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आय से अधिक संपत्ति मामले में मंत्री-विधायक व पूर्व विधायकों को जारी किया जायेगा नोटिस
कसेगा शिकंजा. आय से अधिक संपत्ति के मामले में आयकर विभाग करेगा कार्रवाई आय के स्रोत से संतुष्ट नहीं होने के कारण विभाग जन प्रतिनिधियों को नोटिस जारी कर बुलायेगा और संपत्ति का ब्योरा देने को कहेगा. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर इन पर तीन गुना तक पेनाल्टी की जायेगी. पटना : आय से अधिक […]
कसेगा शिकंजा. आय से अधिक संपत्ति के मामले में आयकर विभाग करेगा कार्रवाई
आय के स्रोत से संतुष्ट नहीं होने के कारण विभाग जन प्रतिनिधियों को नोटिस जारी कर बुलायेगा और संपत्ति का ब्योरा देने को कहेगा. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर इन पर तीन गुना तक पेनाल्टी की जायेगी.
पटना : आय से अधिक संपत्ति के मामले में आयकर विभाग ने पिछले साल 16 जनप्रतिनिधियों को नोटिस जारी किया था. इसमें छह जनप्रतिनिधियों ने जो जवाब दिया है, वह संतोषजनक नहीं है. यह मामला 2014 में हुए उप-चुनाव के दौरान का है. इस वजह से इन जनप्रतिनिधियों पर आयकर विभाग इनका मामला दोबारा खोलकर इनके खिलाफ फिर से नोटिस जारी करने जा रहा है.
इनसे पूछा जायेगा कि आखिर पांच साल के दौरान इनकी संपत्ति में पांच गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी कैसे हो गयी. इन्होंने अब तक जो आय का स्रोत बताया है, उससे यह स्पष्ट रूप से पता नहीं चल पाया है कि इनकी संपत्ति में इतने ज्यादा की बढ़ोतरी कैसे हो गयी है.
आय के स्रोत से संतुष्ट नहीं होने के कारण इनकम टैक्स इन्हें नोटिस जारी कर बुलायेगा और संपत्ति का ब्योरा देने को कहेगा. इसके बाद भी संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर इन पर तीन गुना तक पेनाल्टी किया जायेगा. जिन जनप्रतिनिधियों पर नोटिस जारी हुआ है, उसमें कई वर्तमान में मंत्री व विधायक हैं. जबकि कुछ चुनाव हार चुके हैं.
इस बार दोनों चुनावों में जमकर अवैध धन का उपयोग हुआ है, इसकी बड़े स्तर पर आशंका आयकर समेत कई जांच एजेंसियों ने ही जतायी है. लोकसभा चुनाव के दौरान ही करीब 200 करोड़ रुपये अवैध ढंग से पकड़े गये थे. इन रुपयों को आयकर व बिहार पुलिस ने मिलकर कई स्थानों से जब्त किये थे. इसी तरह विस चुनाव के दौरान भी करीब 100 करोड़ रुपये राज्यभर में अलग-अलग स्थान से पकड़े गये थे.
इन रुपयों का कोई हिसाब नहीं मिलने के कारण इन्हें जब्त कर लिया गया था. इससे यह साफ हो गया था कि चुनाव में बड़े स्तर पर अवैध रुपये का खेल चला है. फिर भी आयकर विभाग ने अभी तक इसकी जांच करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी है. सूत्र बताते हैं कि लोस चुनाव के प्रत्याशियों की जांच ही ठंडे बस्ते में डाल दी गयी है. जहां तक विधानसभा चुनाव की बात है, तो लोकसभा की जांच ही नहीं शुरू हुई है, तो विधानसभा की जांच कैसे होगी.
छह जनप्रतिनिधियों पर फिर से जारी होगा नोटिस
तौसिफ आलम (वर्तमान एमएलए, बहादुरगंज), श्रवण कुमार (नालंदा से वर्तमान विधायक और ग्रामीण विकास मंत्री), गुड्डी चौधरी (पूर्व विधायक, रुन्नी सैदपुर), मनोज कुमार सिंह (पूर्व विधायक, कुढ़नी), कृष्णनंदन पासवान (पूर्व विधायक, हरसिद्धि) और सुनील पांडे (पूर्व विधायक, तरारी)
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