैल नदी के पूर्वी तटबंध पर बाढ़ के पानी का दबाव बढ़ने और कटाव होने से आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर दिया.
पुलिस ने जाम हटवाया व तत्काल कटाव निरोधी कार्य शुरू किया गया. जिले के आठ प्रखंडों के करीब 10 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से पीड़ित हैं. छपरा शहर के मुख्य व्यावसायिक इलाकों में बाढ़ का कहर शुरू हो गया है. समाहरणालय तथा व्यवहार न्यायालय परिसर में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. करीब दो दर्जन मुहल्लों में दो से तीन फुट पानी बह रहा है.
वैशाली में एनडीआरएफ की टीम ने संभाली कमान
हाजीपुर : गंगा और गंडक के पानी में लगातार हो रही वृद्धि में कुछ अंकुश लगा है. इससे बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों ने राहत की सांस ली है. गंगा के पानी से सबसे ज्यादा प्रभावित जिले के दो प्रखंड हैं. राघोपुर की सभी 20 पंचायतें और बिदुपुर की पांच के साथ ही महनार प्रखंड में दो से तीन पंचायतें जलमग्न हैं. महनार में एनडीआरएफ की टीम को प्रशासन ने लगाया है.
हाजीपुर प्रखंड के साथ ही राघोपुर, जो गंगा से पूरी तरह घिरा हुआ है, वहां के लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. प्रखंड कार्यालय, थाना परिसर, अस्पताल, स्कूल सभी स्थान पर केवल जल प्रलय दिख रहा है. बाढ़ से बचाव के लिए जिला प्रशासन ने नाव की व्यवस्था की है, जिसमें से बिदुपुर प्रखंड में 14 सरकारी और 11 निजी नाव चल रही हैं. लोगों ने कहा कि लगभग 20 वर्ष पहले पानी के जहाज को लाकर लोगों की जान माल की रक्षा की गयी थी.
वर्तमान समय में जहाज की आवश्यकता है, जिससे लोगों की जान बचायी जा सके. बिदुपुर में बाजितपुर भिंडा, कष्टहरिया मंदिर पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है. इसके साथ ही कई खुदाई स्थल जो काफी पुराने हैं, वे पूरी तरह डूब गये हैं, जिनके बरबाद हो जाने की आशंका लोगों ने जतायी है.
हाजीपुर के आधा दर्जन वार्डों में घुसा पानी
नगर के वार्ड नंबर 12, 13 और 30 से 35 तक के वार्ड बाढ़ग्रस्त हो गये हैं. इन वार्डों के लोग अपने परिजनों के साथ ऊंचे स्थानों पर शरण लिये हुए हैं. रामचौरा मंदिर, बाजार समिति परिसर सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर लोगों ने अपना बसेरा बना रखा है. सदर अनुमंडल पदाधिकारी रवींद्र कुमार ने बताया कि नगर के जिस हिस्से में बाढ़ का पानी घुसा है, वहां लोगों के लिए बाढ़ से सुरक्षा का प्रबंध किया जा रहा है. बाढ़पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने और राहत सामग्री उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. नाव उपलब्ध करा दी गयी है. इधर, बाढ़पीड़ितों का कहना है कि उन्हें अभी तक कुछ भी नहीं मिला है.
समस्तीपुर के 75 गांवों में घुसा पानी
समस्तीपुर. जिले के मोहिउद्दीननगर, विद्यापतिनगर व मोहनपुर में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गयी है. विद्यापतिनगर के खनुआ स्लूइस गेट से पानी का रिसाव तेज हो गया है. गुप्ता बांध पर भी पानी का दबाव बढ़ गया है, जिससे विद्यापतिनगर के आबादी वाले क्षेत्रों पर खतरा मंडराने लगा है. इन प्रखंडों के करीब 75 गांवों में गंगा का पानी प्रवेश कर गया है. लोग घर छोड़ सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं. बाढ़ में डूब कर एक युवक की मौत भी हो चुकी है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डीएम प्रणव कुमार ने मुख्यालय से एनडीआरएफ की टीम को बुला लिया है. टीम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव व राहत का कार्य शुरू कर दी है.
पहुंची एनडीआरएफ की टीम : गंगा के विकराल रूप से मोहनपुर, मोहिउद्दीन नगरव पटोरी के कई इलाकों में बाढ़ का पानी गांव व घरों में आ चुका है. तीनों प्रखंडों में प्रशासन ने एनडीआरएफ टीम को बुला लिया है.
बाढ़ में फंसे 315 एचसीसी कर्मचारियों को सुरक्षित निकाला
दाउदनगर (औरंगाबाद) : सोन नद में जल स्तर बढ़ने के बाद बाढ़ में फंसे करीब दो सौ से अधिक एचसीसी (हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी) कर्मचारियों ने शनिवार को खुले आसमान के नीचे रात बितायी. वहीं, दर्जनों की संख्या में एचसीसी कर्मी बाढ़ से बचने के लिए 45 नंबर पाये के पास सीढ़ी के सहारे निर्माणाधीन पुल पर चढ़ गये. करीब 12 से 18 घंटे तक का समय कर्मियों ने बाढ़ के पानी के बीच बिताया.
एचसीसी के अधिकारी रात से सुबह तक करीब डेढ़ सौ कर्मियों के ही फंसने की बात कहते रहे. जब नाव से कर्मियों को प्रशासन द्वारा लाया गया, तो पता चला कि करीब 325 कर्मचारी बाढ़ में फंसे हुए थे. उन्हें सुरक्षित निकाल कर लानेवाले बालेश्वर चौधरी ने बताया कि 40-40 लोगों को निकाल कर सात बार लाया गया है, जबकि एक बार 35 लोगों को लाया गया. नाविकों के दल में श्याम सुंदर चौधरी, महंगु चौधरी, मनोज चौधरी, सनोज चौधरी व अनिल चौधरी शामिल थे.
बक्सर : गंगा नदी के रौद्र रूप से मुसीबत में लोग
जिले में गंगा के जल स्तर में वृद्धि लगातार जारी है. खतरे के निशान को गंगा ने पांच दिन पहले की पार कर लिया था. अब गंगा बाढ़ के निशान को छूने को तैयारी में है. गंगा का रौद्र रूप से पीड़ित इलाकों समेत अब शहरवासियों की भी निंद उड़ने लगी है. रविवार की दोपहर तीन बजे तक गंगा का जल स्तर 60.99 मीटर पर बह रहा था. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार सुबह आठ बजे तक जल स्तर 60.93 मीटर दर्ज की गयी थी. शनिवार तक जल स्तर 60.83 मीटर दर्ज की गयी थी. जल स्तर में लगातार 0.01 मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वृद्धि जारी है.
फिलहाल गंगा बाढ़ के निशान से 1.53 मीटर नीचे बह रही है, लेकिन जल स्तर में वृद्धि जारी रही, तो जल्द ही गंगा बाढ़ के निशान को भी छु लेगी. पानी बढ़ने के कारण लगभग तीन दर्जन गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट चुका है. वहीं, गंगा का पानी बक्सर शहर में भी घुस चुका है.
अब तक तो बाढ़ग्रस्त प्रखंडों में ही लोग परेशान थे, लेकिन अब शहर में भी बाढ़ का खतरा लोगों को सताने लगा है. शहर के निचले हिस्से जैसे कोइरपुरा, मालवीय नगर धोबीघाट, मठिया मुहल्ला, शांतिनगर, मलहचकिया, अहिरौली समेत बक्सर प्रखंड के तटीय इलाकों के निचले हिस्से में पानी बढ़ना शुरू हो गया है. इन इलाकों में पिछले एक दिन में बाढ़ का पानी घुस गया है. कई मुहल्लों की सड़क जलमग्न हो गयी है. लोगों के आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
बाधित हो सकता है ज्योति प्रकाश चौक के पास आवागमन : पानी बढ़ने के कारण ज्योति प्रकाश चौक के पास स्थित डायवर्सन पर पानी चढ़नेवाला है. डायवर्सन पर पानी चढ़ने के बाद लोगों का शहर को जोड़ने वाला एकमात्र बाइपास रोड से आना-जाना बंद हो जायेगा. इससे लोगों को कलेक्ट्रेट, जिला व्यवहार न्यायालय समेत स्टेशन जाने में फजीहत उठानी पड़ेगी. डायवर्सन डूबने पर इटाढ़ी प्रखंड के लोगों का भी संपर्क टूट जायेगा.
बाढ़ क्षेत्र के प्रत्येक 10 किमी पर तैनात हुए एक-एक मजिस्ट्रेट :बाढ़ग्रस्त इलाकों के मद्देनजर जिलाधिकारी ने जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में बैठक की.
जिलाधिकारी रमण कुमार ने कहा कि बक्सर जिला पूरी तरह सुरक्षित है. जिला एवं प्रखंड स्तरीय अधिकारियों के अलावा पंचायत स्तर के कर्मियों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में ऐक्टीव कर दिया गया है. प्रत्येक 10 किमी की दूरी पर एक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी है. जिले के सभी बांधों का मोटरसाइकिल एवं साइकिल से निरीक्षण किया जा रहा है. बांधों पर तैनात 52 होमगार्ड के जवानों को ड्यूटी पर पूरी तरह तैनात रहने को कहा गया है.
उक्त स्थानों पर होमगार्ड ग्रुप बनाकर बारी-बारी से ड्यूटी करेंगे. होमगार्डों को बेहतर टॉर्च मुहैया कराया गया है, जो रात के समय अधिक प्रकाश करता है. डीएम ने अधिकारियों को बाढ़ के प्रति अपनी तत्परता का परिचय देने का निर्देश दिया. बैठक में डीडीसी मो. मोबिन अली अंसारी, एडीएम मो. अनामुल हक सिद्दकी, सदर एसडीओ गौतम कुमार, आपदा प्रबंधक सुनील कुमार समेत जिलासतरीय पदाधिकारी शामिल थे.
बाढ़ग्रस्त इलाकों में तैनात होगी एनडीआरएफ की टीम : बाढ़ के मद्देनजर राज्य सरकार के निर्देश पर पान में धीरे इलाकों में एनडीआरएफ के गोताखोर तैनात रहेंगे. गोताखोर अपने पोशाक में बक्सर समेत सभी बाढ़ग्रस्त प्रखंडों के घाटों पर रहेंगे. गोताखोरों का मुख्य काम लोगों को डुबने से बचाना है, जो पीड़ित लोगों को कैंप तक पहुंचाने का कार्य करेंगे.
बाढ़ग्रस्त इलाकों के घरों एवं गलियों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करना जरूरी है. बैठक के बाद डीएम ने वरीय पदाधिकारियों की नियुक्ती कर क्षेत्र का लगातार जायजा लेने का निर्देश दिया. कहा कि बाढ़ एवं राहत कार्य की रिपोर्ट प्रतिदिन रात आठ बजे तक जमा करें, ताकि रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन अपनी रणनीति तय कर सके.
कैंपों में हो दवाओं की भरपुर व्यवस्था : डीएम ने सिविल सर्जन को बाढ़ग्रस्त इलाकों में दवाओं की भरपूर व्यवस्था करने का निर्देश दिया. कहा कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में सांप के काटने की शिकायत ज्यादा होती है. इसने लिए सूई की व्यवस्था रखनी है. सभी डॉक्टर हर समय मौजूद रहेंगे.
सभी ऐबुलेंस को बाढ़ क्षेत्रों में तैनात कर दिया जाये, ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल उनका प्रयोग हो सके. मेडिकल इंचार्ज ऑफिसर सभी स्वास्थ्यकर्मी को निर्देशित करेंगे कि बाढ़ग्रस्त गांवों में दवा लेकर नाव के माध्यम से राहत पहुंचायेंगे. इन क्षेत्रों में डायरिया की अधिक संभावना रहती है. डायरिया एवं सांप काटने की दवाएं भरपूर मात्रा में लेकर प्रस्थान करेंगे एवं बीमार लोगों का इलाज करेंगे.
नैनीजोर में राहत सामग्री वितरित :प्रखंड क्षेत्र के नैनिजार इलाके में जिला प्रशासन राहत कार्य में लग जुट गया है. रविवार को जिला आपदा प्रबंधन सुनील कुमार एवं जिला कृषि पदाधिकारी के नेतृत्व में पीड़ि लोगों के बीच खाने-पीने के सामान बांटे गये. इस दौरान लगभग 450 लोगों को फूड पैकैट, दवाएं एवं अन्य सामग्रियों का वितरण किया गया.
बाढ़ की विभिषिका में डूबे कई गांव
एकडार एवं महुआर के अनुसूचित जाति के घरों में घुसा पानी : ब्रह्मपुर. प्रखंड के दियरा समेत धर्मावती नदी एवं गोकुल जलाशय के किनारे बसे सपही, बलुआ, गायघाट, चौबेचक, एकडार, जवही जगदीशपुर, कपुरपुर, महुआर, चंद्रपुरा, नैनिजोर, बिशुपेर सहित दर्जनों गावों में बाढ़ के पानी से जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
चारों ओर से पानी से घिर जाने से दैनिक जीवन में उपयोग होनेवाली वस्तुओं की किल्लत झेलनी पड़ रही है. किसानों की हजारों एकड़ में लगी फसल बरबाद हो गयी है, जिससे पशुचारा की भी परेशानी हो रही है. बुरी तरह बाढ़ से घिरे नैनिजोर ढाबी के ग्रामीण पलायन कर रिश्तेदारों के यहां शरण लिए हुए हैं. एकडार एवं महुआर के गोकुल जलाशय के तट पर बसे अनुसूचित जाति के दर्जनों परिवारों के झोंपड़ीनुमा घरों में पानी घुस जाने से उनके खाने-पीने की वस्तुओं सहित कपड़े लते बरबाद हो गये हैं. रोड पर अपना सामान रखकर खुले आसमान के निचे रहने को लोग मजबूर हैं.
छपरा (सारण) : आठ घंटे ठप रहा ट्रेनों का परिचालन
छपरा-बलिया रेलखंड पर बाढ़ का पानी आ जाने से शनिवार की रात ट्रेनों का परिचालन बंद रहा. शनिवार की रात 10:30 बजे मंडल रेल प्रशासन के निर्देश पर ट्रेनों का आवागमन बंद किया गया. इसके बाद सुबह आठ बजे फिर से परिचालन बहाल किया जा सका. छपरा-सीवान रेलखंड पर भी छपरा जंकशन तथा टेकनिवास के बीच बाढ़ के पानी का दबाव बढ़ गया है. इस वजह से रेलवे ट्रैक पर निगरानी बढ़ा दी गयी है. छपरा तथा गौतम स्थान के बीच ब्रह्मपुर पुल के पास चल रहे रेलवे पुल के निर्माण कार्य भी ठप हो गया है .
आरा : जिले की छह लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में
गंगा और सोन नद के रौद्र रूप धारण करने के कारण जिले के छह प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गयी है. आरा शहर में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. आरा से सटे आरा-बक्सर और आरा-सरैंया मार्ग पर बाढ़ का पानी बहने के कारण आवागमन ठप पड़ गया है. वहीं, शहर के कई मुहल्लों के घरों में पानी घुसने के बाद लोगों का सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन जारी है. तटबंध से लगे स्लुइस गेटों की सुरक्षा को लेकर पुलिस बलों की तैनाती कर दी गयी है.
कटिहार में रिंग बांध कटा, भरा बाढ़ का पानी
कटिहार. बरारी प्रखंड की गुरुमेला पंचायत के सीजटोला में स्थित रिंग बांध रविवार को टूट गया. बांध टूटने के साथ ही गंगा का पानी कई गांवों में फैल गया है. गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से तकरीबन 1500 परिवार प्रभावित हुए हैं. गंगा के पानी के दवाब से करीब 60 मीटर रिंग बांध कट गया, जिससे तेजी से गंगा के पानी का बहाव गुरूमेला सीज टोला, दास टोला में घुस रहा है. लगभग 1500 परिवारों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है.
मुंगेर की कई पंचायतों में भरा पानी
मुंगेर : गंगा उफान पर है और चारों ओर बाढ़ का पानी फैल चुका है. यूं तो हर तीन-चार वर्षों बाद बाढ़ आती रही है. लेकिन इस वर्ष बाढ़ की स्थिति सन 1976 जैसी उत्पन्न हो गयी है. मुंगेर में गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से लगभग 50 सेंटीमीटर उपर पहुंच चुकी है. फलत: शहर के सैकड़ों घरों में पानी प्रवेश कर गया है. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति भयावह हो गयी है.
गांव का गांव डूब गया है और चारों ओर हाहाकार मचा है. प्रशासनिक स्तर पर यूं तो बाढ़ पीड़ितों के लिए तीन राहत शिविर खोले गये हैं. प्रशासन द्वारा 23 पंचायत एवं मुंगेर शहर के चार वार्ड को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है. जहां बाढ़ से जन जीवन पूरी तरह से अस्त व्यक्त हो गया है. सदर प्रखंड के छह, बरियारपुर के 11, धरहरा के 3 एवं जमालपुर प्रखंड के 3 पंचायत में बाढ़ ने विकराल रूप घारण कर लिया है. लोगों को सड़क पर आशियाना बनाना पड़ गया है.
लखीसराय : पिपरिया प्रखंड मुख्यालय का संपर्क टूटा
दो प्रखंडों को अपनी चपेट में लिए हुए था, लेकिन शनिवार की देर रात से इसने अपने क्षेत्र का विस्तार करते हुए सूर्यगढ़ा एवं लखीसराय के कुछ गांवों को भी अपनी चपेट में ले लिया है़ वहीं बाढ़ के पानी बढ़ने से जिले के पिपरिया प्रखंड मुख्यालय का जिला मुख्यालय से पथ संपर्क भंग हो गया है
बेगूसराय : जिले में ढाई लाख लोग बाढ़ की चपेट में
जिले के छह प्रखंडों की दो दर्जन से अधिक पंचायतें बाढ़ की चपेट में है. लगभग ढाई लाख लोग बाढ़ के पानी से घिर कर संघर्ष कर रहे हैं. सबसे अधिक खराब स्थिति जिले के बलिया, शाम्हो,बछवाड़ा, मटिहानी प्रखंडों की है. मटिहानी, शाम्हो, बलिया में सैकड़ों वैसे परिवार हैं, जिनके घरों में पांच से छह फुट तक पानी लगा हुआ है.नतीजा है कि हजारों लोग अपने-अपने घरों को छोड़ कर सड़क पर या ऊंचे स्थानों पर शरण ले चुके हैं.
रविवार को मटिहानी एवं बेगूसराय नगर निगम क्षेत्र के कई हिस्सों का अवलोकन करने के बाद यह बात सामने आया कि बड़ी आबादी बाढ़ की चपेट में आकर त्राहिमाम कर रहे हैं. मटिहानी के लवहरचक बांध के किनारे बसे 65 वर्षीय चंद्रकला देवी कैमरा को देखते ही परेशान हो उठती हैं. वह कहती है बाबू फोटू की खिचै छैय हमरा सबके बचाबैय के प्रयास करो. हम सब बहुत परेशान छियो.घर में केय दिन से पानी घुसल छो. .घर के सब लोग बांध पर रैह रहलो हन.
कुछ दूर आगे बढ़ने के बाद कुछ मवेशी के साथ बांध के किनारे 55 वर्षीय रामपुकार साव काफी परेशान दिखे. उनका कहना था कि बाढ़ के कहर में आदमी के साथ-साथ जानवरों की परेशानी काफी अधिक बढ़ी है. मवेशी कई दिनों से पानी में ही रह रहे हैं. अभी तक किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिल पायी है. यह सिर्फ एक-दो लोगों का दर्द नहीं वरन हजारों ऐसे परिवार हैं जो बाढ़ की विभीषिका में संघर्ष कर रहे हैं.
शासन और प्रशासन बाढ़ पीडि़तों को संतुष्ट करने में पूरी तरह से फेल हो चुका है.प्रतिवर्ष दियारा क्षेत्र के लाखों लोग प्राकृतिक आपदा के होते हैं शिकार : जिले के दियारा क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोग प्रतिवर्ष प्राकृतिक आपदा का शिकार होते रहते हैं.
बाढ़,सुखाड़,अग्निकांड की मार से दियारा क्षेत्र में रहने वाले इन किसानों, मजदूरों की कमर टूट चुकी है.ज्ञात हो कि भीषण अग्निकांड के प्रकोप से प्रतिवर्ष जिले के बलिया,साहेबपुरकमाल,मटिहानी, शाम्हो, बछवाड़ा के लोग न सिर्फ प्रभावित होते हैं वरन चंद मिनटों में ही अग्निदेवता इनके आशियाने और अरमान को जला कर राख कर देते हैं. अग्निदेवता के प्रकोप को झेल कर लोग इसकी भरपायी भी नहीं कर पाते हैं कि बाढ़ अपना विकराल रूप धारण कर लोगों के बीच तबाही मचा देता है.पूरे वर्ष जिले के दियारा क्षेत्र के लोग आपदा का सामना करते-करते अब थक चुके हैं.
साहेबपुरकमाल संवाददाता के अनुसार सादपुर पूर्वी पंचायत के वार्ड संख्या चार और पांच में डायरिया फैलने के कारण करीब एक दर्जन लोग आक्रांत हो गये . डायरिया की चपेट आये रोगियों का बलिया के निजी क्लीनिकों में इलाज चल रहा है. प्रखंड मुख्यालय से करीब नौ किलोमीटर दूर अवस्थित सादपुर गांव में जलजमाव और गंडक नदी का बाढ़ का पानी से घिरी आबादी डायरिया फैलने से काफी भयभीत हैं. सादपुर पूर्वी पंचायत की मुखिया बबीता कुमारी ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को आवेदन देकर डायरिया की रोकथाम का उपाय करने की मांग की है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव के बीच सड़क पर सालो भर पानी जमा रहता है. डायरिया फैलने से मुकेश पोद्दार,उसकी पत्नी संगीता देवी,चार वर्षीया पुत्री अन्नू कुमारी,सास सरस्वती देवी,चुना देवी,सुजीत कुमार,दिलीप यादव,मीतू कुमारी, कारिगल कुमार आदि आक्रांत हो गये हैं. ग्रामीणों ने बताया कि डायरिया फैलने के बावजूद स्वास्थ्य उपकेंद्र में पदस्थापित एएनएम अब तक सुधि लेने नहीं आयी है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकरी डॉ राकेश कुमार ने बताया कि तुरंत मेडिकल टीम को भेजकर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.
बछवाड़ा संवाददाता के अनुसार गंगा नदी के पानी में हो रही लगातार वृद्धि के कारण दियारे के दादपुर,विशनपुर,चमथा एक, दो, तीन समेत गोविंदपुर 3,रानी 1,2,3,गोधना पंचायत के लोगों के ऊपर खतरा मंडराने लगा है .वहीं जमींदारी बांध उर्फ रिंग बांध जगह -जगह टूट जाने के कारण गुप्ता बांध समेत एनएच 28 पर खतरा बढ़ गया है. गोविंदपुर पंचायत के सुरो,रानी दो पंचायत के बेगमसराय ,रानी एक पंचायत के झमटिया घाट व मुक्तिधाम समेत अन्य जगह बांध टूट जाने के कारण स्थानीय लोगों में त्राहिमाम मचा है .
बाढ़ पीडि़तों ने बताया कि राहत सामग्री वितरण के नाम पर सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला है. वहीं जिला परिषद सदस्य दुलारचन सहनी, पूर्व जिला परिषद सदस्य रामोद कुंवर ,समाजसेवी वंदना सिंह ,राजकुमार सहनी, मुखिया शंकर साह, पंसस सिकंदर कुमार बाढ़ पीडि़तों से मिलकर बाढ़ में फंसे हजारों लोगों को निकालने की अविलंब व्यवस्था करने की मांग जिलाधिकारी से की है.बाढ़पीडि़त लालबाबु यादव,पंकज राय,अवधेश पासवान,राजीव कुमार, चंदन कुमार, रवि कुमार ,राधा देवी, बेबी कुमारी, सीमा देवी समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे.
बरौनी संवाददाता के अनुसार डीएम बेगूसराय के निर्देश पर तेघड़ा के बीडीओ भरत कुमार सिंह ने रविवार को रातगांव पंचायत के बिसौआ व भगवानपुर चक्की गांव में बाढ़ पीडि़तों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया. बीडीओ भरत कुमार सिंह ने बताया कि बाढ़ पीडि़तों के बीच फिलहाल चूड़ा,चीनी,नमक,मोमबत्ती, माचिस आदि सामान वितरित किये गये हैं. इस अवसर पर प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डॉ ललन कुमार,भगवानपुर के अंचल अधिकारी अशोक कुमार,मुखिया सुमन कुमारी सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे.
तेघड़ा संवाददाता के अनुसार मधुरापुर निपनियां पंचायत से लेकर भगवानपुर चक्की तक बाढ़ का कहर जारी है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से स्थिति बदतर होती जा रही है. तेघड़ा नगर पंचायत के वार्ड 23, 24 एवं 25 में पानी प्रवेश कर गया है. लगभग 250 परिवार बाढ़ से त्रस्त हैं.
निपनियां-मधुरापुर के वार्ड संख्या 9, 10, 11, 12 एवं 13 में लगभग 500 घर बाढ़ से ग्रस्त हैं. बाढ़ ग्रस्त इलाकों में घर में रखा अनाज, भूसा बरबाद हो गया है. नगर क्षेत्र के 250 परिवार बाढ़ से पीड़ित हैं. नौका की व्यवस्था नहीं रहने के कारण बाढ़ पीडि़तों के लिए राशन और चारे की व्यवस्था करना कठिन हो रहा है. प्रशासन ने हाइ अलर्ट जारी कर दिया है.
बछवाड़ा. प्रखंड क्षेत्र के दादुपुर व विशनपुर पंचायत के सैकड़ों बाढ़ पीडितों ने सरकार द्वारा बाढ़ पीडि़तों को कोई सुविधा नहीं दिये जाने को लेकर रविवार को गोविंदपुर पंचायत के सुरो गांव के समीप एनएच 28 को घंटो जाम कर पदाधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेवाजी किया.
बाढ़ पीडि़त शंभु कुमार राय,प्रेमनाथ राय,लालबाबू यादव,अवधेश पासवान,राजीव कुमार,रवि कुमार,संजय राय,रंजीत राय,मनोज कुमार विनय कुमार,राम ईकबाल आदि पीडि़तो ने बताया कि बताया कि पूरे दियारे के लोग करीब पंद्रह दिनों से बाढ़ के कारण अपना घर छोड़कर बांध या किसी अन्य ऊ ंचे स्थान पर माल मवेशी के साथ रह रहे हैं.
लेकिन प्रशासन के द्वारा किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी गई है. बाढ़ पीडि़तों को प्रयाप्त मात्रा में नाव नहीं दी गयी है. जिस कारण दैनिक उपयोग के लिए सामग्री लाने ले जाने की भारी मुसीबत है. बाढ़ पीडि़तो को खाने की समस्या है. मवेशी भूखे रहकर बीमार पर रहे है. डॉक्टरों की व्यवस्था नहीं है. बाढ़ पीडि़त कई दिनों भूख- प्यासे बांध पर रहने को मजबूर हैं. लेकिन प्रशासन के द्वारा बाढ़ पीडि़तांे खाद्यान,पॉलीथीन, माचिस, मोमवत्ती, चूरा शक्कर आदि चीजो की अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गयी है .
बाढ़ पीडि़तांे का कहना था की जिलाधिकारी के बाढ़ क्षेत्र निरीक्षण के दौरान दादुपुर घाट पर तीन दिनों के अंदर प्रर्याप्त नाव की व्यवस्था की बात कही गई थी लेकिन एक सप्ताह गुजर गये लेकिन नाव नहीं दी गयी है.
करीब दो घंटे के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी वीरेन्द्र कुमार के द्वारा राहत सामग्री समेत अन्य बाढ़ पीडि़तांे की समस्या का निदान करने के आश्वाशन पर जाम को समाप्त किया . मौके पर एएसआई प्रदुमन सिंह,भाजपा नेत्री वंदनासिंह,प्रमुख प्रतिनिधि मुकेश कुमार,मुखिया शंकर साह,पंसस सिकंदर कुमार,विजय शंकर दास समेत पुलिस बल मौजूद थे .
: पंसस ने किया बाढ़ पीडि़तो के बीच राहत सामग्री का वितरण
दादूपुर पंचायत के भगवानपुर गांव स्थित गुफा टोल दियारे में बाढ़ पीडि़तो के बीच रानी एक पंचायत के पंसस सदस्य सिकंदर कुमार के द्वारा राहत सामग्री का वितरण किया गया .उन्होंने बाढ़ पीडि़तांे के बीच चुरा,शक्कर,माचिस,मोमबत्ती का वितरण किया गया . उन्होंने बाढ़ पीडि़तों कि दयनीय स्थिति को देखते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचलाधिकारी से पीडि़तो के लिए प्रयाप्त मात्रा में नाव,भोजन,मवेशी का चारा आदि राहत सामग्री देने की मांग की है.
जनप्रतिनिधियों ने बाढ़ग्रस्त इलाके का किया दौरा
प्रखंड क्षेत्र के पांच बाढ़ प्रभावित दियारे पंचायत के विभिन्न इलाके का दौरा स्थानीय विधायक,जनप्रतिनिधि,राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओ ने किया. दियारे के चमथा एक,दो,तीन दादूपुर,विशनपुर,पंचायत समेत झमिटया के विभिन्न इलाके में जाकर बाढ़ पीडि़तो से मिलकर विभिन्न समस्याओं से रू-ब-रू हुआ.
उन्होंने जिला प्रशासन से बाढ़ पीडि़तो को जल्द सारी सुविधा मुहैया कराने की मांग की. निरीक्षण के दौरान स्थानीय विधायक रामदेव राय,भाजपा नेत्री वंदना सिंह,प्रखंड प्रमुख मंजू देवी,पूर्व प्रमुख कमल पासवान,पूर्व जिला परिषद रामोद कुंवर,प्रमुख प्रतिनिधि मुकेश कुमार,रामानंद साह,रोहित कुमार,राहुल कुमार,सुजीत कुमार,दिगंबर चौधरी,विट्टू कुमार,राममूर्ति आदि लोग मौजूद थे.
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