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70 हजार चापाकलों पर खर्च होंगे 350 करोड़

राहत. इंजीनियरों को स्वीकृत चापाकल को गाड़ने का निर्देश मुख्यमंत्री चापाकल योजना के तहत वर्ष 2014-15 व 2015-16 में शेष बचे हुए चापाकलों के गाड़ने में तेजी आयेगी. पटना : राज्य में मुख्यमंत्री चापाकल योजना के तहत शेष बचे हुए लगभग 70 हजार चापाकल गाड़े जायेंगे. अगले साल मार्च तक सभी चापाकल गाड़े जाने की […]

राहत. इंजीनियरों को स्वीकृत चापाकल को गाड़ने का निर्देश
मुख्यमंत्री चापाकल योजना के तहत वर्ष 2014-15 व 2015-16 में शेष बचे हुए चापाकलों के गाड़ने में तेजी आयेगी.
पटना : राज्य में मुख्यमंत्री चापाकल योजना के तहत शेष बचे हुए लगभग 70 हजार चापाकल गाड़े जायेंगे. अगले साल मार्च तक सभी चापाकल गाड़े जाने की संभावना है. चापाकल गाड़ने पर लगभग 350 करोड़ खर्च होंगे. फिलहाल सरकार ने चापाकल गाड़ने के लिए सौ करोड़ जारी किया है.
सरकार से राशि जारी होने के बाद पीएचइडी विभाग ने चापाकल गाड़ने की प्रक्रिया में तेजी लायी है. विभाग ने इंजीनियरों को स्वीकृत चापाकल को गाड़ने का निर्देश जारी किया है. मुख्यमंत्री चापाकल योजना के तहत वर्ष 2014-15 व 2015-16 में शेष बचे हुए चापाकल के गाड़ने में तेजी आयेगी. दोनों वित्तीय साल के स्वीकृत चापाकलों में लगभग 65 हजार पांच सौ चापाकल शेष बच गये हैं. पांच सौ चापाकल तकनीकी खराबी की वजह से बंद है.
उसे भी मरम्मत कर चालू किया जायेगा. सरकार के सात निश्चय में शामिल हर घर नल का जल योजना के बाद से चापाकल गाड़ने का काम बंद हो गया. जबकि विधायकों व विधान पार्षदों ने अपने-अपने क्षेत्र में स्थल चिह्निंत कर चापाकल गाड़ने की स्वीकृति दी थी. विभागीय मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री चापाकल योजना बंद है. अब हर घर नल का जल पहुंचाने पर काम होना है. यह सरकार के सात निश्चय में शामिल है. वर्ष 2014-15 व 2015-16 में शेष बचे हुए चापाकल गाड़ने का काम होगा. इसके लिए सौ करोड़ मिला है.
सदस्यों ने उठाया था मामला
मुख्यमंत्री चापाकल योजना के बंद होने के बाद विधान सभा व विधान परिषद में सदस्यों ने इसे प्रमुखता से उठाया था. विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस पर अपनी सहमति व्यक्त की थी.
विधायक व विधान पार्षद इस बात की मांग कर रहे थे कि घर-घर नल का जल पहुंचाने की योजना शुरू होने में देरी है. ऐसी स्थिति में जहां पानी की समस्या है वहां चापाकल लगाना जरूरी है. जनप्रतिनिधियों की मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएचइडी के कार्यक्रम में इस बात पर मुहर लगायी कि जहां पानी की समस्या है वहां चापाकल लगेगा.
योजना व विकास विभाग की तैयार सूची में विधायकों के अनुशंसा पर चापाकल लगाने पर सहमति बनी. मुख्यमंत्री चापाकल योजना के तहत विधान पार्षदों को सौ-सौ चापाकल लगाने का लक्ष्य रखा गया. सभी जिले में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री चापाकल योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्राें में पांच चापाकल प्रति ग्राम पंचायत लक्ष्य रखा गया.
शहरी क्षेत्रों में नगर निगम में प्रति वार्ड तीन चापाकल, नगर परिषद में दो चापाकल प्रति वार्ड व नगर पंचायत में एक चापाकल प्रति वार्ड लगाने का लक्ष्य रखा गया.

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