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सभी प्रमंडलों में खुलेंगे विश्वविद्यालय : अशोक चौधरी

मुंगेर प्रमंडल में कोई विश्वविद्यालय न खोलने के प्रस्ताव पर भाजपा विधायक नाराज पटना : बिहार के सभी प्रमंडलों में एक-एक विश्वविद्यालय खुलेंगे. सूबे की शिक्षा व्यवस्था भी दुरुस्त होगी. उक्त बातें मंगलवार को शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने विधानसभा में कही. वे सदन में ’बिहार राज्य विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, 2016 पर बोल रहे थे. […]

मुंगेर प्रमंडल में कोई विश्वविद्यालय न खोलने के प्रस्ताव पर भाजपा विधायक नाराज
पटना : बिहार के सभी प्रमंडलों में एक-एक विश्वविद्यालय खुलेंगे. सूबे की शिक्षा व्यवस्था भी दुरुस्त होगी. उक्त बातें मंगलवार को शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने विधानसभा में कही. वे सदन में ’बिहार राज्य विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, 2016 पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि झारखंड बंंटवारे के बाद पटना और पूर्णिया में विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ाना जरूरी था.
वर्षों से लोग इसकी डिमांड भी कर रहे थे. मगध विश्वविद्यालय का पटना के बाद नालंदा प्रमंडल में विस्तार किया जा रहा है. इसके अलावा बीएन मंडल विश्वविद्यालय और नालंदा विश्वविद्यालय भी खुलेंगे. सूबे में पहले ही आर्यभट्ट नाॅलेज विश्वविद्यालय की स्थापना हो चुकी है.
विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक में मुंगेर प्रमंडल को कोई तव्वजो नहीं दिये जाने पर भाजपा विधायक विजय सिन्हा ने गहरी नाराजगी जतायी. उन्होंने इस मामले को विधान सभा की संयुक्त प्रवर समिति का सौंपने की मांग की. भाजपा विधायक नंद किशोर यादव ने कहा कि पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का नाम बदले बिना उसके नाम में गुरु गोविंद सिंह का नाम भी जोड़ा जाये. संयोग से अगले वर्ष उनकी 350 वीं जयंती मनायी जा रही है. उसी तरह पूर्णिया विश्वविद्यालय का नाम फणिश्वर नाथ रेणु के नाम पर करने की मांग की.
उन्होंने इस मामले में खुद मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने का आग्रह भी किया, हालांकि उनके सुझाव पर सीएम ने कोई जवाब नहीं दिया. विधान सभा में ‘बिहार कृषि विश्वविद्यालय(निरसन) विधेयक, 2016 भी कृषि मंत्री राम विचार राॅय ने पेश किया, जो सदन में सर्वसम्मति से पारित हो गया.
शोर में डूबा रहा विधान सभा का शून्यकाल
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी द्वारा कार्यस्थगन प्रस्ताव को अमान्य करने के बाद जैसे ही शून्यकाल की कार्यवाही आरंभ की कि प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार राज्य में महादलितों पर होनेवाले अत्याचार का मामला उठाया.
प्रतिपक्ष के नेता ने मांग की कि सरकार राज्य में महादलितों पर होनेवाले अत्याचार पर वक्तव्य दे. प्रतिपक्ष के नेता द्वारा उठाये गये सवाल पर संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष का ध्यान आकृष्ट कराया और पूछा कि विरोधी दल के नेता किस नियम के तहत बार-बार खड़े होकर सवाल पूछ रहे हैं.
विरोधी दल के नेता की बात पर ध्यान न देते हुए विधानसभा अध्यक्ष द्वारा शून्यकाल की सूचना पढ़ने के लिए सदस्यों का नाम पुकारा जाने लगा. इधर विपक्षी दल के अधिसंख्य सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे. सदस्यों के द्वारा शून्यकाल की सूचना हंगामें के बीच पढ़ी गयी.
ने की घटना में, मखदूमपुर में दलितों के साथ मारपीट और घर जलाने की घटना, दरभंगा में कुशेश्वर स्थान में दलितों से उत्पीड़न और किशनगंज और दरभंगा में दलित महिला को नंगा कर पीटने की घटना पर सरकार कुछ नहीं कर रही है. पिछले साल राज्य में महादलितों के खिलाफ 7874 मामले प्रकाश में आये थे.

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