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एनपीसीसी पर कसेगा शिकंजा

मामला लोकनायक जयप्रकाश भवन के अधूरे एनेक्सी भवन का पटना : केंद्रीय निर्माण एजेंसी नेशनल प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनपीसीसी) पर अब शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. डाकबंगला चौराहे पर बनाये गये जिला पर्षद के लोकनायक जयप्रकाश भवन के अधूरे पड़े एनेक्सी का 50 लाख रुपया 2003-04 से ही एजेंसी के पास जमा है. […]

मामला लोकनायक जयप्रकाश भवन के अधूरे एनेक्सी भवन का
पटना : केंद्रीय निर्माण एजेंसी नेशनल प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनपीसीसी) पर अब शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. डाकबंगला चौराहे पर बनाये गये जिला पर्षद के लोकनायक जयप्रकाश भवन के अधूरे पड़े एनेक्सी का 50 लाख रुपया 2003-04 से ही एजेंसी के पास जमा है.
इसके बावजूद भवन को अधूरा छोड़ दिया गया है. जिला पर्षद के मुताबिक उपयोगिता प्रमाणपत्र देने के बाद कंपनी को 50 लाख रुपये एडवांस दिये गये थे. बावजूद काम शुरू नहीं किया गया. इस बीच एजेंसी को कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन नतीजा सिफर रहा. पर्षद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अब एजेंसी पर मुकदमा करने की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने कानूनी विशेषज्ञों की मदद ली है. अब इस संबंध में जल्द ही कार्रवाई हो सकती है. प्रभात खबर ने इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसके बाद पर्षद हरकत में आया था.
भवन के सात तल्लों का निर्माण तो हो चुका है. लेकिन फिनिशिंग के पहले ही एजेंसी ने हाथ खड़ा कर दिया. जिला पर्षद की मालिकाना हक वाले लोकनायक भवन के साथ ही एनेक्सी भी बनाया जा रहा था. भवन के पीछे डाकबंगला के रूप में प्रयोग किये जानेवाले एनेक्सी के लिए भी उसी वक्त वर्क आर्डर दिया गया था.
वर्क आर्डर के बाद जब नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड ने वहां पर काम शुरू किया, तो खुदाई के दौरान कई पुरातात्विक चीजें मिली थी. उसके बाद पुरातत्व विभाग ने काम रोक दिया था. कोर्ट की अनुमति के बाद 92 में काम शुरू हुआ और 96 तक इसे पूरा कर लिया गया. 96 में ही कंस्ट्रक्शन कंपनी ने हाथ खड़ा कर दिया था. जिला पर्षद से मिली जानकारी के अनुसार एनपीसीसी ने पूरे पैसे नहीं मिलने का बहाना बना कर हाथ खड़ा कर दिया था. उसी वक्त तत्कालीन जिला पर्षद के पदाधिकारियों ने इस विवाद को सुलझाने की कोशिश की.
जिम्मेवार बोले
एजेंसी ने राशि लेने के बाद भी काम पूरा नहीं किया है. हम कानूनी विशेषज्ञों की सलाह ले रहे हैं, यदि कोई रास्ता नहीं निकला, तो केस कर, वापस हर्जाना मांगेंगे.
अमरेंद्र कुमार, सीइओ, पटना जिला पर्षद
हम कुछ दिनों पहले ही यहां पर आये हैं. अद्यतन स्थिति की बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है. फाइलों का अध्ययन करेंगे और बतायेंगे कि आखिर क्या हकीकत है?
यूएन ठाकुर, बिहार जोनल मैनेजर
एनपीसीसी

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