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आंगनबाड़ी केंद्रों की ‘सेल्फी रिपोर्ट’

आंगन मोबाइल एप का किया गया शुभारंभ पटना : अब बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) व पर्यवेक्षिकाएं आंगनबाड़ी केंद्रों की फर्जी रिपोर्ट जिला मुख्यालय को नहीं भेज सकेंगी. इन अधिकारियों को अपनी डेली निरीक्षण रिपोर्ट आंगनबाड़ी केंद्रों की सेल्फी के साथ मोबाइल सॉफ्टवेयर पर अपलोड करना होगा. आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी को लेकर बनाये गये […]

आंगन मोबाइल एप का किया गया शुभारंभ
पटना : अब बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) व पर्यवेक्षिकाएं आंगनबाड़ी केंद्रों की फर्जी रिपोर्ट जिला मुख्यालय को नहीं भेज सकेंगी. इन अधिकारियों को अपनी डेली निरीक्षण रिपोर्ट आंगनबाड़ी केंद्रों की सेल्फी के साथ मोबाइल सॉफ्टवेयर पर अपलोड करना होगा. आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी को लेकर बनाये गये विशेष मोबाइल एप ‘ आंगन ‘ की लांचिंग बुधवार को डीएम एसके अग्रवाल ने की.
उन्होंने कहा कि बगैर केंद्रों पर पहुंचे रिपोर्ट तैयार करने की शिकायतों को देखते हुए इस एप को लांच किया गया है.लाभुकों के खान-पान पर नजर : डीएम ने कहा कि सीडीपीओ मोबाइल एप पर आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका व लाभुकों की उपस्थिति के साथ-साथ उनको दिये जानेवाले खान-पान की डेली रिपोर्ट देंगी. जांच में देखा जायेगा कि खाना साप्ताहिक मेनू के अनुसार बना है. या नहीं. केंद्र पर दी जा रही सेवाओं का स्तर क्या है? रिपोर्ट को तैयार करने के तुरंत बाद दो तसवीर अधिकारियों को एप पर डालना है. इसमें एक तसवीर केंद्र के बच्चों के साथ संचालिका का होगा और दूसरा सेल्फी मोड़ में आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण करने गये पदाधिकारी का होगा.
जिसमें बच्चे व केंद्र स्पष्ट दिख रहा हो. उन्होंने कहा कि आगे एप में जीपीएस सिस्टम को जोड़ा जायेगा, जिसे कि वास्तविक रूप से निरीक्षण के क्रम में स्थल चिह्नित हो सके. इसके लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, आइसीडीएस को भी उक्त एप में जोड़ा जा रहा हैं, ताकि वे भी विभिन्न केंदों का निरीक्षण कर सकें.
एक माह में 30 केंद्रों का निरीक्षण डीएम ने प्रत्येक बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को महीने में कम-से-कम 30 आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है. सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं को भी नियमित रूप से निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है.
अगले सोमवार को उपस्थिति एप उपस्थति एप का भी अगले साेमवार को शुभारंभ होगा, जो कि प्रखंड स्तर तक काम करेगा. यह एप के माध्यम से सुबह व शाम दोनों समय कौन से कर्मचारी आये और कितने बजे गये, उसकी निगरानी करेगा. यह अटेंडेंस का फोटो लेकर साढ़े दस बजे एप पर डाल देगा. उसके बाद शाम में छुट्टी की टाइमिंग पर जाने का अटेंडेंस डाला जायेगा, जिससे अधिकारी व कर्मचारी दोनों की टाइमिंग की निगरानी मुख्यालय स्तर पर आराम से शुरू हो जायेगा.

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