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आग लेकर निकले पुजारी, पीछे श्रद्धालु
डाली पूजा : महामारी से लोगों को बचाने के लिए 198 साल पहले शुरू हुई थी परंपरा डाली (खप्पड़) पूजा में गुरुवार को 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. 198 साल से निकाली जा रही है माता की डाली. फुलवारीशरीफ : 198 सालों से निकाली जा रही डाली (खप्पड़ ) पूजा में […]
डाली पूजा : महामारी से लोगों को बचाने के लिए 198 साल पहले शुरू हुई थी परंपरा
डाली (खप्पड़) पूजा में गुरुवार को 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. 198 साल से निकाली जा रही है माता की डाली.
फुलवारीशरीफ : 198 सालों से निकाली जा रही डाली (खप्पड़ ) पूजा में गुरुवार को 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा. श्रद्धालु माता के जयकारे लगाते पारंपरिक हथियार तलवार, भाला, लाठी आदि लेकर डाली के साथ संगत पर स्थित माता काली के मंदिर से निकले और टमटम पड़ाव,चौराहा गली, सदर बाजार, प्रखंड मुख्यालय मोड़ होकर वापस मंदिर पहुंचे. इस बीच पूरा नगर जय माता दी ,सातों बहनों की जय ,देवी माई की जय ,शीतला माता की जय , मां शेरा वाली की जय आदि के जयकारे से गुंजायमान होता रहा. निर्धारित समय साढ़े सात बजते ही माता के जयकारे का शंखनाद के बीच हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ डाली के साथ हो चली.
विधि- विधान के साथ पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के पुजारी डाली (खप्पड़) में जलता हुआ आग लेकर मंदिर से निकले और उनके पीछे- पीछे दौड़ता रहा आस्था का जनसैलाब. खप्पड़ पूजा में शामिल होने दूर दराज से महिलाएं ,पुरुष, बच्चे व युवा शाम से ही मंदिर के पास जमा होने लगे थे. शाम के तीन बजते ही श्रद्धालुओं की भीड़ आनी शुरू हो गयी.
सात बजते ही मंदिर परिसर में तिल रखने की जगह नहीं थी और मंदिर से जुड़े लोग की भीड़ को संभाल रहे थे. भीड़ काे देखते हुए दो घंटे तक एनएच 98 पर आवागमन को रोक दिया गया. भारी वाहनों और छोटे वाहनों को थाना मोड़ से पश्चिम और खोजा इमली से पूरब रोक दिया गया. शाम साढ़े सात बजते ही माता के जयकारे का शंखनाद के बीच हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ डाली के साथ हो चली.
198 साल से िनकाली जा रही है डाली
मान्यता के अनुसार 198 साल पूर्व महामारी से फुलवारीशरीफ और आसपास के लोगों की जान बचाने के लिए पहली बार माता की डाली निकाली गयी थी. तब से आज तक हर वर्ष डाली पूजा की परंपरा चली आ रही है.
डाली पूजा में शामिल होने पहुंचे जदयू विधायक श्याम रजक काे मंदिर के पुजारी ने विधि- विधान से पूजा अर्चना कराया. विधायक श्याम रजक ने कहा की महामारी रोकने के लिए वर्षों पूर्व से चली आ रही डाली पूजा परंपरा और आस्था का अनूठा संगम है. उन्होंने कहा की सभी धर्मों के लोग इस प्रसिद्ध पूजा को सफल बनाने में अपना योगदान देते हैं.
इस मौके पर एएसपी राकेश कुमार, थानेदार अब्दुल गफ्फार, बीडीओ शमशीर मल्लिक, सीओ अरुण कुमार, बेऊर ,जानीपुर ,गर्दनीबाग की पुलिस, रैपिड एक्शन,बीएमपी समेत महिला बटालियन वज्र वाहन के साथ पूरे इलाके में मुस्तैद रहे.
फुलवारीशरीफ : सालाना श्रावणी पूजन महोत्सव में नगर व ग्रामीण इलाके से श्रद्धालुओं का सैलाव उमड़ा रहा. फुलवारीशरीफ के चुनौटी कुआं स्थित नव दुर्गा मंदिर में सैंकड़ों श्रद्धालु महिलाएं सर पर कलश में गंगा जल लेकर नंगे पांव पहुंची. कलश यात्रा अनीसाबाद, पेठिया बाजार, चौराहा, महतवाना व शहीद भगत सिंह चौक होते हुए नव दुर्गा मंदिर में पहुंचा.
कलश में गंगा जल लिए पहुंची श्रद्धालु महिलाओं ने मंदिर की परिक्रमा कर पवित्र गंगा जल शिवलिंग पर चढ़ाया. यहां सड़क किनारे खड़े हजारों की भीड़ ने पुष्प वर्षा कर सिर पर कलश लिए श्रद्धालु महिलाओं का स्वागत किया. इस दौरान जय माता दी जय माता दी के जयकारे से नगर गुंजायमान होता रहा.
कलश यात्रा को लेकर नगर में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. मंदिर समिति के सदस्यों के मुताबिक माता मंदिर में जागरण और भंडारा का कार्यक्रम भी होगा. उधर नवादा (वाल्मी ) मोड़ स्थित श्री श्री मां काली पूजा समिति की ओर से कलश यात्रा का आयोजन किया गया. पूजा समिति के रमेश प्रसाद दांगी ने बताया की शुक्रवार को 24 घंटे का अखंड कीर्तन और शनिवार को कलश विसर्जन किया जायेगा.
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